
#बालूमाथ #बारिशसेहुईतबाही : धुरान गंझू का खपरैल मकान धराशायी — सौभाग्य से परिवार बाल-बाल बचा, अब गांव के ही एक घर में ले रहे शरण
- धांधू पंचायत के मुरगांव गांव में तेज बारिश से आदिवासी धुरान गंझू का मकान पूरी तरह गिरा
- हादसे के समय परिवार के सभी सदस्य घर से बाहर थे, बड़ी अनहोनी टली
- स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने पीड़ित को सरकारी मदद देने की मांग की
- परिवार फिलहाल गांव के ही एक अन्य परिवार के घर में रह रहा है
- ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल राहत, खाद्यान्न और आवास योजना का लाभ देने की अपील की
मूसलधार बारिश से तबाह हुआ धुरान गंझू का घर
लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड अंतर्गत धांधू पंचायत के मुरगांव गांव में बीते दिन तेज बारिश ने एक आदिवासी परिवार का एकमात्र सहारा छीन लिया। धुरान गंझू, जो अपने परिवार के साथ वर्षों से एक खपरैल मकान में रह रहे थे, उनका घर बारिश की मार से पूरी तरह से धराशायी हो गया।
गनीमत यह रही कि हादसे के समय धुरान गंझू और उनकी पत्नी मजदूरी के सिलसिले में गांव से बाहर थे और तीनों बच्चे स्कूल में थे, जिससे किसी की जान नहीं गई। यदि परिवार उस समय घर में होता, तो स्थिति भयावह हो सकती थी।
समाजसेवी की पहल और ग्रामीणों की मांग
घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय समाजसेवी शकेन्द्र गंझू मौके पर पहुंचे और बताया कि धुरान गंझू का परिवार इस समय पूरी तरह बेघर है। फिलहाल, गांव के ही एक दूसरे परिवार ने उन्हें अस्थायी शरण दी है। शकेन्द्र गंझू ने प्रखंड प्रशासन से अपील की कि पीड़ित को प्रधानमंत्री आवास योजना या अन्य किसी सरकारी योजना के तहत तत्काल सहायता दी जाए।
शकेन्द्र गंझू ने कहा: “पीड़ित परिवार बेहद गरीब है। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द इन्हें छत और सहायता उपलब्ध कराई जाए।”
बरसात में कच्चे मकानों पर मंडरा रहा खतरा
ग्रामीणों ने इस घटना को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि इस बारिश के मौसम में गांव के कई अन्य कच्चे मकान भी असुरक्षित हैं और कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
स्थानीय ग्रामीण बिरसी गंझू ने कहा: “धुरान का घर तो गिर गया, लेकिन अब भी गांव में दर्जनों मकान जर्जर हालत में हैं। प्रशासन को सर्वे कर शीघ्र राहत पहुंचानी चाहिए।”
प्रशासन से अविलंब राहत देने की मांग
ग्रामीणों की ओर से यह भी मांग की गई है कि पीड़ित परिवार को तात्कालिक राहत सामग्री, राशन और वित्तीय सहायता दी जाए। बच्चों के पढ़ाई और भोजन की व्यवस्था भी प्रशासन के संज्ञान में लाई गई है। गांव की स्थिति देखते हुए व्यापक सर्वे और पुनर्वास योजना लागू करने की आवश्यकता है।
न्यूज़ देखो: एक घर टूटा, भरोसा मत तोड़िए
न्यूज़ देखो इस घटना के माध्यम से प्रशासन और समाज दोनों से यह आग्रह करता है कि विपदा में घिरे परिवारों को तत्काल सहायता देना हमारी साझा जिम्मेदारी है। धुरान गंझू जैसे सैकड़ों गरीब ग्रामीण अब भी बिना छत के जीवन जी रहे हैं, और उन्हें मूलभूत जरूरतें भी नहीं मिल पा रहीं। प्रशासन को ऐसे मामलों में तेजी से संज्ञान लेना होगा।
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संवेदनशीलता और सहयोग से ही होगा पुनर्निर्माण
समाज का हर सदस्य जब कठिन समय में एक-दूसरे के साथ खड़ा हो, तब ही हम वास्तविक विकास की ओर बढ़ते हैं। आप भी इस खबर को शेयर करें, अपने सुझाव कमेंट में दें, और जिम्मेदार नागरिक बनकर प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराएं।