
#राँची #शिक्षा_संकट : JTET नौ वर्षों से लंबित होने पर विधानसभा में उठी छात्रों के भविष्य की लड़ाई
- JTET 2016 के बाद से परीक्षा आयोजित नहीं, नौ वर्षों से प्रक्रिया ठप।
- माननीय जमुआ विधायक मंजू कुमारी ने सदन में मुद्दा मजबूती से उठाया।
- भर्ती विज्ञापन में JTET अनिवार्य, लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य प्रभावित।
- सरकार से JTET शीघ्र आयोजित करने की मांग।
- युवा–छात्रों की उम्मीदों और अधिकारों की सुरक्षा पर जोर।
झारखंड विधानसभा का सत्र आज छात्रों और अभ्यर्थियों की आवाज़ से गूंज उठा, जब जमुआ विधायक मंजू कुमारी ने नौ वर्षों से लंबित पड़े JTET (Jharkhand Teacher Eligibility Test) के मुद्दे को सदन में बेहद मजबूती के साथ उठाया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 और 2016 के बाद आज तक JTET का आयोजन न होना राज्य के हजारों योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया को सीधे प्रभावित कर रहा है। शिक्षा व्यवस्था से जुड़ा यह संवेदनशील विषय लंबे समय से युवाओं के भविष्य को अवरुद्ध कर रहा है।
नौ वर्षों से JTET लंबित, अभ्यर्थी इंतजार में बेरोज़गार
विधायक ने सदन में स्पष्ट कहा कि राज्य में कई भर्ती प्रक्रियाओं में JTET अनिवार्य योग्यता के रूप में दर्ज है, लेकिन परीक्षा न होने के कारण युवा आवेदन तक नहीं कर पा रहे हैं। इससे न केवल शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि शिक्षक बनने का सपना देख रहे हजारों अभ्यर्थी मानसिक, आर्थिक और कैरियर संबंधी कठिनाइयों से गुजर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि JTET में देरी सिर्फ एक परीक्षा का मुद्दा नहीं, बल्कि युवाओं की उम्मीदों और राज्य की शिक्षा गुणवत्ता दोनों पर असर डाल रहा है।
सरकार से JTET शीघ्र आयोजित करने की अपील
माननीय मंजू कुमारी ने सदन के माध्यम से सरकार से आग्रह किया कि छात्र हित और शिक्षा व्यवस्था के भविष्य को देखते हुए JTET परीक्षा का आयोजन तत्काल सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि योग्य अभ्यर्थी एक दशक से अवसरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं और अब सरकार को प्राथमिकता के आधार पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि युवाओं की उम्मीदों, मेहनत और अधिकारों की रक्षा करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और यह मुद्दा तब तक उठता रहेगा जब तक समाधान नहीं मिलता।
विधानसभा में छात्रों की ताकत महसूस हुई
आज का सत्र इस बात का संकेत था कि छात्रों–अभ्यर्थियों की आवाज़ अब न केवल सड़क पर, बल्कि सदन की कार्यवाही में भी प्रभावी रूप से दर्ज हो रही है। JTET जैसे महत्वपूर्ण परीक्षा का वर्षों तक न होना राज्य के प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े करता है और सरकार से त्वरित निर्णय की अपेक्षा बढ़ाता है।

न्यूज़ देखो: JTET पर त्वरित निर्णय समय की मांग
JTET का लंबित रहना न केवल युवाओं के भविष्य को रोक रहा है, बल्कि राज्य की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को भी कमजोर बना रहा है। सदन में मुद्दा उठना सकारात्मक कदम है, लेकिन अब ज़रूरत है कि सरकार जल्द से जल्द परीक्षा की तिथि निर्धारित करे।
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