
#बिशुनपुर #सांस्कृतिक_मेला : चिंगरी गांव में पारंपरिक पुष्प पंचमी मेला का भव्य आयोजन, ग्रामीणों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया
- बिशुनपुर प्रखंड के चिंगरी गांव में तीन दिवसीय पुष्प पंचमी मेला का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न।
- मेला का उद्घाटन मुखिया बसनु उरांव, एसआई नितेश कुमार और मेला समिति के सदस्यों ने फीता काटकर किया।
- मेला में बच्चों के नाक-कान छेदन, शादी-विवाह सामग्री, रंग-बिरंगे खिलौने और विभिन्न मिठाइयों की दुकानें लगीं।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कलाकारों ने पारंपरिक गीत, संगीत और नृत्य प्रस्तुत किए।
- मेला समिति के अध्यक्ष बाबूलाल उरांव, सचिव शाशित उरांव, उप प्रमुख चंदन सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
बिशुनपुर प्रखंड के चिंगरी गांव में आयोजित तीन दिवसीय ऐतिहासिक पुष्प पंचमी मेला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में ग्रामीणों और दर्शकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। मेले का उद्घाटन मुखिया बसनु उरांव, बिशुनपुर थाना के एसआई नितेश कुमार और मेला समिति के अध्यक्ष, सचिव एवं सदस्यों द्वारा फीता काटकर किया गया। इस अवसर पर स्थानीय लोगों में उत्साह और उमंग का माहौल बना रहा।
मेला और परंपरा
मुखिया बसनु उरांव ने कहा कि पुष्प पंचमी मेला क्षेत्र की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। यह मेला वर्षों से परंपरागत रूप से आयोजित होता आ रहा है और खेती-बारी के कार्य समाप्त होने के बाद ग्रामीणों को अपने सगे-संबंधियों और रिश्तेदारों से मिलने का अवसर प्रदान करता है।
मेला परिसर में बच्चों के नाक-कान छेदन, शादी-विवाह से जुड़ी सामग्री की खरीदारी, रंग-बिरंगे खिलौने और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों की दुकानें लगीं। ग्रामीण और सैलानी मेले में उमड़ी भीड़ के कारण पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल रहा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और मनोरंजन
सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों ने पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य प्रस्तुत किए। दर्शकों ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया और पूरे आयोजन को सफल एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न किया गया।
मुखिया बसनु उरांव ने कहा: “पुष्प पंचमी मेला हमारे क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर है। इस परंपरा को आगे भी बनाए रखना आवश्यक है और यह बच्चों सहित सभी ग्रामीणों के लिए आनंद और सामाजिक मेलजोल का अवसर प्रदान करता है।”
उपस्थित प्रमुख लोग
मेल कार्यक्रम में बिशुनपुर प्रखंड के उप प्रमुख चंदन सिंह, मेला समिति के अध्यक्ष बाबूलाल उरांव, सचिव शाशित उरांव, कोषाध्यक्ष जितेंद्र चीक बड़ाईक, संरक्षक सोमा उरांव, शिव कुमार भगत, सदस्य करमपाल उरांव, सचिन उरांव, संदीप खेरवार, रोहित उरांव, महिंद्र भगत, प्रमोद उरांव, जितेंद्र उरांव, मुनेश्वर उरांव, प्रवीण उरांव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।



न्यूज़ देखो: पुष्प पंचमी मेला सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक
इस मेला से यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण समुदाय अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और बच्चों में परंपरा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। स्थानीय प्रशासन और मेला समिति के सहयोग से इस तरह के आयोजन ग्रामीण समाज में सामाजिक समरसता और एकता को भी मजबूत करते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
उत्सव में सहभागिता और सांस्कृतिक समरसता बढ़ाएं
ग्रामीण और पर्यटक इस तरह के मेलों में भाग लेकर संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ा सकते हैं। बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल करें, उत्सव का आनंद लें, अपने अनुभव साझा करें और दूसरों को भी इस सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक करें। कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और स्थानीय सांस्कृतिक आयोजनों में सहभागिता बढ़ाएं।





