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तोलरा में बन रहा अंडरपास बना ग्रामीणों के लिए मौत का कुआं: जनता में बढ़ती नाराजगी

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#विश्रामपुर #तोलरा_अंडरपास : ग्रामीणों ने अंडरपास के गलत स्थान चयन के खिलाफ जताई नाराजगी, सुरक्षा और सुविधा को लेकर चिंता
  • तोलरा गांव के ग्रामीणों ने अंडरपास के निर्माण को लेकर विरोध शुरू किया।
  • रेलवे अधिकारी और संवेदक ने गलत स्थान का चयन किया है, जिससे सुरक्षा खतरे में है।
  • वर्तमान अंडरपास में लगभग 15 फीट पानी भर गया, जिससे आवागमन बाधित हो रहा है।
  • ग्रामीणों की मांग: फाटक बंद न हो और अंडरपास मिडिल स्कूल के पास स्थानांतरित किया जाए।
  • अनिल तिवारी, धर्मराज तिवारी, गोखूल तिवारी और नारद तिवारी सहित दर्जनों ग्रामीण विरोध में शामिल।

विश्रामपुर के तोलरा गांव में दक्षिण पूर्व रेलवे के तहत बन रहे अंडरपास को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी व्याप्त है। ग्राम तोलरा के समाजसेवी अनिल तिवारी ने बताया कि गांव के पास पहले से एक फाटक है, जिससे लगभग 5000 लोगों की आवागमन सुविधा होती है। अब फाटक से मात्र 10 मीटर पूर्व अंडरपास का निर्माण हो रहा है, जिसे ग्रामीण बिलकुल सही नहीं मानते।

ग्रामीणों ने कहा कि यह स्थान भविष्य में खतरनाक साबित हो सकता है। तोलरा निवासी धर्मराज तिवारी उर्फ किरानी तिवारी ने बताया कि यदि अंडरपास मिडिल स्कूल के पास बनाया जाए तो स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को आवागमन में अधिक सुविधा होगी। वहीं गोखूल तिवारी ने इसे स्थान की दृष्टि से पूरी तरह अनुपयुक्त बताया। सेवानिवृत्त आर्मी सदस्य नारद तिवारी ने कहा कि रेलवे द्वारा गलत स्थान चयन किया गया है।

अंडरपास में पानी भरने से बाधित हुआ आवागमन

ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान निर्माण स्थल पर लगभग 15 फीट पानी भरा हुआ है। यह रास्ता लालगढ़, रजहरा, चेचन्हा सहित दर्जनों गांवों के लोगों के लिए मुख्य मार्ग है। पानी भरे होने के कारण स्कूली बच्चे और ग्रामीण अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। संकीर्ण जगह होने के कारण ग्रामीण उग्र हैं और किसी भी हालत में संवेदक द्वारा आगे का कार्य नहीं होने देंगे।

भूमालिकों और ग्रामीणों की आपत्ति

अंडरपास के पास जमीन अब रेलवे के लिए पर्याप्त नहीं बची है। इस पर भूमालिक राधेश्याम तिवारी, राजेन्द्र तिवारी, संतोष तिवारी, बसंत तिवारी और अन्य लोग असहज महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अंडरपास मिडिल स्कूल से मात्र 200 मीटर दूर स्थानांतरित किया जाए, जिससे दोनों ही समस्याओं का समाधान हो सके।

ग्रामीणों की दो प्रमुख मांगें हैं:

  1. मौजूदा फाटक किसी भी कीमत पर बंद न हो।
  2. अंडरपास का निर्माण मिडिल स्कूल के पास किया जाए।

विरोध प्रदर्शन और आगामी कार्रवाई

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे पलामू सांसद बिष्णु दयाल राम से मुलाकात करेंगे और जरूरत पड़ने पर आमरण अनशन की योजना बना सकते हैं। मौके पर राधेश्याम तिवारी, अखिलेश तिवारी, राजेन्द्र तिवारी, अमित तिवारी, बिट्टू तिवारी, छोटू तिवारी सहित कई लोग मौजूद थे और उन्होंने अंडरपास के निर्माण स्थल पर विरोध जताया।

न्यूज़ देखो: ग्रामीणों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोपरि

तोलरा के अंडरपास निर्माण विवाद से यह स्पष्ट होता है कि सड़क और रेलवे परियोजनाओं में ग्रामीणों की राय और सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती। सही स्थान का चयन न केवल सुविधा बढ़ाता है बल्कि भविष्य में घटनाओं से बचाव भी सुनिश्चित करता है। प्रशासन और रेलवे अधिकारियों को चाहिए कि वे स्थानीय लोगों की समस्या को गंभीरता से लें और समाधान निकालें।

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सुरक्षित और सुगम आवागमन के लिए समुदाय की भागीदारी जरूरी

ग्रामीणों की चेतावनी हमें याद दिलाती है कि विकास के नाम पर यदि सुरक्षा और सुविधा को अनदेखा किया जाए तो समस्याएं जन्म लेती हैं। अब समय है कि स्थानीय समुदाय और अधिकारियों मिलकर एक सुरक्षित और व्यावहारिक समाधान खोजें। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और सुनिश्चित करें कि विकास परियोजनाओं में लोगों की आवाज़ सुनी जाए

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