
#चंदवा #धार्मिक_पुनर्निर्माण : शिव मंदिर परिसर में दुर्गा मंदिर और धर्मशाला निर्माण का लिया गया निर्णय नई कमेटी ने संभाली जिम्मेदारी
- सात दशक पुराने शिव मंदिर बुध बाजार के पुनर्निर्माण का निर्णय लिया गया।
 - मंदिर परिसर में दुर्गा मंदिर स्थापना और धर्मशाला निर्माण पर बनी सहमति।
 - नई कमेटी का गठन कर अध्यक्ष राजकुमार साहू ने एक वर्ष में भव्य रूप देने का संकल्प लिया।
 - धर्मशाला में गरीब और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की व्यवस्था होगी।
 - कार्यक्रम में महेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सैकड़ों श्रद्धालु और समाजसेवी उपस्थित रहे।
 
चंदवा (लातेहार)। आस्था और परंपरा के केंद्र रहे शिव मंदिर बुध बाजार, चंदवा में अब नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। करीब सात दशक पुराने इस मंदिर के कायाकल्प का निर्णय रविवार की रात आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। मंदिर के साथ-साथ परिसर में दुर्गा मंदिर स्थापना और भव्य धर्मशाला निर्माण की भी घोषणा की गई। इस निर्णय से क्षेत्र के लोगों में हर्ष का माहौल है।
मंदिर पुनर्निर्माण से जुड़े भावनात्मक संकल्प
बैठक में यह तय किया गया कि मंदिर का पुनर्निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक होगा। मंदिर के बगल में स्थित अधूरा हाल को पुनर्निर्मित कर दुर्गा मंदिर के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही मंदिर परिसर में भव्य धर्मशाला बनाने का भी निर्णय लिया गया ताकि गरीब और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने की सुविधा मिल सके। धर्मशाला का उपयोग सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के लिए भी किया जाएगा।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजकुमार साहू ने कहा: “शिव मंदिर बुध बाजार सात दशकों से लोगों की आस्था का केंद्र रहा है। अब इसे आधुनिक और भव्य रूप देने का समय आ गया है। एक वर्ष के भीतर इसका स्वरूप इतना आकर्षक होगा कि यह चंदवा की पहचान बन जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर का पुनर्निर्माण केवल निर्माण कार्य नहीं बल्कि यह जन-जन की भावनाओं और विश्वास का संगम है। सभी वर्गों के सहयोग से यह मंदिर श्रद्धा और एकता की मिसाल बनेगा।
नई कमेटी में युवाओं और वरिष्ठों का संतुलन
बैठक की अध्यक्षता महेंद्र अग्रवाल ने की, जिसमें सर्वसम्मति से पुरानी कमेटी को भंग कर नई कमेटी का गठन किया गया। नई टीम में वरिष्ठों और युवाओं दोनों का संतुलित प्रतिनिधित्व रखा गया है ताकि निर्माण कार्य में ऊर्जा और अनुभव दोनों का समन्वय बना रहे।
नई कमेटी में संरक्षक के रूप में रामकरण साहू, श्यामकरण साहू, केशव लाल चावड़ा, रामनाथ गुप्ता (राम बाबू), प्रेम शंकर भगत, राजेश चंद्र पांडेय, जगन्नाथ उपाध्याय, अशोक सिंह जडेजा, मोती लाल खत्री, महेंद्र प्रसाद साहू, के.के. पटवारी, कृष्ण मुरारी अग्रवाल, प्रमोद साहू, सीताराम अग्रवाल, अनिल साव तिरहुतिया, विजय साव, राजकुमार अग्रवाल, संतोष प्रसाद साहू, ओम प्रकाश गुप्ता, अशोक साहू, अमरदीप प्रसाद साहू, नारायण साहू, प्रदीप साहू, कुशेश्वर साव, संजय कुमार दुबे, राजेश सिंह राजू, सुरेश प्रसाद जायसवाल, अजय प्रसाद और रंजन शर्मा को शामिल किया गया है।
नेतृत्व टीम ने संभाली जिम्मेदारी
अध्यक्ष राजकुमार साहू के साथ कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत कुमार गुप्ता, धनसंग्रह प्रमुख आदर्श रवि राज, उपाध्यक्ष बिनोद कुमार साहू, श्रवण प्रसाद गुप्ता, अरविंद कुमार सिंह, अंकित कुमार (ननकू), विक्रम शर्मा बनाए गए हैं।
सचिव के रूप में राजेश प्रसाद और अंकित कुमार (अनपूर्णा), उप-सचिव प्रवीण अग्रवाल, डॉ. अनिल, संजय राम, कोषाध्यक्ष धनेश प्रसाद और दिनेश प्रसाद, मंदिर निर्माण प्रमुख राजू प्रसाद, अरुण कुमार प्रिंस (अधिवक्ता) और आशीष गुप्ता, कार्यालय प्रभारी रमेश प्रसाद और दिनेश प्रसाद (चेटर) को नियुक्त किया गया है।
मिशन मोड में होगा निर्माण कार्य
बैठक में सभी सदस्यों ने संकल्प लिया कि मंदिर पुनर्निर्माण, दुर्गा मंदिर स्थापना और धर्मशाला निर्माण का कार्य पूर्ण समर्पण, पारदर्शिता और जनसहयोग से किया जाएगा। यह भी तय किया गया कि कार्य की नियमित समीक्षा की जाएगी ताकि किसी भी स्तर पर देरी या अनियमितता न हो।
कार्यक्रम में गोपाल जायसवाल, कुणाल खत्री, सौरभ कुमार बिट्टू, देवनारायण साहू, विजय कुमार, विनय विद्यार्थी, अविनाश टूटू, धर्मेंद्र भारती, सुशील कुमार, राहुल रजक, चंद्रभूषण केसरी, गणेश कुमार, मुकेश कुमार, राजेश प्रसाद, सचिन कुमार, विष्णु कुमार, अनुराग कुमार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
न्यूज़ देखो: परंपरा से प्रगति की ओर
चंदवा के इस शिव मंदिर का पुनर्निर्माण केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह सामाजिक एकजुटता और सामुदायिक विकास का प्रतीक है। जब स्थानीय लोग एक साथ मिलकर किसी आस्था स्थल को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाते हैं, तो यह क्षेत्र की एकता और आत्मगौरव का प्रतीक बन जाता है। यह कदम आने वाली पीढ़ियों को आस्था के साथ-साथ संगठन की ताकत का भी संदेश देगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आस्था और सेवा का संगम
शिव मंदिर का यह पुनर्निर्माण हमें यह सिखाता है कि आस्था का असली अर्थ समाज के लिए कार्य करना है। जब लोग एकजुट होकर किसी अच्छे कार्य की दिशा में बढ़ते हैं, तो वह सिर्फ मंदिर नहीं, बल्कि एक नए युग की नींव रखते हैं।
अब समय है कि हम सब भी अपने क्षेत्र के धार्मिक और सामाजिक स्थलों के विकास में योगदान दें।
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