
#विश्रामपुर #रेल_सुरक्षा : फुट ओवरब्रिज नहीं होने से रोजाना सैकड़ों बच्चों और यात्रियों की जान जोखिम में
- तोलरा स्टेशन पर खड़ी ट्रेनों के नीचे से लोग और स्कूली बच्चियां कर रही हैं आवागमन।
- पास ही स्थित रामानुज उच्च विद्यालय तोलरा में पढ़ते हैं लगभग 500 छात्र-छात्राएं।
- गढ़वा रोड जंक्शन नजदीक होने से प्लेटफॉर्म पर अक्सर खड़ी रहती हैं कई डीजल ट्रेनें।
- फुट ओवरब्रिज निर्माण का आश्वासन मिलने के बावजूद अब तक काम शुरू नहीं।
- ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने रेल प्रशासन व सांसद से जल्द कार्रवाई की मांग की।
विश्रामपुर प्रखंड अंतर्गत पूर्व मध्य रेलवे के तोलरा स्टेशन पर हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। यहां किसी भी समय बड़ी और भयावह दुर्घटना घट सकती है। स्टेशन पर यात्रियों और खासकर स्कूली छात्राओं को मजबूरी में ट्रेन बोगियों के नीचे से गुजरना पड़ रहा है, जो सीधे तौर पर जानलेवा साबित हो सकता है।
तोलरा स्टेशन से महज 6 किलोमीटर पश्चिम में स्थित गढ़वा रोड जंक्शन इस रूट का प्रमुख स्टेशन है, जहां से गुजरने वाली अधिकांश एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव होता है। इसी कारण तोलरा प्लेटफॉर्म पर अक्सर दो-तीन डीजल इंजन और ट्रेनें खड़ी रहती हैं, जिससे प्लेटफॉर्म पार करना लगभग असंभव हो जाता है।
स्कूल जाने वाले बच्चों पर सबसे ज्यादा खतरा
तोलरा स्टेशन के समीप ही रामानुज उच्च विद्यालय, तोलरा स्थित है, जहां लगभग 500 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। आसपास के गांव कुंडी, गरनाहा, गांगी, बांय, घघुआ और गुरहा से बड़ी संख्या में बच्चे प्रतिदिन स्कूल आते-जाते हैं। इन बच्चों को मजबूरी में खड़ी ट्रेनों के नीचे से होकर प्लेटफॉर्म पार करना पड़ता है, जिससे हर दिन एक अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार बच्चों के कपड़े ट्रेन के हिस्सों में फंसते-फंसते बचे हैं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है।
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की नाराज़गी
इस गंभीर समस्या को लेकर पूर्व पंचायत समिति सदस्य रासबिहारी तिवारी, वरिष्ठ समाजसेवी अनिल तिवारी, सूर्यदेव तिवारी, युवा समाजसेवी कौशल तिवारी, भाजपा नेता अमरेश तिवारी, पूर्व मुखिया श्यामा देवी, महिला नेत्री नूतन देवी, उपमुखिया कुश तिवारी और वार्ड सदस्य राजेन्द्र राम ने रेल प्रशासन पर जमकर नाराज़गी जताई।
ग्रामीणों ने बताया कि पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने पहले इस समस्या पर संज्ञान लेते हुए फुट ओवरब्रिज निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक न तो निर्माण कार्य शुरू हुआ और न ही कोई ठोस पहल दिखाई दी।
हर दिन बढ़ रहा खतरा
ग्रामीणों का कहना है कि जब ट्रेनें अचानक चलती हैं या इंजन बदलने की प्रक्रिया होती है, उस दौरान प्लेटफॉर्म पार कर रहे बच्चों और यात्रियों के लिए खतरा और बढ़ जाता है। कई बार यात्रियों को डांट-फटकार कर या जान जोखिम में डालकर पार करना पड़ता है।
रेल प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग
तोलरा के ग्रामीणों ने रेल प्रशासन और पलामू सांसद से अपील की है कि किसी बड़ी दुर्घटना के होने से पहले फुट ओवरब्रिज का निर्माण जल्द से जल्द कराया जाए। उनका कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाया गया तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा प्रशासन की लापरवाही को उजागर करेगा।

न्यूज़ देखो: चेतावनी से पहले समाधान जरूरी
तोलरा स्टेशन की स्थिति केवल स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि रेल सुरक्षा और बच्चों की जान से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। समय रहते यदि फुट ओवरब्रिज का निर्माण नहीं हुआ, तो कोई भी दिन दुखद साबित हो सकता है।
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बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
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