
#घाघरा #सरकारी_भवन : निर्माण पूरा होने के बाद भी भवनों में सरकारी कामकाज शुरू नहीं हो सका, ग्रामीणों को सुविधा के लिए इंतजार
- घाघरा प्रखंड के पंचायतों में नई तहसील कचहरी और कर्मचारी आवास भवन उपयोग में नहीं।
- भवन जर्जर होकर दरवाजे टूटे और खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो चुके हैं।
- निर्माण पूरा होने के बाद भी आवंटन और संचालन शुरू नहीं हुआ।
- ग्रामीण सरकारी योजनाओं के लिए प्रखंड मुख्यालय का दौरा करने को मजबूर हैं।
- अंचल अधिकारी खाखा सुशील कुमार ने कहा कि भवन को जल्द उपयोग में लाया जाएगा।
घाघरा प्रखंड में कई पंचायतों में निर्मित तहसील कचहरी और कर्मचारी आवास भवनों का उद्देश्य ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर सरकारी सेवाएँ उपलब्ध कराना था। इन भवनों के निर्माण से ग्रामीणों को प्रखंड और जिला मुख्यालय का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रहनी थी। लेकिन वर्षों बीत जाने के बावजूद इन भवनों का न तो आवंटन हुआ और न ही नियमित संचालन शुरू हो सका। अब ये भवन जर्जर स्थिति में हैं, परिसर में लंबी झाड़ियाँ उग आई हैं और दरवाजे तथा खिड़कियों की स्थिति खतरनाक हो गई है।
भवनों की वर्तमान स्थिति
स्थानीय लोग बताते हैं कि तहसील कचहरी भवन का परिसर घास का मैदान बन गया है। भवन की देखभाल और सफाई न होने के कारण यह धीरे-धीरे खंडहर में बदलता जा रहा है। इसके चलते योजनाओं और सरकारी कार्यों का लाभ उठाने के लिए ग्रामीणों को प्रखंड मुख्यालय आने-जाने की मजबूरी बनी हुई है।
प्रशासनिक उपेक्षा और ग्रामीण प्रतिक्रिया
स्थानीय जनता का मानना है कि यदि समय रहते इन भवनों का उपयोग शुरू नहीं किया गया तो ये भी अन्य सरकारी भवनों की तरह उद्घाटन की प्रतीक्षा करते हुए खंडहर बन जाएंगे। ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि इस बात पर चिंता जता रहे हैं कि भवनों की उपेक्षा से जनता की सरकारी सेवाओं तक पहुँच बाधित हो रही है।
अंचल अधिकारी का आश्वासन
अंचल अधिकारी खाखा सुशील कुमार ने दूरभाष पर बताया:
खाखा सुशील कुमार ने कहा: “बहुत जल्द भवन को उपयोग में लाया जाएगा।”
उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रखंड और पंचायत स्तर की सेवाओं को जल्द ही स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराकर ग्रामीणों की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

न्यूज़ देखो: घाघरा की तहसील कचहरी, सरकारी उपेक्षा या जनसुविधा
यह मामला प्रशासन की अनदेखी और लंबित सरकारी परियोजनाओं के प्रति उदासीनता को उजागर करता है। भवनों का जल्दी उपयोग में न लाना ग्रामीणों के अधिकार और सेवाओं की उपलब्धता पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। प्रशासन को शीघ्र कदम उठाना चाहिए ताकि यह खंडहर प्रतीक न बने, बल्कि वास्तविक रूप से जनसुविधा का केंद्र बन सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सक्रिय नागरिक बनें और प्रशासन को जागरूक करें
स्थानीय प्रशासन के साथ संवाद बनाए रखना और सरकारी परियोजनाओं के नियमित संचालन की माँग करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार और जिम्मेदारी है। यह सुनिश्चित करना कि सरकारी सेवाएँ समय पर और प्रभावी रूप से उपलब्ध हों, हमारे समुदाय की भलाई के लिए आवश्यक है। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और प्रशासन को सक्रिय करने में योगदान दें ताकि घाघरा प्रखंड के भवन जनता के लिए वास्तव में उपयोगी बन सकें।





