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बिस्किट के साथ चाय की खुशबू बनी मातम: किचन की दीवार गिरने से भाई की मौत, बहन गंभीर

#Dumka #Accident : मासूम भाई-बहन पर टूटा कुदरत का कहर — किचन की दीवार बनी मौत का कारण

सुबह की खुशियां बनी मातम में तब्दील

झारखंड के दुमका जिले के हंसडीहा थाना क्षेत्र के बबनखेता गांव में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। 7 वर्षीय अमन कुमार, पिता पप्पू राउत, सुबह दुकान से बिस्किट खरीद कर लाया। उसका इरादा था कि बहन के साथ चाय-बिस्किट का आनंद लेगा।

12 वर्षीय बहन मौसम कुमारी चाय बनाने के लिए किचन में गई, लेकिन यह पल उनके लिए मौत का साया लेकर आया।

कैसे हुआ हादसा?

किचन की दीवार, जो ईंट और मिट्टी से बनी और काफी पुरानी थी, अचानक भरभरा कर गिर गई। दीवार गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि घरवाले भागते हुए पहुंचे। तब तक भाई-बहन मलबे में दब चुके थे

गांव के एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा: “सब कुछ पल भर में हो गया। किसी ने सोचा भी नहीं था कि दीवार इतनी कमजोर थी।”

परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से दोनों को बाहर निकाला। अमन कुमार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मौसम कुमारी गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।

किचन की पुरानी दीवार बनी जानलेवा

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह दीवार काफी समय से जर्जर हालत में थी। घर में मरम्मत की जरूरत थी, लेकिन हालात और संसाधनों की कमी के कारण इसे अनदेखा किया गया।

परिवार और गांव में मातम

इस हादसे ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया है। मृतक अमन घर का सबसे छोटा बच्चा था। उसकी मासूमियत और मुस्कान से घर में रौनक रहती थी। अब वही घर सन्नाटे में डूब गया है।

गांव के बुजुर्ग रामलाल हेम्ब्रम ने कहा: “गरीबी और लापरवाही मिलकर जानलेवा हो जाती है। इस तरह की दीवारें खतरा बन सकती हैं।”

न्यूज़ देखो: हादसों से सबक लेने का समय

यह घटना एक बार फिर बताती है कि जर्जर घरों में रहना कितना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसे परिवारों की मदद करनी चाहिए, ताकि ऐसी त्रासदियां दोबारा न हों। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सुरक्षित घर, सुरक्षित जीवन

आपके आसपास भी अगर कोई जर्जर घर या कमजोर दीवार है, तो तुरंत मरम्मत कराएं या प्रशासन को सूचित करें। अपनी राय कमेंट में साझा करें और इस खबर को शेयर करें, ताकि ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए लोग जागरूक हों

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