
#सिमडेगा #पर्यटन_महोत्सव : कैलाश धाम कर्रामुंडा में देवउठान जतरा सह सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ तीन दिवसीय पर्व का हुआ समापन
- सिमडेगा जिले के ठेठईटांगर प्रखंड अंतर्गत कैलाश धाम कर्रामुंडा में तीन दिवसीय पर्यटन महोत्सव का आयोजन हुआ।
- 1 नवंबर को देवउठान जतरा सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन।
- मुख्य अतिथि जिला परिषद सदस्य अजय एक्का और मुखिया रेणुका सोरेंग रहे उपस्थित।
- कलाकारों ने देर रात तक भक्ति गीतों और लोक नृत्य से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर किया।
- आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालु एवं ग्रामीण उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
तीन दिवसीय पर्यटन महोत्सव ने कैलाश धाम कर्रामुंडा को एक बार फिर धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान दी। देवउठान जतरा के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु, ग्रामीण और अतिथि पहुंचे। पूजन-अर्चन, गीत-संगीत और भक्ति रस से पूरा वातावरण आध्यात्मिकता से भर गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे आयोजन न केवल परंपरा को जीवित रखते हैं बल्कि क्षेत्र के पर्यटन को भी गति देते हैं।
धार्मिक आस्था और प्रकृति का संगम
कैलाश धाम कर्रामुंडा सिमडेगा जिले का एक दैविक स्थल माना जाता है। यहां श्रद्धालु प्रकृति को भगवान मानकर पूजा करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
जिला परिषद सदस्य अजय एक्का ने अपने संबोधन में कहा कि कैलाश धाम का आशीर्वाद हम सब पर है। यह स्थल सीधे प्रकृति से जुड़ा है और यहां की भक्ति भावना मन को शांति प्रदान करती है।
अजय एक्का ने कहा: “कैलाश धाम हमारे क्षेत्र की आस्था का केंद्र है। यहां हर साल आने से एक आत्मिक सुख और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।”
मुखिया रेणुका सोरेंग ने भी इस अवसर पर कहा कि कैलाश धाम में सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि यह स्थल लोगों के बीच एकता और श्रद्धा का प्रतीक है।
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम से झूमे दर्शक
कार्यक्रम में राजदेव नायक, शंकर सन्यासी, चिंता देवी, सुनीता कुमारी, बंसीखा कुमारी और सरिका कुमारी जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीत लिया।
भक्ति गीतों की मधुर धुनों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। लिटिल स्टार म्यूजिकल ग्रुप और कमलेश साउंड सिमडेगा द्वारा लगाए गए लाइट और साउंड सिस्टम ने पूरे मेला परिसर को रोशनी से नहा दिया।
देर रात तक चले भजन-कीर्तन में श्रद्धालुओं ने नाचते-गाते अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
सामाजिक एकता का उदाहरण बना आयोजन
कैलाश धाम का यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक भी था। विभिन्न गांवों से आए लोगों ने इस अवसर पर एक-दूसरे से मिलकर भाईचारे और एकता का संदेश दिया।
परिसीला डूंग डूंग, रामप्रसाद बेहरा, नारायण सिंह, सुखदेव सिंह, राजकुमार सिंह, रैन सिंह, जुगेश सेनापति, मोतीराम बेहरा, जितेंद्र बेहरा, कमलेश पाटर समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी रही। आयोजन स्थल की साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था और मंच संचालन में सभी ने मिलकर सहयोग किया।
स्थानीय युवाओं ने पार्किंग और अनुशासन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे पूरा आयोजन व्यवस्थित और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।

न्यूज़ देखो: कैलाश धाम की पहचान से जुड़ा जनआस्था का उत्सव
कैलाश धाम कर्रामुंडा का यह तीन दिवसीय आयोजन धार्मिक भावना के साथ-साथ क्षेत्र के पर्यटन विकास का प्रतीक बनकर उभरा है। ऐसे उत्सवों से न केवल स्थानीय संस्कृति जीवित रहती है, बल्कि रोजगार और पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। यह आवश्यक है कि प्रशासन इस स्थल के संरक्षण और प्रचार-प्रसार पर और ध्यान दे।
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श्रद्धा से प्रेरणा तक – पर्व बनें सामाजिक एकता की मिसाल
धार्मिक आयोजनों में सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि एकजुटता और सामाजिक जागरूकता का संदेश छिपा होता है। कैलाश धाम महोत्सव ने यह साबित किया कि जब समाज एक साथ आगे बढ़ता है तो संस्कृति और विकास दोनों संभव हैं।
अब समय है कि हम अपनी परंपराओं को आधुनिक सोच से जोड़ें और हर आयोजन को स्वच्छता, पर्यावरण और एकता का संदेश बनाने में योगदान दें।
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