
#गिरिडीह #शिक्षा_अभियान : निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को हासिल करने पर केंद्रित जिला स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ।
गिरिडीह जिले में निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला परियोजना कार्यालय के नेतृत्व में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के तकनीकी सहयोग से संचालित इस पहल का उद्देश्य कक्षा 1 और 2 के बच्चों में बुनियादी साक्षरता को मजबूत करना है। 17 और 18 दिसंबर को DIET में आयोजित इस गैर-आवासीय प्रशिक्षण में सभी प्रखंडों के संकुल साधन सेवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में पढ़कर समझने के कौशल को मिशन मोड में विकसित करने पर विशेष जोर दिया गया।
- निपुण भारत मिशन के लिए संकुल साधन सेवियों का जिला स्तरीय प्रशिक्षण।
- DIET गिरिडीह में 17 और 18 दिसंबर को दो चरणों में आयोजन।
- कक्षा 1 एवं 2 के बच्चों की बुनियादी साक्षरता पर फोकस।
- निपुण गिरिडीह अभियान की रणनीति और लक्ष्यों पर चर्चा।
- रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट का तकनीकी सहयोग।
- शिक्षक हस्तपुस्तिका, असेसमेंट कैलेंडर और स्पॉट टेस्ट पर बल।
निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को धरातल पर उतारने के लिए गिरिडीह जिले में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। जिला परियोजना कार्यालय गिरिडीह के नेतृत्व और रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के तकनीकी सहयोग से बुनियादी साक्षरता सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के सभी प्रखंड एवं संकुल साधन सेवियों का एक दिवसीय गैर-आवासीय प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) में आयोजित किया गया।
यह प्रशिक्षण कक्षा 1 एवं 2 के बच्चों में पढ़कर समझने की क्षमता विकसित करने और निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से प्राप्त करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
दो चरणों में आयोजित हुआ प्रशिक्षण
प्रशिक्षण कार्यक्रम को दो चरणों में संपन्न कराया गया।
17 दिसंबर को गिरिडीह, बेंगाबाद, गांडेय, जमुआ, पीरटांड और देवरी प्रखंडों के संकुल साधन सेवियों को प्रशिक्षण दिया गया।
वहीं 18 दिसंबर को डुमरी, बगोदर, सरिया, बिरनी, तीसरी, गावां और धनवार प्रखंडों के प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण में भाग लिया।
इस व्यवस्था का उद्देश्य सभी प्रखंडों के प्रतिभागियों को प्रभावी और सहभागितापूर्ण प्रशिक्षण उपलब्ध कराना था।
दीप प्रज्वलन के साथ हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ DIET प्राचार्य कुमारी कंचन कुमारी, उप प्राचार्य आशीष दुबे एवं डिस्ट्रिक्ट लीड सुजीत कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य महोदया ने कहा:
कुमारी कंचन कुमारी ने कहा: “निपुण भारत मिशन केंद्र और राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इसका सफल क्रियान्वयन हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसमें संकुल साधन सेवियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने मिशन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जमीनी स्तर पर समन्वित प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया।
निपुण गिरिडीह अभियान पर विस्तृत चर्चा
प्रशिक्षण के दौरान निपुण गिरिडीह अभियान की आवश्यकता, उद्देश्य, लक्ष्य और कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा की गई। संकुल साधन सेवियों को बताया गया कि उन्हें मिशन मोड में कार्य करते हुए विद्यालयों में शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।
इस दौरान सहायक शिक्षण सामग्री के उपयोग, दैनिक प्रैक्टिस टाइम के आयोजन और बच्चों को निरंतर अभ्यास से जोड़ने पर विशेष जोर दिया गया।
डाटा आधारित समीक्षा और विश्लेषण
शिक्षा विभाग द्वारा संचालित ‘मेरा विद्यालय निपुण’ एवं ‘मैं भी निपुण’ कार्यक्रमों के डाटा के आधार पर प्रखंडवार विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। इसके माध्यम से बुनियादी साक्षरता के लक्ष्यों की प्राप्ति में आ रही चुनौतियों की पहचान की गई और उनके समाधान पर चर्चा की गई।
प्रतिभागियों को बताया गया कि डाटा आधारित योजना और निगरानी से ही बच्चों के सीखने के स्तर में ठोस सुधार संभव है।
शिक्षक हस्तपुस्तिका और असेसमेंट पर जोर
प्रशिक्षण में यह स्पष्ट निर्देश दिया गया कि कक्षा 1 एवं 2 के शिक्षक प्रतिदिन शिक्षक हस्तपुस्तिका के अनुसार शिक्षण कार्य करें, ताकि साप्ताहिक कार्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके।
साथ ही असेसमेंट कैलेंडर, नियमित पठन अभ्यास, सपोर्टिव सुपरविजन, कक्षा अवलोकन, फीडबैक और स्पॉट टेस्ट को बच्चों के लर्निंग आउटकम सुधारने के तीन अहम स्तंभ बताया गया।
तकनीकी सहयोग में रूम टू रीड की अहम भूमिका
प्रशिक्षण कार्यक्रम में रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के विशेषज्ञों उमा शंकर शर्मा, पियूष पाण्डेय, सनी कुमार, उत्तरा नाथ, अनिल भारती और सुनील कुमार यादव की सक्रिय सहभागिता रही। उन्होंने बुनियादी साक्षरता को मजबूत करने के व्यावहारिक उपायों और अनुभवों को प्रतिभागियों के साथ साझा किया।
न्यूज़ देखो: शिक्षा सुधार की दिशा में मजबूत पहल
गिरिडीह में आयोजित यह प्रशिक्षण स्पष्ट करता है कि निपुण भारत मिशन को केवल योजना नहीं, बल्कि एक मिशन के रूप में लागू किया जा रहा है। डाटा आधारित समीक्षा, शिक्षक क्षमतावर्धन और संकुल स्तर की सक्रिय भूमिका से बुनियादी शिक्षा में वास्तविक बदलाव की उम्मीद बढ़ी है। अब चुनौती इसे कक्षा तक प्रभावी ढंग से लागू करने की है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
मजबूत नींव से ही बनेगा उज्ज्वल भविष्य
बच्चों की बुनियादी साक्षरता मजबूत होगी, तभी शिक्षा की इमारत टिकाऊ बनेगी। निपुण भारत मिशन में शिक्षकों, संकुल साधन सेवियों और समाज की साझा भूमिका जरूरी है। इस खबर को साझा करें, शिक्षा से जुड़े प्रयासों पर चर्चा करें और अपने क्षेत्र में सीखने की इस मुहिम को आगे बढ़ाने में सहभागी बनें।





