Garhwa

प्रतिभा की कोई कमी नहीं है केवल आत्मविश्वास और निरंतर अभ्यास की जरूरत : केसर रजा

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#गढ़वा #कला_उत्सव : जिला स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता में दिखी बच्चों की अद्भुत प्रतिभा
  • झारखंड शिक्षा परियोजना के तहत गढ़वा में जिला स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता आयोजित।
  • कार्यक्रम का शुभारंभ जिला शिक्षा पदाधिकारी केसर रजा और कुलदीप अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया।
  • संगीत, नृत्य, नाटक, दृश्य कला, पारंपरिक कहानी वाचन समेत कई प्रतियोगिताओं में बच्चों ने लिया भाग।
  • निर्णायक मंडली में आनंद चौबे, दिव्या शर्मा, राजाराम प्रजापति सहित कई विशेषज्ञ रहे मौजूद।
  • आयोजन का उद्देश्य बच्चों की कलात्मक प्रतिभा की पहचान और राष्ट्रीय स्तर पर अवसर प्रदान करना।

गढ़वा। झारखंड शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में शुक्रवार को जिला स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता का आयोजन राज्यकृत रामा साहू मुख्यमंत्री उत्कृष्ट उच्च विद्यालय गढ़वा के प्रांगण में किया गया। इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी केसर रजा और अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुलदीप अग्रवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

समारोह को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी केसर रजा ने कहा,

“गढ़वा जिले में कला उत्सव के क्षेत्र में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। केवल आत्मविश्वास और निरंतर अभ्यास की जरूरत है। यदि बच्चे लगन से तैयारी करें तो निश्चित रूप से गढ़वा जिला राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी कला उत्सव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा।”

अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुलदीप अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा विभाग कला उत्सव के प्रति अत्यंत गंभीर है और इस आयोजन का उद्देश्य सभी बच्चों को मंच देकर उनकी कला को बढ़ावा देना है।

इस प्रतियोगिता में बच्चों ने संगीत (गायन, वादन, तंत्री/सुषिर, तालवाद्य), नृत्य, नाटक, दृश्य कला और पारंपरिक कहानी वाचन जैसी विधाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। बालक एवं बालिका वर्ग से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम का आयोजन स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार और शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इसका उद्देश्य माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा को पहचानना, उनके विकास को प्रोत्साहन देना और शिक्षा में कला के महत्व को बढ़ावा देना है।

निर्णायक मंडली में आनंद चौबे, दिव्या शर्मा, राजाराम प्रजापति, रितिका श्रीवास्तव, धर्मशील पांडे, शंभू कुमार त्रिपाठी और पुरुषोत्तम कुमार मिश्रा शामिल रहे। आयोजन की सफलता में संकुल साधन सेवी सह मीडिया प्रभारी देवेंद्र नाथ उपाध्याय, शिक्षक मनोज चौधरी, क्षितिज कुमारी, साधना कुमारी और कराटे ग्रैंड मास्टर मनोज सनसाई की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

न्यूज़ देखो: कला और शिक्षा का संगम

कला उत्सव जैसे आयोजन बच्चों को आत्मविश्वास और अपनी प्रतिभा को पहचानने का अवसर प्रदान करते हैं। शिक्षा के साथ कला का मेल ही समाज को समृद्ध करता है और नई पीढ़ी को संवेदनशील और रचनात्मक बनाता है।
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बच्चों की प्रतिभा ही देश का भविष्य

अब समय है कि हम बच्चों को न केवल पढ़ाई में बल्कि कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी प्रोत्साहित करें। आपकी राय इस विषय पर क्या है? कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि बच्चों की प्रतिभा को आगे बढ़ाने में समाज की साझेदारी बढ़े।

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Sonu Kumar

गढ़वा

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