
#गिरिडीह #शिक्षा_संस्कृति : नगर विकास मंत्री ने झंडा मैदान स्थित स्कूल परिसर में किया प्रतिमा अनावरण, वैज्ञानिक विरासत को सहेजने का आह्वान
- नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने सर जेसी बोस की प्रतिमा का किया विधिवत अनावरण।
- झंडा मैदान के समीप स्थित सर जेसी बोस सीएम एक्सीलेंस स्कूल में आयोजित हुआ कार्यक्रम।
- स्कूली छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर अतिथियों का किया अभिनंदन।
- मंत्री ने गिरिडीह से सर जेसी बोस के ऐतिहासिक जुड़ाव को बताया गौरवपूर्ण।
- कार्यक्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी वसीम अहमद सहित कई गणमान्य रहे उपस्थित।
सोमवार को गिरिडीह शहर के झंडा मैदान के समीप स्थित सर जेसी बोस सीएम एक्सीलेंस स्कूल परिसर में एक गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब झारखंड सरकार के नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने महान वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बोस (जेसी बोस) की प्रतिमा का विधिवत अनावरण किया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में उत्साह और सम्मान का वातावरण देखने को मिला।
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूली छात्राओं द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत से हुई, जिसमें उन्होंने मंत्री और अन्य अतिथियों का पारंपरिक एवं सांस्कृतिक अंदाज में अभिनंदन किया। इसके बाद मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने विधिविधान के साथ सर जेसी बोस की प्रतिमा का अनावरण किया।
गिरिडीह और सर जेसी बोस का ऐतिहासिक संबंध
प्रतिमा अनावरण के पश्चात उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि यह दिन केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे गिरिडीह वासियों के लिए अत्यंत गौरव का दिन है। उन्होंने कहा कि महान वैज्ञानिक सर जेसी बोस का गिरिडीह से विशेष लगाव रहा है और यह शहर उनके जीवन व कार्यों से ऐतिहासिक रूप से जुड़ा रहा है।
मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा,
“आज का दिन हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। सर जेसी बोस जैसे महान वैज्ञानिक की प्रतिमा का अनावरण होना यह दर्शाता है कि हम अपनी ऐतिहासिक और वैज्ञानिक विरासत को कितना सम्मान देते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि सर जेसी बोस सीएम एक्सीलेंस स्कूल आज भी उनके नाम और उनकी वैज्ञानिक सोच की विरासत को सहेजने का कार्य कर रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।
शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में प्रेरणा का केंद्र
मंत्री ने अपने संबोधन में यह भी उल्लेख किया कि गिरिडीह जिले में स्थित एकमात्र विश्वविद्यालय का नाम भी सर जेसी बोस के नाम पर रखा गया है, जो इस क्षेत्र के लिए अत्यंत गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यह केवल नाम भर नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी जिम्मेदारी भी है कि हम उनके विचारों, उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण और उनकी उपलब्धियों को समाज के बीच जीवित रखें।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच, नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और सर जेसी बोस जैसे वैज्ञानिक युवाओं के लिए आदर्श हैं।
विरासत को संजोने का सामूहिक दायित्व
मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि महान व्यक्तित्वों की स्मृतियों और धरोहरों को सहेजना केवल सरकार का ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग का सामूहिक दायित्व है। उन्होंने शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों से आह्वान किया कि वे शिक्षा के साथ-साथ अपने इतिहास और वैज्ञानिक विरासत के प्रति भी सजग रहें।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित होती है और वे देश व समाज के लिए कुछ नया करने के लिए प्रेरित होते हैं।
शिक्षा विभाग की सक्रिय भागीदारी
इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी वसीम अहमद भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि सर जेसी बोस सीएम एक्सीलेंस स्कूल में प्रतिमा का अनावरण विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी है और इससे उन्हें विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
विद्यालय के प्राचार्य मुन्ना प्रसाद कुशवाहा ने भी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह विद्यालय गर्व महसूस करता है कि वह सर जेसी बोस जैसे महान वैज्ञानिक के नाम और उनकी विरासत से जुड़ा हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रतिमा स्थापना से विद्यालय के छात्र-छात्राओं में अनुशासन, जिज्ञासा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को और मजबूती मिलेगी।
विद्यालय परिसर में उत्सव का माहौल
प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के दौरान विद्यालय परिसर में उत्सव जैसा माहौल रहा। शिक्षक, विद्यार्थी और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। सभी ने इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए सहभागिता निभाई।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों ने विद्यालय परिसर का भ्रमण भी किया और विद्यार्थियों से संवाद कर उनके शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी ली।
न्यूज़ देखो: शिक्षा और विरासत का सुंदर संगम
सर जेसी बोस सीएम एक्सीलेंस स्कूल में प्रतिमा अनावरण न केवल एक औपचारिक कार्यक्रम रहा, बल्कि यह शिक्षा, विज्ञान और विरासत के सुंदर संगम का प्रतीक बना। इस तरह के आयोजन नई पीढ़ी को अपने इतिहास और महान वैज्ञानिकों से जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं।
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प्रेरणा का स्रोत बनें महान वैज्ञानिक
सर जेसी बोस जैसे वैज्ञानिकों की सोच आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।
आइए, हम सब मिलकर उनकी विरासत को सहेजें, शिक्षा को मजबूत करें और युवाओं को विज्ञान के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।
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