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तीन ताक़तवर महिलाएं, एक मजबूत पलामू: महिलाओं के हाथ में जिला पलामू, नेतृत्व की नई परिभाषा

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#पलामू #महिला_नेतृत्व — पहली बार जिले में DC, SP और SDM तीनों पदों पर महिलाएं

  • IAS समीरा एस ने हाल ही में 105वें उपायुक्त के रूप में कार्यभार संभाला
  • IPS रिष्मा रमेशन पहले से SP के रूप में कर रहीं हैं सेवा
  • IAS सुलोचना मीणा बतौर सदर SDM पहले से सक्रिय
  • जिला प्रशासन में महिला नेतृत्व की त्रिवेणी बनी प्रेरणा की मिसाल
  • छात्राओं और ग्रामीण महिलाओं के लिए रोल मॉडल बनी अफसर महिलाएं

पलामू में महिला नेतृत्व की त्रिवेणी

पलामू, झारखंड — जिले के प्रशासनिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ चुका है। अब जिले की कमान तीन सशक्त महिला अधिकारियों के हाथ में है। हाल ही में IAS समीरा एस ने पलामू के 105वें उपायुक्त के रूप में पदभार संभाला, जिससे जिले में तीन शीर्ष पदों पर महिला नेतृत्व स्थापित हो गया। इससे पहले से IPS रिष्मा रमेशन बतौर पुलिस अधीक्षक और IAS सुलोचना मीणा सदर अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।

प्रशासनिक दक्षता और सामाजिक प्रेरणा

तीनों महिला अधिकारियों की तैनाती सिर्फ प्रशासनिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण के नजरिए से भी बेहद अहम है। इन अफसरों ने यह साबित किया है कि संवेदनशीलता, नेतृत्व क्षमता और कड़े फैसले लेने में महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं।

समीरा एस, जो पहले पलामू नगर आयुक्त रह चुकी हैं, को उनके लोक संवाद और प्रशासनिक सुधारों के लिए पहचाना जाता है।
रिष्मा रमेशन एक सख्त लेकिन जनहितैषी अधिकारी हैं, जिनकी छवि कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के मोर्चे पर बेहद मज़बूत रही है।
सुलोचना मीणा की छवि विकास योजनाओं को धरातल पर लागू करने और भूमि विवादों के निस्तारण में कुशल अधिकारी की है।

ज़मीनी बदलाव का संकेत

पलामू जैसे सामाजिक रूप से संवेदनशील जिले में महिला नेतृत्व का यह त्रिकोण बदलाव का संकेतक बन चुका है। ग्रामीण इलाकों की लड़कियाँ अब इन अधिकारियों को अपना रोल मॉडल मान रही हैं। स्कूलों और कॉलेजों में यह चर्चा आम हो चुकी है कि “हम भी डीसी, एसपी या एसडीएम बन सकते हैं।”

जनता की उम्मीदें और भरोसा

स्थानीय नागरिकों में इस बदलाव को लेकर खासा उत्साह है। लोगों का कहना है कि इस नए नेतृत्व से पारदर्शिता, विकास और न्याय की उम्मीदें और बढ़ गई हैं।

“यह पहली बार है जब डीसी, एसपी और एसडीएम – तीनों महिलाएं हैं। यह गर्व की बात है और भरोसे का प्रतीक भी।”
“हमारी बेटियाँ अब इन्हें देखकर सपने देखने लगी हैं। ये अफसर महिलाएं नहीं, बदलाव की प्रतीक हैं।”

महिला नेतृत्व के साथ नया युग

पलामू अब एक नए युग में प्रवेश कर रहा है — एक ऐसा युग जो प्रशासनिक दक्षता, सामाजिक समरसता और महिला नेतृत्व की स्वीकार्यता का प्रतीक है। यह बदलाव न सिर्फ कागज़ों में, बल्कि ज़मीनी हकीकत में भी दिखाई देने लगा है।

न्यूज़ देखो: महिला नेतृत्व की ऐतिहासिक तस्वीर

पलामू जिला में महिला नेतृत्व की यह ऐतिहासिक तस्वीर सिर्फ आज के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। न्यूज़ देखो के साथ जुड़े रहिए, जहां हर परिवर्तन की कहानी आपको सबसे पहले मिलेगी —
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

साथ बढ़ते रहें

अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी बेटियाँ, बहनें और माँएँ आगे बढ़ें — तो इस बदलाव को सलाम करें। महिलाओं का सशक्त नेतृत्व सिर्फ प्रेरणा नहीं, नए भारत की पहचान है।

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