#पलामू #भारी_बारिश : लगातार बारिश से जिले की सड़कें बनीं तालाब — प्रशासन अलर्ट, नदी किनारे रहने वालों से घर खाली करने की अपील
- पलामू में लगातार 24 घंटे से भारी बारिश, कई इलाकों में 3 फीट तक पानी भर गया
- कोयल नदी उफान पर, चैनपुर में हालत बेहद चिंताजनक, सड़कें और मोहल्ले जलमग्न
- रेल, सड़क और बाजार व्यवस्था प्रभावित, स्कूलों में भी उपस्थिति घटी
- मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया, अगले 24 घंटे और खतरनाक हो सकते हैं
- जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीम को किया सक्रिय, लोगों से सतर्क रहने की अपील
पलामू में बारिश का कहर, चारों ओर पानी ही पानी
पलामू जिले में पिछले 24 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया है। कोयल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे नदी किनारे बसे मोहल्लों में पानी घुस गया है। सड़कें, गली-मोहल्ले तालाब में तब्दील हो गए हैं और वाहन रेंगते हुए चल रहे हैं। चैनपुर अनुमंडल में स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है, जहां तीन फीट तक पानी भर गया है।
स्कूल, दुकान, यातायात पर असर, लोग घरों में कैद
भारी जलजमाव के कारण जिले के कई स्कूलों में उपस्थिति बहुत कम रही। कई निजी स्कूलों ने अवकाश घोषित कर दिया। बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा और व्यापार प्रभावित हुआ। मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक पूरी तरह बाधित हो गया है, जिससे एम्बुलेंस और आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
कोयल नदी का बढ़ता जलस्तर बना खतरा
लगातार बारिश से कोयल नदी खतरनाक स्तर पर बह रही है। प्रशासन ने चैनपुर, पांकी, विश्रामपुर और नगर क्षेत्र में नदी किनारे बसे लोगों से घर खाली करने की अपील की है। जलस्तर और बढ़ने की आशंका है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
एसडीओ चैनपुर पंकज कुमार ने कहा: “हम लगातार जलस्तर की निगरानी कर रहे हैं। NDRF को अलर्ट किया गया है और खतरे वाले इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है।”
मौसम विभाग का अलर्ट और अगले 24 घंटे चुनौतीपूर्ण
रांची मौसम केंद्र ने पलामू सहित 12 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के चलते यह भारी बारिश हो रही है और अगले 24 घंटे तक बारिश और तेज हो सकती है। इस दौरान तेज हवा और आकाशीय बिजली की भी संभावना है।
बारिश का असर रांची, गढ़वा, लातेहार तक
पलामू के अलावा गढ़वा, रांची, लातेहार, लोहरदगा, चतरा, हजारीबाग जैसे जिलों में भी भारी बारिश हो रही है। कई स्थानों पर ट्रैफिक जाम, बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में पानी भरने से फसल बर्बादी की आशंका बढ़ गई है।
न्यूज़ देखो: जलजमाव से उबरने को चाहिए सुनियोजित तैयारी
न्यूज़ देखो मानता है कि हर साल बारिश में डूबता पलामू प्रशासन की योजनात्मक विफलता का सबूत है। जलनिकासी की दशकों पुरानी समस्याएं अब त्रासदी बन चुकी हैं। इस बार अगर प्रशासन सतर्कता न बरते, तो स्थिति जानलेवा हो सकती है। अब समय है कि सरकार और प्रशासन आपदा प्रबंधन और जल निकासी व्यवस्था को प्राथमिकता दे।
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जिम्मेदारी और सतर्कता से बचाएं जान-माल का नुकसान
इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए हर नागरिक की सजगता आवश्यक है। अगर आप नदी किनारे रहते हैं, तो सुरक्षित स्थान पर जाएं। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और बच्चों, बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें। यह लेख उपयोगी लगा हो, तो शेयर करें, टिप्पणी करें, और इस चेतावनी को अपने मित्रों व परिवारजनों तक पहुँचाएं।