
#गढ़वा #अवैध_खनन : एसडीएम संजय कुमार की रात्री गश्ती में बड़ा खुलासा — बालू माफियाओं के लिए मुखबिरी कर रहे थे युवक
- एसडीएम संजय कुमार ने देर रात तीन युवकों को बालू चोरी की मुखबिरी करते हुए पकड़ा।
- युवकों ने स्वीकार किया कि वे बालू माफियाओं को एसडीएम की लोकेशन की जानकारी देते थे।
- गाड़ी से टिफिन, कंबल, सिगरेट मिलने से हुई पुष्टि कि वे पूरी रात रेकी करते थे।
- बीएनएसएस की धारा 126 के तहत सभी पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई।
- अभिभावकों के अंडरटेकन और लिखित माफी के बाद युवकों को छोड़ा गया।
गढ़वा जिले में बुधवार की देर रात अवैध बालू खनन के खिलाफ कार्रवाई के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। एसडीएम संजय कुमार के नेतृत्व में की जा रही औचक जांच के दौरान तीन युवकों को बालू चोरी की मुखबिरी करते हुए पकड़ा गया। जांच में खुलासा हुआ कि ये युवक बालू माफियाओं से हर रात लोकेशन और मूवमेंट की जानकारी देने के बदले पैसे लेते थे।
इंडिगो गाड़ी में बैठे दो युवक पकड़े गए, कबूला “हम करते थे एसडीएम की मुखबिरी”
एसडीएम संजय कुमार बुधवार की रात क्षेत्र भ्रमण पर थे। इसी दौरान कचहरी रोड स्थित मंगल भवन के पास एक इंडिगो गाड़ी में कंबल ओढ़े बैठे दो युवकों पर उनकी नजर पड़ी। पूछताछ में दोनों ने चौंकाने वाली बातें कबूल कीं।
पहचाने गए युवकों में एक पवन कुमार था, जिसने बताया कि वह मनीष पांडे नामक बालू चोर गिरोह के लिए काम करता है। दूसरे युवक सूरज ठाकुर ने बताया कि वह अपने मामा के यहाँ रहता है, जो गढ़वा के एक प्रतिष्ठित वकील हैं। दोनों ने स्वीकार किया कि वे रातभर वहां बैठकर एसडीएम की गतिविधियों की जानकारी बालू चोरों तक पहुँचाते थे।
गाड़ी से टिफिन, कंबल और सिगरेट के पैकेट बरामद हुए, जिससे पुष्टि हुई कि वे पूरी रात वहीं रहकर रेकी करते थे।
पुलिस की देरी, फिर भी प्रशासन की सख्ती
एसडीएम ने मौके से थाना प्रभारी को सूचना दी, लेकिन करीब आधे घंटे तक पुलिस नहीं पहुँची। इसके बाद एसडीएम ने दोनों युवकों के परिजनों को बुलाकर लिखित अंडरटेकन लेने का फैसला किया।
बाद में पीसीआर और मोबाइल टाइगर की टीम भी पहुंची, जिसके बाद पुलिस और अभिभावकों की मौजूदगी में दोनों युवकों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। उन्हें निर्देश दिया गया कि बीएनएसएस की धारा 126 के तहत नोटिस मिलने पर वे कोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे।
तीसरा युवक फरठिया में स्कॉर्पियो सहित पकड़ा गया
इसी क्रम में एक और युवक विपिन कुमार, पिता जितेंद्र दुबे, फरठिया के पास लेमनग्रास होटल के सामने काले रंग की स्कॉर्पियो में बैठा मिला। एसडीएम के पहुँचते ही वह भाग गया, लेकिन बाद में गुरुवार को वह अपने पिता के साथ अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित हुआ।
दोनों ने लिखित माफी और अंडरटेकन प्रस्तुत करते हुए आश्वासन दिया कि वे अब बालू चोरों के लिए मुखबारी नहीं करेंगे। एसडीएम ने सशर्त उन्हें छोड़ते हुए आदेश दिया कि विपिन कुमार हर सप्ताह एक दिन अनुमंडल कार्यालय में हाजिरी लगाएंगे।
कुछ स्थानीय पत्रकारों पर भी शक
एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि मुखबिरी के इस नेटवर्क में कुछ स्थानीय पत्रकारों की भूमिका की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि “अगर इस काम में किसी भी पत्रकार की संलिप्तता पाई गई, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
संजय कुमार ने कहा: “यह केवल बालू चोरी नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था पर हमला है। कानून को कमजोर करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
बालू घाटों पर रात भर छापेमारी
एसडीएम की टीम ने देर रात मझिआंव के बूढ़ीखाड़, खरसोता, बांकी और कोयल नदी क्षेत्रों में भी औचक छापेमारी की। हालांकि, उनके पहुँचने से पहले ही बालू चोर भाग निकले। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि मुखबिरी नेटवर्क पहले से सक्रिय था और माफियाओं को प्रशासन की गतिविधियों की भनक मिल जाती थी।

न्यूज़ देखो: मुखबिरी के जाल में फंसी अवैध बालू माफिया की सच्चाई
गढ़वा की यह घटना बताती है कि बालू चोरी अब केवल अवैध खनन का मामला नहीं रहा, बल्कि यह स्थानीय स्तर पर फैले सूचना नेटवर्क और साठगांठ का हिस्सा बन चुका है। एसडीएम की तत्परता से यह जाल उजागर हुआ है, लेकिन अगर पुलिस की कार्रवाई समय पर होती तो कई और गिरफ्तारियां संभव थीं।
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प्रशासन की सख्ती से ही रुकेगा अवैध खनन का खेल
अब वक्त है कि जिला प्रशासन, पुलिस और खनन विभाग समन्वय बनाकर मुखबिरी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करें। ऐसे मामलों में चेतावनी नहीं, बल्कि सख्त कार्रवाई ही समाधान है। बालू चोरी केवल पर्यावरण को नहीं, बल्कि शासन की साख को भी नुकसान पहुंचाती है।
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