
#मांडर #बच्चों_की_डूबकर_मौत : महुआजाड़ी पंचायत के नवाटांड़ गांव में दर्दनाक हादसा — बारिश से भरे गहरे गड्ढे में नहाने गए थे चार बच्चे, तीन की गई जान
- नहाने के दौरान जेसीबी गड्ढे में डूबे तीन बच्चे
- अफान, आफिया और मारिया की डूबने से मौत
- केवल ओसामा किसी तरह बच निकला, गांव जाकर दी सूचना
- ग्रामीणों ने निकाले शव, परिजनों ने पोस्टमार्टम से किया इनकार
- मंगलवार शाम गांव में किया गया अंतिम संस्कार
गड्ढे में समा गई तीन मासूम जिंदगियां
राजधानी रांची के मांडर थाना क्षेत्र अंतर्गत महुआजाड़ी पंचायत के मिशन नवाटांड़ गांव में मंगलवार को एक बेहद दर्दनाक हादसे में तीन मासूम बच्चों की डूबकर मौत हो गई। बताया गया कि ये बच्चे गांव से कुछ दूरी पर एक गड्ढे में नहाने गए थे, जिसमें हाल ही में जेसीबी से सिंचाई के लिए खुदाई की गई थी और बारिश के चलते गड्ढा पानी से लबालब भर गया था।
ओसामा ने पहुंचाई सूचना, तब तक हो चुकी थी देर
नवाटांड़ गांव के चार बच्चे – अफान (8 वर्ष), उसकी बहन आफिया परवीन (10 वर्ष), मारिया परवीन (10 वर्ष) और ओसामा (8 वर्ष) – दोपहर के समय नहाने के लिए गड्ढे की ओर गए थे। नहाने के दौरान तीन बच्चे गहरे पानी में डूब गए, जबकि ओसामा जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर गांव भागा और परिजनों को सूचना दी।
गांव वाले दौड़ते हुए घटनास्थल पर पहुंचे और बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन अफान और आफिया की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि मारिया को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने नहीं कराया पोस्टमार्टम, कब्रिस्तान में दफनाया गया शव
मांडर थाना प्रभारी राहुल कुमार ने बताया: “बच्चों की उम्र को देखते हुए परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद मंगलवार देर शाम तीनों बच्चों को गांव के कब्रिस्तान में दफनाया गया।”
इस हादसे के बाद गांव में गहरा शोक व्याप्त है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और ग्रामीणों की आंखें नम हैं।
न्यूज़ देखो: लापरवाही के गड्ढों में डूबती बचपन की सांसें
एक बार फिर खुले और असुरक्षित गड्ढों ने मासूम जिंदगियों को निगल लिया। सवाल उठता है कि जब गड्ढा जेसीबी से खुदवाया गया था, तो सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए गए? प्रशासन और संबंधित विभाग को चाहिए कि ऐसे स्थलों को सुरक्षित और चिह्नित करें, ताकि भविष्य में कोई और अफान, आफिया या मारिया न खोए।
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बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सबकी
यह हादसा हमें बचपन की सुरक्षा और जागरूकता की अहमियत को याद दिलाता है। अपने आसपास के खतरों को नजरअंदाज न करें — खुले गड्ढे, बिजली के तार या असुरक्षित स्थल बच्चों के लिए जानलेवा बन सकते हैं।
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