
#लातेहार #जमीनविवाद : महुआडांड़ प्रखंड के अम्बवाटोली में बैगई जमीन पर विवाद गहराया सुलेमान बैगा ने आदिवासी विकास एकता मंच के सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए
- महुआडांड़ प्रखंड के मौजा अम्बवाटोली में बैगई जमीन विवाद गहराया।
- सुलेमान बैगा ने पांच लोगों पर जबरदस्ती सादे कागज पर अंगूठा लगवाने का आरोप लगाया।
- आदिवासी विकास एकता मंच ने जमीन पर घेराबंदी कार्य शुरू करने का दावा किया।
- सुलेमान बैगा ने कहा कि वह 40 वर्षों से सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।
- आरोपितों में मंगल देव नगेसिया, फलेस्वर मुंडा, बिनोद उरांव समेत पांच लोग शामिल।
- मामला अब खींचातानी और कानूनी कार्रवाई की मांग तक पहुंचा।
महुआडांड़ के अम्बवाटोली स्थित बैगई जमीन पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को आदिवासी एकता मंच के सदस्यों द्वारा घेराबंदी का आदेश प्राप्त करने के बाद सुलेमान बैगा ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई। उनका आरोप है कि संगठन से जुड़े लोगों ने उनकी सहमति के बिना जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की और उन्हें जबरन सादे कागज पर अंगूठा लगाने को मजबूर किया। इस घटना ने इलाके में तनाव और खींचातानी की स्थिति पैदा कर दी है।
बैगई जमीन विवाद की जड़
सुलेमान बैगा का कहना है कि 2 एकड़ 40 डी जमीन, जो रेंज ऑफिस के सामने स्थित है, पीढ़ियों से उनके परिवार की है। वे बताते हैं कि इस जमीन पर वर्षों से होलिका दहन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं। सुलेमान बैगा का दावा है कि यह भूमि उनकी परंपराओं और सामाजिक जीवन का अहम हिस्सा है, जिस पर किसी भी तरह का कब्जा अस्वीकार्य है।
जबरन अंगूठा लगवाने का आरोप
सुलेमान बैगा ने अपने आवेदन में विस्तार से बताया कि सुबह करीब 6:30 बजे जब वे शौच से लौट रहे थे, तभी आदिवासी विकास एकता मंच के मंगल देव नगेसिया, फलेस्वर मुंडा, बिनोद उरांव समेत पांच लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। आरोप है कि उन्हें जबरन उठाकर सरना भवन ले जाया गया, जहां उनसे धोती और गमछा पहनाकर ग्रुप फोटो खिंचवाया गया और फिर सादे कागजों पर कई बार अंगूठा लगवाया गया।
सुलेमान बैगा ने कहा: “मैं 40 वर्षों से अपने समाज की परंपरा और संस्कृति को बचाने में सक्रिय रहा हूं। अब मेरी जमीन छीनने की कोशिश हो रही है और मुझे धोखे से कागज पर अंगूठा लगवाया गया।”
अधिकारियों को दिया गया आवेदन
इस मामले को गंभीर बताते हुए सुलेमान बैगा ने महामहिम राज्यपाल झारखंड, मुख्यमंत्री, उपयुक्त लातेहार, सांसद चतरा, पुलिस अधीक्षक लातेहार, एसडीओ महुआडांड़, एसडीपीओ महुआडांड़ और थाना प्रभारी को लिखित आवेदन भेजकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जमीन विवाद को लेकर उन्हें न केवल मानसिक तनाव दिया जा रहा है, बल्कि जबरन हस्ताक्षर कराकर भविष्य में कानूनी चालबाजी की तैयारी की जा रही है।
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
सुलेमान बैगा ने इस विवाद को केवल जमीन तक सीमित न बताते हुए कहा कि यह उनके सांस्कृतिक अस्तित्व और परंपरा से जुड़ा मुद्दा है। वे बताते हैं कि वर्षों से उनके नेतृत्व में होलिका दहन और कई अन्य सामूहिक आयोजन होते आए हैं। ऐसे में इस जमीन का महत्व केवल संपत्ति के रूप में नहीं बल्कि समाज की आस्था और परंपरा से जुड़ा है।
बढ़ती खींचातानी से चिंता
गांव के कई लोग मानते हैं कि जमीन विवाद ने अब खींचातानी का रूप ले लिया है, जिससे आपसी भाईचारा प्रभावित हो सकता है। सुलेमान बैगा ने अधिकारियों से अपील की है कि इस विवाद को जल्द सुलझाया जाए ताकि सामाजिक माहौल खराब न हो।
न्यूज़ देखो: विवाद सुलझाने के लिए प्रशासन को करनी होगी सख्त पहल
बैगई जमीन विवाद अब केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामुदायिक समस्या का रूप ले चुका है। जबरन अंगूठा लगवाने जैसे आरोप समाज के विश्वास और न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं। प्रशासन को चाहिए कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे ताकि ऐसे विवाद भविष्य में न बढ़ें।
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परंपरा की रक्षा सबकी जिम्मेदारी
सुलेमान बैगा का यह संघर्ष केवल जमीन तक सीमित नहीं है, बल्कि एक परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा से जुड़ा है। अब समय है कि समाज और प्रशासन मिलकर ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए संवेदनशीलता और ईमानदारी से कदम बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि अधिक लोग जागरूक हो सकें।