
#महुआडांड़ #बिजली_संकट : गढ़बूढ़नी पंचायत के बराही गांव में खराब ट्रांसफार्मर और तारों की मरम्मत न होने से ग्रामीण परेशान
- बराही गांव में पिछले एक साल से बिजली ठप।
- दोनों ट्रांसफार्मर खराब, मरम्मत अब तक नहीं।
- ग्रामीणों ने विधायक और बिजली विभाग को दिया आवेदन।
- बच्चों की पढ़ाई और खेती-किसानी पर असर।
- रात में अंधेरा, जहरीले जीवों का खतरा।
- चेतावनी – समय पर कार्रवाई न हुई तो उग्र आंदोलन।
महुआडांड़ प्रखंड क्षेत्र के गढ़बूढ़नी पंचायत के बराही गांव में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप पड़ी है। गांव में लगे दोनों ट्रांसफार्मर करीब एक साल पहले खराब हो गए थे, लेकिन अब तक उनकी मरम्मत नहीं हो पाई है। इस कारण से सैकड़ों परिवार अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार आवेदन देने और नेताओं से गुहार लगाने के बावजूद उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
ग्रामीणों की मुख्य समस्या
गांव के लोगों ने बताया कि बिजली नहीं रहने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और खेती-किसानी का काम भी प्रभावित है। वहीं, रात के अंधेरे में सांप और जहरीले जीवों का खतरा हमेशा बना रहता है। इस समस्या से ग्रामीणों का जीवन कठिन हो गया है।
ग्रामीणों की अपील और मांग
ग्रामीणों प्रिया देवी, बंसती देवी, कजर मुंडा, सुरेंद्र मुंडा, जेरोम बरवा, बिमल पन्ना, रंजू केरकट्टा, कुलदीप बेक, सरिता कुजूर, मनवेल टोप्पो समेत दर्जनों महिला-पुरुषों ने बताया कि उन्होंने स्थानीय विधायक और बिजली विभाग को लिखित आवेदन देकर नया ट्रांसफार्मर लगाने और बिजली तार की वायरिंग की मरम्मत की मांग की है।
ग्रामीणों ने कहा: “यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो हम बाध्य होकर सड़क पर आंदोलन करेंगे।”
विभाग से कोई ठोस कदम नहीं
ग्रामीणों के मुताबिक महुआडांड़ के बिजली सब-स्टेशन में भी कई बार आवेदन दिए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। लोगों का कहना है कि अगर जल्द बिजली बहाल नहीं हुई तो आंदोलन करना ही उनकी मजबूरी होगी।
न्यूज़ देखो: बिजली संकट ने उजागर की लापरवाही
बराही गांव का यह बिजली संकट बताता है कि ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी कितनी गंभीर है। प्रशासन और बिजली विभाग की उदासीनता से लोग अंधेरे और असुरक्षा में जीने को मजबूर हैं। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह आंदोलन बड़े जनआंदोलन का रूप ले सकता है।
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बिजली है अधिकार न कि सुविधा
ग्रामीणों की पीड़ा हमें याद दिलाती है कि बिजली केवल सुविधा नहीं बल्कि बुनियादी अधिकार है। अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर आवाज उठाएं और सुनिश्चित करें कि गांव-गांव तक रोशनी पहुंचे। आप भी अपनी राय कमेंट में लिखें, इस खबर को ज्यादा से ज्यादा साझा करें और जागरूकता फैलाएं।