
#छिपादोहर #प्राकृतिकआपदा : भारी बारिश से ग्रामीणों की जिंदगी थमी, संपर्क मार्ग पूरी तरह कटा
- शुक्रवार रात मूसलाधार बारिश से चार तालाब टूटे।
- गम्हरिया और खैराही टोला में सड़क बहने से 100 से अधिक घरों का संपर्क टूटा।
- 50 एकड़ फसल पानी में डूबी, कई ग्रामीणों के घर गिरे।
- चुंगरू पंचायत का मुख्यालय से संपर्क टूटा, लाभर नदी में बाढ़।
- लाभर-लात रोड पर कई जगह कटाव, लोग जोखिम में सफर कर रहे।
शुक्रवार शाम से शुरू हुई लगातार बारिश ने छिपादोहर क्षेत्र में कहर बरपा दिया। आधी रात को गम्हरिया के तीन तालाबों का बांध टूट गया और पानी का तेज बहाव मुख्य सड़क को बहा ले गया। इससे 100 से अधिक घरों में रहने वाले लोग बाहरी दुनिया से कट गए। आदिवासी बहुल यह क्षेत्र पूरी तरह संकट में है। ग्रामीण पगडंडी के सहारे आ-जा रहे हैं, जबकि चारों ओर पानी ही पानी है।
गम्हरिया और खैराही टोला में तबाही, किसानों को भारी नुकसान
गम्हरिया और खैराही टोला में तालाब टूटने से 50 एकड़ में लगी धान और सब्जियों की फसल नष्ट हो गई। किसानों के लिए यह बारिश जीवन की सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। कई ग्रामीणों के कच्चे मकान भी गिर गए, जिससे लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
पुलिस प्रशासन अलर्ट, निरीक्षण जारी
घटना की जानकारी मिलते ही छिपादोहर के थाना प्रभारी धीरज कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने हालात का जायजा लिया और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी।
धीरज कुमार सिंह ने कहा: “हम लोगों की सुरक्षा के लिए लगातार निगरानी कर रहे हैं। किसी को भी अनावश्यक खतरा उठाने की जरूरत नहीं है।”
चुंगरू पंचायत और नावाडीह गांव का संपर्क टूटा
बारिश के कारण नावाडीह और लाभर नदी में बाढ़ आ गई। इसके चलते चुंगरू पंचायत का मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया है। शनिवार दोपहर तक भी हालात सामान्य नहीं हो पाए थे।
लाभर-लात रोड पर खतरा
लाभर-लात रोड पर कई जगह कटाव हो चुका है। लोग मजबूरी में जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन बारिश के चलते काम धीमा है।



न्यूज़ देखो: आपदा प्रबंधन पर उठते सवाल
तालाब टूटना, सड़क बहना और गांवों का संपर्क टूटना यह बताता है कि बारिश से निपटने के लिए तैयारी नाकाफी थी। अब जरूरत है कि प्रशासन और स्थानीय निकाय मिलकर आपदा प्रबंधन को मजबूत करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से लोगों की जान-माल की रक्षा हो सके।
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मिलकर बचाव का रास्ता बनाएं
छिपादोहर की यह घटना हमें याद दिलाती है कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जागरूकता और सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि और लोग भी सतर्क हो सकें।