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अंचल कार्यालय में CO नहीं, जनता बेहाल – मनिका में जनहित कार्य लगातार प्रभावित

#मनिका #प्रशासनिक_उपेक्षा : CO की गैरमौजूदगी से रोजमर्रा के जरूरी सरकारी काम ठप — जनता को चक्कर काटने को मजबूर

अंचल कार्यालय का दृश्य: खाली कुर्सियां, मायूस फरियादी

लातेहार जिले के मनिका अंचल कार्यालय में इन दिनों एक ही नजारा है — अधिकारी गायब, फरियादी हताश। लगातार तीन दिनों से अंचलाधिकारी अनुपस्थित हैं, जिससे ग्रामीणों और आम नागरिकों को भारी परेशानी हो रही है। जनता की जमीन से जुड़ी समस्याएं, दाखिल-खारिज, जाति, आय, आवास प्रमाण पत्र जैसी प्रक्रियाएं ठप हो चुकी हैं।

दूर से आते हैं लोग, फिर लौटते हैं खाली हाथ

मनिका प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों से लोग अंचल कार्यालय में अपनी फरियाद लेकर आते हैं। लेकिन उन्हें सिर्फ निराशा ही मिल रही है। एक ही जवाब हर बार — “CO आज भी नहीं आए हैं।”

ग्रामीण भोला उरांव ने बताया: “मैं दो दिनों से आ रहा हूं दाखिल-खारिज के लिए। कोई सुनवाई नहीं हो रही। कोई कर्मचारी यह भी नहीं बता रहा कि अधिकारी कब आएंगे।”

ऐसे ही रामप्यारे खरवार, संजय सिंह, और बुलबुल देवी जैसे दर्जनों लोग दिनभर इंतज़ार कर निराश लौट रहे हैं।

जनप्रतिनिधियों की भी नाराज़गी

CO की लगातार गैरहाज़िरी पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर अधिकारी मौजूद ही नहीं रहेंगे, तो जनता की समस्याओं का समाधान कैसे होगा?

जिप सदस्य ललिता देवी ने कहा: “CO की गैरमौजूदगी से पूरा प्रखंड प्रभावित है। जिला प्रशासन को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।”

ठप पड़े हैं ये प्रमुख जनहित कार्य

CO की अनुपस्थिति से निम्नलिखित कार्य बाधित हैं:

इन कार्यों के लिए हर दिन सैकड़ों लोग आते हैं, लेकिन अधिकारी के नदारद रहने से उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है।

प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग

स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने लातेहार जिला प्रशासन से मांग की है कि CO की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कम से कम सप्ताह में निर्धारित दिनों पर अधिकारी जनता से मिलें और कार्य निपटाएं।

ग्राम प्रधान चंद्रमोहन सिंह ने कहा: “अगर अधिकारी उपस्थित नहीं होंगे तो जनता कैसे भरोसा करेगी कि उनका काम होगा? यह लापरवाही अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

न्यूज़ देखो: प्रशासन की लापरवाही पर जनता का आक्रोश

न्यूज़ देखो ने मनिका अंचल कार्यालय की इस गंभीर स्थिति को उजागर कर स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं। सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों की उपस्थिति न होना, सीधे-सीधे जनता के साथ अन्याय है। जब जनता को बार-बार आकर भी समाधान न मिले, तो यह प्रशासनिक संवेदनहीनता का जीता-जागता उदाहरण बन जाता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जवाबदेही की मांग ही पहला कदम है बदलाव की ओर

अगर आप इस क्षेत्र के निवासी हैं या यहां की स्थिति को बेहतर देखना चाहते हैं, तो इस खबर को शेयर करें, अपनी राय कमेंट करें और ज़िम्मेदार अधिकारियों तक बात पहुँचाएं।
समाज तब बदलता है जब नागरिक सजग होते हैं। आइए, बदलाव की इस यात्रा में भागीदार बनें।

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