
#खूंटीकर्रा #गोवाअग्निकांड : गोवा के अरपोरा स्थित रोमियो ब्रेसलैंड नाइट क्लब में लगी भीषण आग में खूंटी व रांची जिले के तीन युवकों की मौत, जनप्रतिनिधियों ने परिजनों से मिलकर सांत्वना दी।
- गोवा के अरपोरा गांव स्थित रोमियो ब्रेसलैंड नाइट क्लब में देर रात 12 बजे भीषण आग लगी।
- हादसे में खूंटी जिले के गोविंदपुर निवासी मोहित मुंडा (20) तथा रांची के फतेहपुर के दो सगे भाई प्रदीप महतो (21) और विनोद महतो (18) की मौके पर मौत।
- प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गैस सिलेंडर फटने से आग तेजी से फैली और क्लब में अफरा-तफरी मच गई।
- तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया ने दूरभाष पर परिजनों से बात कर हर संभव मदद का भरोसा दिया।
- झामुमो युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष राहुल केशरी, बीडीओ स्मिता नगेशिया, मुखिया मीना देवी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की।
- तीनों मृतकों के पार्थिव शरीर को हवाई मार्ग से गाँव भेजने की प्रक्रिया शुरू, स्थानीय जनप्रतिनिधि लगातार संपर्क में।
गोवा के अरपोरा गांव स्थित एक लोकप्रिय नाइट क्लब में शनिवार देर रात लगी भीषण आग ने झारखंड के तीन परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया। कर्रा प्रखंड के गोविंदपुर निवासी मोहित मुंडा तथा रांची के फतेहपुर गांव के दो भाई विनोद और प्रदीप महतो की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई। सूचना मिलते ही खूंटी और रांची जिले के सीमावर्ती गोविंदपुर और फतेहपुर गांवों में कोहराम मच गया। स्थानीय जनप्रतिनिधि तुरंत सक्रिय हुए और पीड़ित परिवारों से मिलकर सांत्वना दी। तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया ने दूरभाष पर परिजनों से बातचीत की और हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। इसी बीच, प्रशासन और जनप्रतिनिधि मृतकों के पार्थिव शरीर को हवाई जहाज से वापस लाने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं।
हादसा कैसे हुआ
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रात करीब 12 बजे क्लब में अचानक तेज धमाका हुआ। बताया गया कि यह धमाका गैस सिलेंडर फटने के कारण हुआ, जिसके बाद पलभर में आग पूरी तरह फैल गई।
इसके बाद क्लब के अंदर अफरा-तफरी मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए बाहर भागने लगे, लेकिन आग इतनी तेज थी कि कई लोग बाहर नहीं निकल सके। झारखंड के तीनों युवक भी उसी भीषण लपटों में फंस गए और दम घुटने व जलने से उनकी मौत हो गई।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्य की समीक्षा की।
प्रमोद सावंत ने कहा: “यह बेहद दुखद घटना है। मृतकों के परिवारों को सरकार हरसंभव सहायता देगी।”
मृतकों का परिचय और उनका गोवा जाने का कारण
तीनों युवक पिछले 11 महीनों से गोवा में काम कर रहे थे।
1. मोहित मुंडा (20 वर्ष)
- पिता: एतवा मुंडा
- गांव: गोविंदपुर, कर्रा (खूंटी)
- काम: नाइट क्लब में कुक (खाना बनाने का काम)
मोहित के बड़े भाई अनिल मुंडा ने बताया कि मोहित पहली बार ही गोवा आया था।
अनिल मुंडा ने कहा: “मोहित मेरे साथ ही गोवा आया था। पहली बार घर से दूर गया और यह हादसा हो गया। हमारा भाई विकास मुंडा भी यहीं गोवा में काम करता है।”
2. प्रदीप महतो (21 वर्ष)
3. विनोद महतो (18 वर्ष)
- पिता: धनेश्वर महतो
- गांव: फतेहपुर, रांची जिला सीमा
दोनों भाई कम उम्र में ही रोजगार की तलाश में गोवा पहुंचे थे और क्लब में हेल्पर के रूप में काम कर रहे थे।
गोविंदपुर और फतेहपुर गांव एक-दूसरे से महज एक किलोमीटर की दूरी पर हैं, इसलिए दोनों गांवों में एक साथ शोक की लहर फैल गई।
विधायक सुदीप गुड़िया ने ली मामले की जानकारी, परिजनों से की बातचीत
हादसे की सूचना मिलते ही तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया ने तत्काल गोवा प्रशासन से संपर्क किया और मृतकों के शवों को जल्द से जल्द झारखंड लाने की पहल शुरू की।
उन्होंने फोन पर परिजनों से बातचीत की।
विधायक सुदीप गुड़िया ने कहा: “इस कठिन समय में मैं हर कदम पर पीड़ित परिवारों के साथ हूँ। सरकार और प्रशासन से बात कर सभी जरूरी मदद सुनिश्चित कराई जाएगी।”
स्थानीय प्रशासन और झामुमो नेताओं की त्वरित कार्रवाई
रविवार सुबह खबर मिलते ही बीडीओ स्मिता नगेशिया,
झामुमो युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष राहुल केशरी,
गोविंदपुर मुखिया मीना देवी
तथा कई स्थानीय प्रतिनिधि मृतकों के घर पहुंचे।
उन्होंने परिवारों को सांत्वना दी और हर प्रकार से सहयोग का आश्वासन दिया।
राहुल केशरी ने घटना की पूरी जानकारी विधायक को दी, जिसके बाद गोवा प्रशासन से संपर्क कर शवों को गांव वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
पीड़ित परिवारों के घरों में मातम पसरा है और पूरे गांव में शोक की लहर है। कई लोगों ने बताया कि सुबह से ही किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला।
शव को हवाई जहाज से लाने की प्रक्रिया शुरू
झामुमो के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बताया कि मृतकों के पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से झारखंड भेजे जा रहे हैं।
विधायक स्वयं पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और गोवा तथा झारखंड प्रशासन दोनों से लगातार संपर्क में हैं।
न्यूज़ देखो: दर्दनाक हादसा और जिम्मेदारी की बड़ी चुनौती
गोवा की यह त्रासदी बताती है कि मनोरंजन स्थलों में सुरक्षा मानकों की घोर कमी अब भी बड़े हादसों को जन्म दे रही है। झारखंड के तीन युवा, जो बेहतर रोजगार की तलाश में घर से दूर गए थे, लौटे तो सिर्फ पार्थिव शरीर बनकर। यह घटना प्रशासन और नाइट क्लब संचालकों पर कई सवाल खड़े करती है—क्या सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा था? क्या आपदा के लिए जरूरी इंतजाम मौजूद थे?
न्यूज़ देखो हर तरह की जांच, जिम्मेदारी और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग पर लगातार नजर रखेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
कठिन समय में एकजुटता ही हमारी ताकत
ऐसे वक्त में समुदाय का साथ, प्रशासन की तत्परता और जनप्रतिनिधियों की संवेदनशीलता ही परिवारों को सहारा देती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सुरक्षा के मानक मजबूत हों और ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। साथ ही, युवा प्रदेश छोड़कर बाहर काम करने जाते हैं, तो उनकी सुरक्षा और अधिकारों की गारंटी भी होनी चाहिए





