
#सिमडेगा #संस्कृति_संरक्षण : अखंड पंचमी अवसर पर आयोजित दो दिवसीय तामड़ा जतरा महोत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुति, पारंपरिक नृत्य और कलाकारों के कार्यक्रमों ने हजारों ग्रामीणों को मंत्रमुग्ध किया।
- अखंड पंचमी पर दो दिवसीय तामड़ा जतरा महोत्सव धूमधाम से आयोजित।
- रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पाइका नृत्य ने समां बांधा।
- मुख्य अतिथि राजेश कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि विनोद बड़ाईक उपस्थित रहे।
- मशहूर कलाकारों इग्नेश कुमार, चिंता देवी, सुमन गुप्ता और अन्य की प्रस्तुति।
- कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा, सिमडेगा पुलिस दल-बल के साथ मौजूद रही।
- आयोजन समिति में सखी यादव, हीरा राम, कुबेर कैथवार और अन्य पदाधिकारियों की सक्रिय भूमिका।
सिमडेगा जिले के सदर प्रखंड के तामड़ा पंचायत में अखंड पंचमी के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय तामड़ा जतरा महोत्सव बुधवार रात शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच संपन्न हुआ। इस महोत्सव ने ग्रामीण संस्कृति, विरासत और पारंपरिक पहचान को मंच पर सजीव रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें हजारों ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मंच उद्घाटन से लेकर सांस्कृतिक प्रस्तुति तक पूरा कार्यक्रम उत्सव और परंपरागत उल्लास से भरा रहा।
मंच उद्घाटन और अतिथि संबोधन
मंच का शुभारंभ मुख्य अतिथि मजदूर नेता राजेश कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि मालसाड़ा मुखिया विनोद बड़ाईक, मुख्य संरक्षक सखी यादव और हीरा राम के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत रिबन काटकर की गई, जबकि स्वागत भाषण अध्यक्ष कुबेर कैथवार ने प्रस्तुत किया।
अध्यक्ष कुबेर कैथवार ने कहा: “इस प्रकार का आयोजन हमारी विरासत और संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”
मुख्य अतिथि राजेश कुमार सिंह ने कहा: “इस दो दिवसीय आयोजन के लिए समिति बधाई की पात्र है, क्योंकि ऐसे कार्यक्रम समाज में युवाओं को अपनी संस्कृति और परंपरा से जोड़ने का अनूठा अवसर प्रदान करते हैं। युवाओं को नशे जैसी बुराइयों से दूर रहकर समाज निर्माण में योगदान करना चाहिए।”
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां
कार्यक्रम की सांस्कृतिक शुरुआत मशहूर कलाकार इग्नेश कुमार के वंदना से हुई। इसके बाद चिंता देवी, सुमन गुप्ता, रतन बड़ाईक और पंचम राम ने एक से बढ़कर एक गीत, नृत्य और वादन प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
पारंपरिक पाइका नृत्य दल ने ढोल-नगाड़ों की ताल पर प्रस्तुतियां दीं, जिससे पूरा मंच और मैदान तालियों और उत्साह से भर गया।
सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ का उत्साह
कार्यक्रम के दौरान किसी भी अव्यवस्था से बचने के लिए सिमडेगा पुलिस दलबल के साथ उपस्थित रही। भीड़ नियंत्रण और सामंजस्य के साथ कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
हजारों लोगों की उपस्थिति ने दिखाया कि यह आयोजन केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि गांव की सामाजिक और सांस्कृतिक एकजुटता का प्रतीक बन चुका है।
आयोजन समिति की महत्वपूर्ण भूमिका
कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
मुख्य संरक्षक: शखी ग्वाला, हीरा राम, लाल महतो
अध्यक्ष: कुबेर कैथवार
उपाध्यक्ष: संतोष साहू, राहुल मिश्रा, विकास साहू, अरविंद कैथवार
सचिव: राहुल कैथवार
सहयोगी सदस्य: सुभाष कैथवार, किशोर मांझी
कोषाध्यक्ष: ब्रजनाथ कैथवार
अन्य संरक्षक/सहयोगी: मुकेश गोप, मनोज सिंह, अनूप केशरी, मनोज केशरी, शत्रुघन श्रीवास्तव, फूलचंद ठाकुर, जितेंद्र पुरी, मुकेश मिश्रा, अशोक गुप्ता, अशोक केशरी, धनंजय बैठा, मनीष केशरी, सचिन केशरी, रिजवान खलीफा, इमरान खलीफा
मीडिया प्रभारी: अमन मिश्रा
सह प्रभारी: राजन सिंह
न्यूज़ देखो: संस्कृति बचाने का संगठित प्रयास
तामड़ा जतरा महोत्सव साबित करता है कि ग्रामीण समाज अपनी संस्कृति से जुड़ा है और इसे पीढ़ी दर पीढ़ी संजोने का संकल्प रखता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को मंच मिलता है और समाज में सांस्कृतिक एकता मजबूत होती है। यह प्रशंसा योग्य है कि पूरा आयोजन सामुदायिक सहयोग से हुआ और युवा नेतृत्व ने भी जिम्मेदारी निभाई।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अपनी संस्कृति से जुड़ें, उसे आगे बढ़ाएं
समाज तब मजबूत बनता है जब उसकी जड़ें मजबूत हों, और संस्कृति उन्हीं जड़ों में से एक है। हमें अपनी लोक परंपराओं, गीत-संगीत और नृत्य को सिर्फ देखने के लिए नहीं, बल्कि उसे आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। युवाओं को अपने गांव की पहचान बनने का अवसर मिलता है और इससे समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
आप इस पहल के बारे में क्या सोचते हैं? कमेंट कर अपनी राय साझा करें, इस खबर को आगे भेजें और अपने क्षेत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने का संकल्प लें।
“`markdown





