
#गिरिडीह #ईदमिलादुनबी : नातों की सुगंध और अदब की चमक से रोशन हुई महफ़िल
- फ़रोग-ए-अदब गिरिडीह और मासूम क्लब झरियागादी के सहयोग से हुआ आयोजन।
- मो. सरफराज अंसारी ने अध्यक्षता की और सरफराज चाँद ने किया संचालन।
- मुख्य अतिथि रहे मो. अकरम रजा, विशिष्ट अतिथि मो. फिरदोस।
- नामचीन शायरों ने पेश की नातें और समां बाँधा।
- कार्यक्रम का समापन संस्थापक मुख्तार हुसैनी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
गिरिडीह। ईद मिलादुन्नबी के पाक मौके पर झरियागादी की शाम अदब और रूहानियत की खुशबू से सराबोर रही। फ़रोग-ए-अदब गिरिडीह के तत्वावधान और मासूम क्लब के सहयोग से 5 सितंबर की रात एक भव्य नातिया मुशायरा का आयोजन हुआ।
महफ़िल का आगाज़ और रौनक
कार्यक्रम की अध्यक्षता मो. सरफराज अंसारी ने की, जबकि संचालन सरफराज चाँद ने बड़े ही अदबी अंदाज़ में किया। मुख्य अतिथि के तौर पर मो. अकरम रजा और विशिष्ट अतिथि मो. फिरदोस मौजूद रहे, जिनकी मौजूदगी से महफ़िल की शान और बढ़ गई।
शायरों की पेशकश
इस मुशायरे में कई नामचीन शायरों ने अपनी नातों से महफ़िल को चार चाँद लगा दिए।
तसौव्वार वारसी, अल्हाज मशकूर मैकश, जावेद हुसैन जावेद, सलीम परवाज, सरफराज चाँद, एकरामुल हक वली, राशिद जमील, नेजाउद्दीन जहूरी, वसीम अहमद वसीम और मुख्तार हुसैनी ने अपनी पेशकश से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया।
आयोजन में सहयोग
कार्यक्रम की कामयाबी में मो. रियाज, मो. सद्दामूल, मो. साजिद, मो. कारू खान, मो. इस्माइल, गुलाम छोटू और मो. फखरुद्दीन का विशेष सहयोग रहा।
समापन
करीब रात 9 बजे यह अदबी जलसा अपने मक़सद की पूर्ति करते हुए संस्थापक मुख्तार हुसैनी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ संपन्न हुआ।
न्यूज़ देखो: अदब और आस्था का संगम
नातिया मुशायरा केवल एक साहित्यिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और मोहब्बत का इज़हार भी है। ऐसे कार्यक्रम समाज में भाईचारे और रूहानी एकता का संदेश देते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
रोशन रहे अदब और मोहब्बत का कारवां
अब समय है कि हम सब ऐसे आयोजनों को बढ़ावा दें, जिससे आने वाली नस्लें भी अदब, तहज़ीब और आस्था की इस रिवायत से जुड़ी रहें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि यह पैग़ाम दूर तक पहुँचे।