
#गढ़वा #ओखरगाड़ाप्रखंडमांग — 50 हजार की आबादी, फिर भी प्रशासनिक उपेक्षा
- ओखरगाड़ा को अलग प्रखंड घोषित करने की मांग जोर पकड़ी
- ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा पूर्व मंत्री को
- 6 पंचायतों को मिलाकर नया प्रखंड बनाने की पहल
- पूर्व मंत्री ने दिया भरोसा, मुख्यमंत्री से फिर करेंगे बात
- 2013 में भी उठ चुकी है यह मांग, अब जनसंख्या 50,000 के पार
प्रशासनिक उपेक्षा से नाराज़ ग्रामीण बोले – “अब और नहीं, ओखरगाड़ा को चाहिए अपना प्रखंड”
गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत ओखरगाड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने सोमवार को पूर्व मंत्री व झामुमो महासचिव मिथिलेश ठाकुर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम एक गंभीर मांगपत्र सौंपा, जिसमें ओखरगाड़ा को अलग प्रखंड का दर्जा देने की मांग की गई। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि बढ़ती जनसंख्या और दूरस्थता के कारण उन्हें प्रशासनिक कार्यों में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया कि ओखरगाड़ा से मेराल प्रखंड मुख्यालय की दूरी काफी अधिक है, जिससे बुजुर्ग, महिलाएं और गरीब वर्ग के लोगों को बार-बार यात्रा कर सरकारी योजनाओं, भूमि विवादों और पेंशन जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए परेशान होना पड़ता है।
छह पंचायतों को मिलाकर नया प्रखंड बनाए जाने की मांग
बिकताम, ओखरगाड़ा पूर्वी, ओखरगाड़ा पश्चिमी, खोरिडीह, चेचरिया और अरंगी पंचायतों को मिलाकर ग्रामीणों ने एक नया प्रखंड गठित करने की मांग रखी है। उन्होंने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार क्षेत्र की आबादी 35,000 थी, जो अब बढ़कर लगभग 50,000 हो चुकी है।
ग्रामीणों ने यह भी याद दिलाया कि 2013 में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई।
पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जताया समर्थन
पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने ग्रामीणों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए कहा:
“मैं पहले भी मुख्यमंत्री के समक्ष यह मांग रख चुका हूं। अब एक बार फिर ओखरगाड़ा के लोगों की भावना को मजबूती से उठाया जाएगा। झामुमो हमेशा जनता की आवाज को ताकत देता रहा है।”
उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि वे यह मुद्दा सरकार के समक्ष मजबूती से दोहराएंगे।
सैकड़ों ग्रामीणों की रही भागीदारी, जगी नई उम्मीदें
इस मौके पर ओखरगाड़ा प्रखंड नवनिर्माण संघर्ष समिति के पदाधिकारी और सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। प्रमुख उपस्थित लोगों में जिला अध्यक्ष रामसागर उरांव, मुखिया रवींद्र कुमार गुप्ता, जमालुद्दीन अंसारी, सुरेश राम, उप प्रमुख निजामुद्दीन खान, पंचायत समिति सदस्य विनोद पासवान, उपेंद्र चंद्रवंशी, अवधेश कुमार पासवान, शोएब खान, दिलीप कुमार सिंह आदि शामिल रहे।
ग्रामीणों की यह संगठित पहल ओखरगाड़ा क्षेत्र में प्रशासनिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

न्यूज़ देखो: जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता
न्यूज़ देखो आपके स्थानीय अधिकारों और जनहित से जुड़े मामलों को प्रमुखता देता है। ओखरगाड़ा को प्रखंड बनाने की मांग वर्षों से लंबित है, अब इसे गंभीरता से लेकर सरकार को ठोस फैसला करना चाहिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अब जनता बोलेगी, सरकार को सुनना होगा
ओखरगाड़ा जैसे क्षेत्र, जहां जनसंख्या, संसाधन और भूगोल – तीनों की दृष्टि से प्रखंड का दर्जा बनता है, वहाँ प्रशासनिक सुविधा पहुंचाना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। ग्रामीणों की एकता अब बदलाव की दस्तक दे रही है।