
#दुमका #वनविभाग : दस दिन से दहशत फैला रहे लंगूर को रेस्क्यू टीम ने किया काबू
- 10 दिनों से दुमका से बासुकीनाथ तक फैला रहा था दहशत।
- जरमुंडी के एक घर से वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने पकड़ा।
- राहगीरों और बाइक सवारों पर करता था हमला।
- कई लोगों को काटकर घायल कर चुका था।
- अब वन विभाग की हिरासत में है उपद्रवी बंदर।
दुमका और आसपास के इलाकों में पिछले दस दिनों से लोगों में दहशत फैला रहा जंगली बंदर आखिरकार वन विभाग की गिरफ्त में आ गया है। यह लंगूर लगातार दुमका से बासुकीनाथ मार्ग तक लोगों पर हमला कर रहा था और कई ग्रामीणों को घायल कर चुका था। बुधवार को वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने बड़ी सतर्कता के साथ इस उपद्रवी बंदर को जरमुंडी स्थित एक घर से पकड़ लिया।
दस दिनों तक दहशत का आलम
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह बंदर राहगीरों पर अचानक हमला करता, बाइक सवारों को गिरा देता था और कई बार घरों में घुसकर सामान तक नुकसान पहुंचा देता था। इसके काटने से कई लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद वन विभाग की टीम को इसकी तलाश में लगाया गया।
रेस्क्यू टीम की सफलता
बुधवार सुबह सूचना मिलने पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद बंदर को काबू में किया। पकड़ने के दौरान टीम ने जाल और केज का इस्तेमाल किया ताकि बंदर को किसी तरह की चोट न पहुंचे। फिलहाल उसे सुरक्षित रूप से वन विभाग के संरक्षण में रखा गया है और आगे की जांच की जा रही है।
एक अधिकारी ने बताया: “लंगूर को पकड़ लिया गया है और अब उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा ताकि वह दोबारा किसी को नुकसान न पहुंचा सके।”
न्यूज़ देखो: राहत की सांस, पर सबक भी
इस घटना ने दिखाया कि मनुष्य और वन्यजीवों के बीच दूरी घटने से किस तरह टकराव बढ़ रहा है। दुमका प्रशासन और वन विभाग की त्वरित कार्रवाई से लोगों को राहत मिली है, पर जरूरत इस बात की है कि ऐसे हालात दोबारा न बनें।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूकता ही सुरक्षा की कुंजी
गांवों और कस्बों में वन्यजीवों के आने की घटनाएं अब आम हो रही हैं। हमें न केवल सतर्क रहना चाहिए, बल्कि वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता और समझदारी भी दिखानी चाहिए। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, और ऐसी घटनाओं की सूचना तुरंत संबंधित विभाग को दें ताकि सभी सुरक्षित रहें।