
#बानो #खेलकूद : श्रीहरि वनवासी विकास समिति के तत्वावधान में राज्यभर से प्रतिभागी भैया-बहनों का जुटान
- 31 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होगा।
- लचरागढ़ स्थित विवेकानंद विद्यालय परिसर में खेलकूद प्रतियोगिता संपन्न होगी।
- राज्य के विभिन्न सरस्वती शिशु/विद्या मंदिरों से आएंगे प्रतिभागी।
- प्रतियोगिता में एथलेटिक्स, कुश्ती और अन्य खेलों का आयोजन होगा।
- उद्देश्य — विद्यार्थियों में अनुशासन, सेवा और राष्ट्रीय चेतना का विकास।
बानो (सिमडेगा): वनवासी कल्याण केंद्र की शैक्षिक इकाई श्रीहरि वनवासी विकास समिति, झारखंड के तत्वावधान में द्वादश प्रांतीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड अंतर्गत विवेकानंद शिशु/विद्या मंदिर उच्च विद्यालय, लचरागढ़ में किया जा रहा है। आयोजन समिति के अनुसार, यह भव्य प्रतियोगिता राज्यभर के वनवासी विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा, परिश्रम और खेल भावना प्रदर्शित करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करेगी।
उद्घाटन और समापन समारोह की तैयारियां पूरी
यह दो दिवसीय प्रांतीय खेलकूद प्रतियोगिता 31 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) की सुबह 10:30 बजे उद्घाटन समारोह के साथ आरंभ होगी, जबकि समापन समारोह 1 नवंबर 2025 (शनिवार) को अपराह्न 3:30 बजे संपन्न होगा। दोनों दिनों में विद्यालय परिसर में उल्लास और उत्साह का वातावरण रहेगा। उद्घाटन अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद् और समाजसेवी मौजूद रहेंगे जो प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाएंगे।
वनवासी विद्यार्थियों का राज्यस्तरीय संगम
समिति के सदस्यों ने बताया कि इस प्रतियोगिता में झारखंड के विभिन्न सरस्वती शिशु और विद्या मंदिरों से आए हुए भैया-बहन हिस्सा लेंगे। ये छात्र न केवल अपनी खेल-कूद की दक्षता दिखाएंगे बल्कि अपने अनुशासन और संस्कार से आयोजन को प्रेरणादायक बनाएंगे। प्रतियोगिता में एथलेटिक्स, कुश्ती, कबड्डी, दौड़ और अन्य पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाएगा। हर विद्यालय से चुने गए प्रतिभागी इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
उद्देश्य — शिक्षा के साथ संस्कार और सेवा का संगम
आयोजन समिति ने बताया कि इस प्रतियोगिता का मकसद केवल खेल भावना को प्रोत्साहित करना नहीं, बल्कि वनवासी क्षेत्रों के विद्यार्थियों में संस्कार, सेवा, शिक्षा और स्वावलंबन की भावना को सशक्त बनाना है। इस आयोजन के माध्यम से विद्यार्थियों में एकता, अनुशासन, आत्मविश्वास और राष्ट्रीय चेतना का विकास किया जाएगा। समिति के एक सदस्य ने कहा कि यह आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा और देशभक्ति की भावना जगाने का माध्यम बनेगा।
समिति सदस्य ने कहा: “वनवासी अंचलों के विद्यार्थियों में अपार प्रतिभा है, बस उन्हें सही मंच की आवश्यकता है। यह आयोजन उन्हें आत्मविश्वास और प्रेरणा देगा।”
समाज और विद्यालयों का साझा प्रयास
इस प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए स्थानीय विद्यालयों, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों की भूमिका अहम रहेगी। विद्यालय परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है, वहीं सुरक्षा और व्यवस्था के लिए स्थानीय प्रशासन से भी सहयोग लिया जा रहा है। आयोजन समिति ने कहा कि प्रतिभागियों के ठहरने, भोजन और परिवहन की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
न्यूज़ देखो: खेलों से संस्कार और आत्मविश्वास का संगम
यह प्रतियोगिता केवल खेल तक सीमित नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और शैक्षिक उत्सव का रूप ले रही है जो वनवासी विद्यार्थियों को एक नई दिशा देगा। ऐसे आयोजनों से जहां प्रतिभा को पहचान मिलती है, वहीं समाज में शिक्षा और आत्मनिर्भरता का संदेश भी फैलता है।
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प्रेरणा बने वनवासी विद्यार्थियों का उत्साह
यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि प्रतिभा किसी सीमा की मोहताज नहीं होती। सुदूर अंचलों से आए विद्यार्थी अपनी मेहनत और समर्पण से यह सिद्ध कर रहे हैं कि अवसर मिले तो हर बच्चा चमक सकता है। अब समय है कि समाज इन प्रयासों की सराहना करे और अधिकाधिक सहयोग प्रदान करे। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और वनवासी बच्चों की प्रेरक कहानी को हर घर तक पहुंचाएं।




