
#दुमका #अपराध : बढ़ती चोरी की घटनाओं से शहर में दहशत, पुलिस व्यवस्था पर सवाल
- भाजपा जिला कार्यालय का ताला तोड़कर चोरी।
- 25–30 हजार रुपये का सामान चोरों ने उड़ाया।
- टेबल, कुर्सियां, बल्ब सहित बिजली वायरिंग क्षतिग्रस्त।
- छत के रास्ते घुसे चोर, तीनों ताले टूटे मिले।
- सीसीटीवी नहीं होने से जांच में पुलिस को परेशानी।
दुमका शहर में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और चोर बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामला शनिवार रात का है, जब डंगालपाड़ा स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला कार्यालय में चोरी की घटना सामने आई। चोरों ने कार्यालय का ताला तोड़कर करीब 25 से 30 हजार रुपये मूल्य का सामान चुरा लिया। इस घटना ने एक बार फिर दुमका की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
छत के रास्ते घुसे चोर, ताले तोड़कर की वारदात
जानकारी के अनुसार, चोर छत के रास्ते भाजपा जिला कार्यालय में दाखिल हुए और अंदर रखे सामानों को निशाना बनाया। कार्यालय के तीनों ताले टूटे हुए पाए गए। चोरों ने कार्यालय से टेबल, प्लास्टिक की कुर्सियां, सात बल्ब चोरी कर लिए, वहीं बिजली बोर्ड और वायरिंग को भी नुकसान पहुंचाया गया। घटना के बाद कार्यालय परिसर में सामान बिखरा हुआ मिला।
सूचना पर पहुंची पुलिस, जांच में कठिनाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। हालांकि, कार्यालय में सीसीटीवी कैमरा नहीं होने के कारण पुलिस को जांच में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस आसपास के इलाकों में पूछताछ कर रही है और संभावित चोर गिरोह की तलाश में जुटी है।
लगातार बढ़ रही चोरी की घटनाएं
दुमका शहर में यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले हंसडीहा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल सहित कई चोरी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनकी गूंज विधानसभा तक पहुंची थी। बावजूद इसके, शहर में चोरी की घटनाओं पर अब तक प्रभावी अंकुश नहीं लग पाया है। लगातार हो रही वारदातों से आम लोगों में डर का माहौल है।
एक से अधिक गिरोह सक्रिय होने की आशंका
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह से शहर के अलग-अलग इलाकों में लगातार चोरी हो रही है, उससे एक से अधिक चोर गिरोह के सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है। लोगों ने पुलिस प्रशासन से गश्त बढ़ाने और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है।
न्यूज़ देखो: सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
भाजपा जिला कार्यालय में हुई चोरी की घटना ने दुमका की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जब राजनीतिक दलों के कार्यालय भी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता स्वाभाविक है। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस पर कितनी तेजी और सख्ती से कार्रवाई करता है।
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सुरक्षा व्यवस्था पर कब लगेगा लगाम?
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