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गुमला में लगातार बारिश और कीट प्रकोप से टमाटर किसानों को भारी नुकसान का सामना

#गुमला #कृषि_संकट : लगातार बारिश और कीट संक्रमण के कारण टमाटर की फसल सड़ने से किसानों में चिंता का माहौल

जारी प्रखंड और आसपास के क्षेत्रों के टमाटर किसानों का यह वर्ष काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। लगातार बारिश और कीट प्रकोप के कारण खेतों में लगी फसलें सड़ने लगी हैं। किसानों के अनुसार जो टमाटर बचा भी है, वह उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में पिछड़ा है। पहले जहां यह क्षेत्र टमाटर उत्पादन के लिए जाना जाता था और फसल बाहर के राज्यों तक जाती थी, इस बार बाजार में मांग घटने और उत्पादन कम होने से किसानों के चेहरे मायूस हैं।

लगातार बारिश और कीट संक्रमण का असर

जारी, श्रीनगर, गोविंदपुर, रुद्रपुर, डुम्बरटोली और बुमतेल गांवों में सैकड़ों एकड़ में टमाटर की फसलें लगी हुई थीं। लगातार बारिश ने खेतों में पानी भर दिया और फल सड़ने लगे। जिन खेतों में फल अच्छा आया, वहां कीटों ने नुकसान किया। किसानों का कहना है कि इस बार फल की गुणवत्ता भी पिछली बार के मुकाबले खराब रही।

किसानों की चिंता और हताशा

स्थानीय किसानों जैसे शहज़ेब खान, जाकिर खान, जैयारुल अंसारी, मकसूद खान, सबान अंसारी, हसन खान, अजहर खान, नुरुल अंसारी, बसीर अंसारी, रशीद खान, वाहिद खान, यूसुफ अंसारी, अशरफ खान, मनसाय बड़ाईक और रबिन्द्रनाथ शाहदेव ने बताया कि दवाइयों और उपायों के बावजूद कीट नियंत्रण में नहीं आए। उत्पादन कम होने के कारण उन्हें मुनाफा कमाने में कठिनाई हो रही है।

उत्पादन और बिक्री में भारी कमी

किसानों ने बताया कि प्रति एकड़ के खेत से केवल 4-5 कैरेट टमाटर ही निकल रहे हैं। पहले सालों में किसान अपने उत्पादन को न केवल स्थानीय बाजार में बेचते थे, बल्कि इसे अन्य राज्यों तक भेजते थे। इस बार हालत यह है कि बाहर से आने वाली गाड़ियां खाली लौट रही हैं।

बाजार पर असर

बाजार में टमाटर की उपलब्धता कम होने और गुणवत्ता खराब होने के कारण व्यापारी खरीद से कतरा रहे हैं। स्थानीय बाजार में कीमत 30-40 रुपये प्रति किलो होने के बावजूद व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। इस स्थिति ने किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है और उनके लिए उत्पादन और बिक्री की योजना चुनौतीपूर्ण बन गई है।

न्यूज़ देखो: किसानों की मुश्किलों पर ध्यान देने की जरूरत

गुमला के टमाटर किसान इस समय गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। मौसम और कीट प्रकोप ने उनकी मेहनत और निवेश को प्रभावित किया है। प्रशासन और कृषि विभाग को तत्काल राहत पैकेज और तकनीकी सहायता प्रदान करनी चाहिए ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके और भविष्य के लिए सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जा सकें।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

किसानों के साथ खड़े होने का समय

किसानों की मेहनत और उत्पादन की सुरक्षा हमारे समाज की जिम्मेदारी है। मौसम और कीट प्रकोप से प्रभावित किसानों की मदद करने के लिए जागरूकता और सक्रियता दिखाना बेहद जरूरी है। अब समय है कि हम सभी स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर किसानों के लिए राहत और समर्थन सुनिश्चित करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और अधिक लोगों को किसानों की मुश्किलों के बारे में जागरूक बनाएं ताकि सामूहिक प्रयास से समस्या का समाधान संभव हो सके।

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