
#गढ़वा #रक्तदान_मानवता : मानवता की मिसाल बनी ‘टीम दिल का दौलत’ — बारिश से जूझते शहर में भी दो युवाओं ने ज़रूरतमंदों को जीवनदान दिया
- राकेश कुमार ने भारी बारिश के बीच किया पहला रक्तदान
- सिंकंदर कुमार ने निभाई ज़िम्मेदारी, किया अपना चौथा रक्तदान
- B+ और O+ रक्त की आपात ज़रूरत पर दोनों ने बिना देरी की मदद
- ब्लड बैंक में मौजूद टीम के सदस्यों ने बढ़ाया हौसला
- दौलत सोनी ने कहा: मौसम चाहे जो हो, मानवता नहीं रुकनी चाहिए
बारिश में भीगते पहुंचे ब्लड बैंक, निभाई इंसानियत की जिम्मेदारी
गढ़वा में सोमवार 30 जून की शाम लगातार हो रही बारिश ने जहां आम जनजीवन को थाम दिया, वहीं ‘टीम दिल का दौलत’ के दो सदस्य ऐसी विकट परिस्थिति में भी रक्तदान कर मानवता का फर्ज निभा गए।
राकेश कुमार ने अपना पहला रक्तदान कर B+ ब्लड की जरूरत वाले एक मरीज की जान बचाई। टीम को जैसे ही जरूरत की सूचना मिली, राकेश जी बिना एक पल गंवाए ब्लड बैंक पहुंचे और अपना खून देकर पहली बार में ही जीवनदायिनी सेवा का परिचय दिया।
सिंकंदर ने चौथी बार दिया जीवनदान
टीम के एक और सक्रिय सदस्य सिंकंदर कुमार ने O+ रक्त की आपातकालीन जरूरत पर अपना चौथा रक्तदान किया।
उन्होंने कहा:
सिंकंदर कुमार: “जब किसी की जान संकट में हो, तो भीगना, फिसलन या रास्ता कोई बाधा नहीं बन सकती।”
टीम दौलत के साथी रहे साथ, बढ़ाया हौसला
रक्तदान के समय ब्लड बैंक में विशाल कुमार, शुभाष गोंड, मोहित कुमार और श्याम नारायण जैसे प्रेरणादायक साथी मौजूद रहे, जिन्होंने न केवल लॉजिस्टिक सहयोग दिया, बल्कि रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन भी किया।
टीम के संयोजक युवा समाजसेवी दौलत सोनी ने कहा:
दौलत सोनी: “मानवता के लिए समर्पण तब सच्चा होता है जब कोई मौसम, दूरी या परेशानी हमारे रास्ते को न रोक सके। राकेश जी का पहला रक्तदान और सिंकंदर जी की निरंतर सेवा हमारी टीम के मजबूत संकल्प को दर्शाता है।”
गढ़वा में मानवता की पहचान बनती ‘टीम दिल का दौलत’
गढ़वा में ‘टीम दिल का दौलत’ अब मदद की पहली आवाज़ बन चुकी है।
बारिश हो या धूप, दिन हो या रात, यह टीम हर समय तैयार रहती है, और ऐसे समर्पण से गढ़वा में सकारात्मक ऊर्जा और उम्मीद की किरण बिखेर रही है।


न्यूज़ देखो: इंसानियत की मिसाल बनती टीम दिल का दौलत
जब मौसम भी रुकने को कहे, लेकिन कोई युवा उस वक्त रक्तदान करने निकल पड़े, तब वह सिर्फ रक्त नहीं, उम्मीद और जीवन देता है।
टीम दौलत की यह पहल गढ़वा के युवाओं को इंसानियत के लिए आगे आने का सच्चा उदाहरण है।
‘न्यूज़ देखो’ इस जज्बे को सलाम करता है।
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सकारात्मक सोच और सहयोग से ही बनेगा संवेदनशील समाज
समाज में ऐसे लोगों की ज़रूरत है जो बिना दिखावे के ज़रूरतमंदों की मदद को सबसे बड़ा धर्म मानें।
यदि आप भी किसी की जान बचा सकते हैं, तो आज ही रक्तदाता के रूप में जुड़ें।
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