#दुमका #स्वतंत्रतादिवस : कुलपति के संबोधन में देशभक्ति और समाज सुधार का आह्वान
- प्रो. कुनुल कंदीर ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज।
- स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को किया नमन।
- तिरंगे के तीनों रंगों के महत्व पर दिया संदेश।
- सामाजिक बुराइयों को खत्म करने की अपील।
- विश्वविद्यालय को परिवार की तरह चलाने का संकल्प।
दुमका के सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुनुल कंदीर ने ध्वजारोहण कर सभी को देशभक्ति, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता का संदेश दिया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करते हुए समाज सुधार की दिशा में एकजुट होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया।
तिरंगे के रंगों में छिपा राष्ट्र का संदेश
समारोह में अपने संबोधन के दौरान कुलपति प्रो. कुनुल कंदीर ने तिरंगे के तीनों रंगों के महत्व को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि केसरिया रंग त्याग और साहस का प्रतीक है, सफेद रंग शांति और सत्य का द्योतक है, जबकि हरा रंग पर्यावरण संरक्षण और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने विशेष रूप से हरे रंग के महत्व को रेखांकित करते हुए सभी से पेड़-पौधों की रक्षा और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की अपील की।
स्वतंत्रता सेनानियों को नमन
प्रो. कंदीर ने देश की आज़ादी में स्वतंत्रता सेनानियों के अमूल्य योगदान को याद करते हुए कहा कि हमें उनके पदचिन्हों पर चलकर राष्ट्र को प्रगति की ओर ले जाना है। उन्होंने कहा कि आज का स्वतंत्र भारत इन वीरों के बलिदान का परिणाम है, और हम सबका कर्तव्य है कि हम उनके आदर्शों को जीवन में उतारें।
सामाजिक बुराइयों के खिलाफ संदेश
कुलपति ने अपने संबोधन में जातिवाद, दहेज प्रथा और धार्मिक भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सच्ची स्वतंत्रता तभी संभव है जब समाज में समभाव और समानता हो। आंतरिक स्वतंत्रता की दिशा में काम करना ही राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है।
विश्वविद्यालय को परिवार की तरह चलाने की प्रेरणा
प्रो. कंदीर ने विश्वविद्यालय को एक परिवार की तरह चलाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक, कर्मचारी और छात्र अपने दायित्वों का निर्वहन प्रेम, सद्भावना और कर्तव्यनिष्ठा के साथ करें। उन्होंने सभी से विश्वविद्यालय को शैक्षणिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से आगे ले जाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।
समारोह की गरिमा और उत्साह
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्रगण उपस्थित थे। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान गूंजा और पूरा परिसर देशभक्ति के माहौल से भर गया। सभी ने एकजुट होकर देश की एकता, अखंडता और विकास के संकल्प को दोहराया।



न्यूज़ देखो: शिक्षा के मंदिर से निकला समरसता का संदेश
सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता दिवस समारोह ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा के केंद्र केवल ज्ञान देने का स्थान नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और राष्ट्रीय एकता का स्तंभ भी हैं। कुलपति का संबोधन देशभक्ति और समाज सुधार के संगम का प्रेरणादायक उदाहरण रहा।
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एकजुट होकर बढ़ें राष्ट्र की ओर
स्वतंत्रता केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों की रक्षा का भी नाम है। आइए हम सब मिलकर अपने समाज को एकजुट, प्रगतिशील और प्रेरणादायक बनाने का संकल्प लें। इस खबर पर अपनी राय कॉमेंट करें और इसे अपने दोस्तों व परिवार के साथ शेयर करें ताकि यह प्रेरणा और आगे बढ़े।