
#पाण्डु #धरना_आंदोलन 05 जुलाई को प्रखंड मुख्यालय में एक दिवसीय धरना — पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार देने, मानदेय, बीमा और योजना लाभ की मांग को लेकर जुटेंगे सभी जनप्रतिनिधि
- 05 जुलाई को पाण्डु में एक दिवसीय धरना का आयोजन
- प्रखंड प्रमुख नीतू सिंह ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से शामिल होने की अपील की
- मानदेय, दुर्घटना बीमा, योजना लाभ समेत कई मांगों को लेकर होगा प्रदर्शन
- केरल मॉडल पर त्रिस्तरीय पंचायत को अधिकार देने की मांग उठेगी
- जिला परिषद, मुखिया, वार्ड सदस्य सभी को प्रदर्शन में आमंत्रण
पंचायत प्रतिनिधियों के हक़ के लिए पाण्डु में होगा धरना प्रदर्शन
पलामू जिले के पाण्डु प्रखंड में पंचायत प्रतिनिधियों को उनका वाजिब हक दिलाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है।
प्रखंड प्रमुख नीतू सिंह के नेतृत्व में 5 जुलाई, शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे से प्रखंड मुख्यालय पाण्डु के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
इस धरने में पाण्डु प्रखंड क्षेत्र के सभी मुखिया, उपमुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य को आमंत्रित किया गया है। सभी से अपील की गई है कि वे अपने हक की आवाज़ बुलंद करने के लिए एकजुट हों।
पंचायत प्रतिनिधियों की लंबित मांगें होंगी मुख्य मुद्दा
धरना का मुख्य उद्देश्य पंचायत प्रतिनिधियों को मिल रहे अधिकारों, संसाधनों और सुविधाओं की केरल मॉडल पर पुनः संरचना की मांग को लेकर है।
नीतू सिंह ने पत्र जारी कर बताया कि इस प्रदर्शन में खासतौर पर निम्नलिखित मांगें उठाई जाएंगी:
- पंचायतों को 15वें वित्त आयोग के तहत उचित अधिकार और बजट वितरण
- त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को स्थायी मानदेय और केरल की तर्ज पर अन्य लाभ
- स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा योजना का लाभ
- सभी सरकारी योजनाओं में पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करना
नीतू सिंह, प्रमुख पाण्डु ने कहा:
“यह धरना केवल विरोध नहीं, अपने अधिकारों को याद दिलाने का माध्यम है। पंचायत प्रतिनिधियों की आवाज़ अब दबेगी नहीं, हम संगठित होकर अपनी ताकत दिखाएंगे।”
आंदोलन में एकता और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी का होगा परिचय
नीतू सिंह ने स्पष्ट किया कि यह धरना पंचायत प्रतिनिधियों की एकजुटता और जागरूकता का प्रतीक होगा।
उन्होंने सभी से अपील की कि 05 जुलाई को पाण्डु प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर धरने को सफल बनाएं और अपने अधिकारों के लिए मिलकर संघर्ष करें।
न्यूज़ देखो: लोकतंत्र की नींव को सशक्त करने की लड़ाई
गांव, पंचायत और वार्ड स्तर पर लोकतंत्र की पहली कड़ी पंचायत प्रतिनिधि ही होते हैं।
जब उन्हीं को अधिकार और सम्मान नहीं मिलेगा, तो ग्रामीण विकास कैसे संभव होगा?
न्यूज़ देखो ऐसे आंदोलनों की आवाज़ बनकर प्रशासन और सरकार तक संदेश पहुंचाने का काम करता है।
यह धरना उस संघर्ष का प्रतीक है जो जमीनी स्तर पर हक के लिए लड़ा जा रहा है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जनप्रतिनिधियों की एकता ही बनेगी बदलाव की चाबी
अब वक्त है कि पंचायत प्रतिनिधि संगठित होकर अपनी मांगों को ज़ोरदार ढंग से उठाएं।
आप भी इस खबर पर कमेंट करें, अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को टैग कर ये सूचना साझा करें, और पंचायत व्यवस्था को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभाएं।