#गिरिडीह #धरना_प्रदर्शन — जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नाराजगी, अंचल कार्यालय गेट पर डटे प्रदर्शनकारी
- किसान जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्य गेट को पूरी तरह किया जाम
- जनप्रतिनिधियों और सीओ के खिलाफ शव दहन के बाद धरना और तेज हुआ
- तीन दिनों से अंचल कार्यालय का सारा कार्य ठप, जनता को भारी परेशानी
- पुलिस प्रशासन की चेतावनी के बावजूद प्रदर्शनकारी नहीं हटे
- आंदोलनकारियों ने कहा: मांगें पूरी होने तक धरना जारी रहेगा
- प्रशासन और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच सीधी बातचीत की मांग
मांगों की अनदेखी बनी तिसरी में आंदोलन की वजह
गिरिडीह जिले के तिसरी अंचल कार्यालय में बीते तीन दिनों से किसान जनता पार्टी के कार्यकर्ता लगातार अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। इस धरने की शुरुआत सीओ और जनप्रतिनिधियों के प्रतीकात्मक शव दहन के बाद की गई थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि आंदोलन केवल प्रदर्शन नहीं बल्कि गंभीर जनआक्रोश की अभिव्यक्ति है।
धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अंचल क्षेत्र में योजनाओं के क्रियान्वयन में भारी भ्रष्टाचार है और आम जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, यह धरना जारी रहेगा।
“हम अंचल कार्यालय को तब तक नहीं खुलने देंगे जब तक हमारी आवाज़ को सुना नहीं जाएगा। यह जनता की लड़ाई है और हम इसे पीछे नहीं हटने देंगे।” — एक आंदोलनकारी कार्यकर्ता
प्रशासन की चेतावनी बेअसर, आंदोलनकारी अडिग
धरना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से मुख्य गेट हटाने की अपील की, लेकिन किसान जनता पार्टी के कार्यकर्ता अपनी जगह से हटने को तैयार नहीं हुए। गेट को पूरी तरह बंद करने से कार्यालय का कामकाज ठप हो गया है, जिससे आम लोगों को दस्तावेज़ जमा करने और प्रमाण पत्र लेने में मुश्किल हो रही है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को चेतावनी दी है कि यदि जल्द गेट नहीं हटाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन दूसरी ओर, प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि वे केवल बातचीत से समाधान चाहते हैं, दबाव से नहीं।
योजनाओं में भ्रष्टाचार और काम की धीमी गति बनीं आक्रोश का कारण
धरना सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी का मुद्दा नहीं, बल्कि स्थानीय जनसमस्याओं का आईना बन चुका है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा भुगतान, भूमि अभिलेख अद्यतन जैसी योजनाओं में अंचल कार्यालय की लापरवाही के कारण सैकड़ों लोग परेशान हैं।
धरना स्थल पर आए कुछ ग्रामीणों ने कहा कि यह संघर्ष जरूरी है क्योंकि यदि अब आवाज़ नहीं उठेगी तो आने वाले समय में भी समस्याएं जस की तस बनी रहेंगी।
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