#बरवाडीह #पर्यटन_सीजन : मॉनसून में भी खुला रहेगा बरवाडीह का सौंदर्य — सिर्फ बेतला पार्क में प्रवेश प्रतिबंधित, बाकी जगहों पर पर्यटक कर सकेंगे आनंद
- बेतला पार्क छोड़कर सभी पर्यटन स्थल मॉनसून में खुले रहेंगे
- पर्यटन अधिकारी विवेक तिवारी ने दी स्पष्ट जानकारी
- पर्यटकों को होटल, कैंटीन और पार्किंग जैसी सुविधाएं मिलती रहेंगी
- 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बेतला पार्क बंद रहेगा
- पर्यटन कारोबारियों में पीटीआर के फैसले से खुशी की लहर
- प्रशासन ने पानी से जुड़े पर्यटक स्थलों से दूरी बनाए रखने की अपील की
पर्यटकों के लिए राहत की खबर: अब मॉनसून में भी खुला रहेगा बरवाडीह का आकर्षण
लातेहार जिले के बरवाडीह क्षेत्र में स्थित तमाम पर्यटन स्थल मॉनसून में भी पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे, केवल बेतला नेशनल पार्क में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। इस बात की पुष्टि पीटीआर के पर्यटन पदाधिकारी विवेक तिवारी ने की है। उन्होंने बताया कि पहले की तरह 1 जुलाई से 30 सितंबर तक बेतला पार्क में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा, लेकिन बाकी पर्यटन स्थल सामान्य रूप से संचालित होते रहेंगे।
विवेक तिवारी ने कहा: “पर्यटकों को अब सही जानकारी मिलने से भ्रम की स्थिति खत्म होगी और मॉनसून के मौसम में भी वे आसपास के प्राकृतिक स्थलों का लुत्फ उठा पाएंगे।”
कैंटीन से लेकर पार्किंग तक, सब सुविधाएं रहेंगी उपलब्ध
पीटीआर (पलामू टाइगर रिजर्व) क्षेत्र में बेतला को छोड़ अन्य सभी पर्यटन स्थलों जैसे नेटारहाट, लोध जलप्रपात, मीतू फॉल, काला पानी घाटी आदि में पर्यटकों के लिए पूर्ववत सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। होटल, कैंटीन, पार्किंग और गाइड सेवाएं चालू रहेंगी। इससे स्पष्ट है कि मॉनसून में भी पर्यटक यहां रुककर प्रकृति का अद्भुत नजारा ले सकते हैं।
भ्रम की स्थिति से पर्यटन व्यवसाय को हो रहा था नुकसान
अब तक की स्थिति में देखा गया कि मॉनसून में बेतला पार्क बंद होने की खबर को लेकर पर्यटक पूरे इलाके में आने से कतराते थे। इससे पर्यटन व्यवसाय, स्थानीय होटल, दुकानें, कैब सेवाएं और गाइड्स पर सीधा असर पड़ता था। पर्यटन अधिकारी द्वारा स्पष्ट जानकारी दिए जाने के बाद अब स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
पर्यटन व्यवसायी रमेश साहू ने कहा: “हर साल जुलाई-सितंबर में कारोबार ठप हो जाता था, अब सही जानकारी से पर्यटक आने लगेंगे और व्यापार पटरी पर रहेगा।”
प्राकृतिक सौंदर्य के साथ आरामदायक प्रवास
बरवाडीह क्षेत्र हरियाली, झरनों, पहाड़ों और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। मॉनसून में यहां का दृश्य और भी लुभावना हो जाता है। अब जब यह स्पष्ट है कि सिर्फ बेतला पार्क में ही प्रतिबंध है, पर्यटक नेटारहाट की वादियों, लोध जलप्रपात की गर्जना और मीतू फॉल की ठंडी बौछारों का आनंद ले सकते हैं।
प्रशासन की अपील: जलस्त्रोतों के पास जाने से बचें
हालांकि मॉनसून में अधिकतर स्थल खुले हैं, प्रशासन ने पर्यटकों से विशेष अपील की है कि वे झरनों, जलप्रपातों और नदी किनारे जाने से परहेज करें। भारी बारिश के कारण फिसलन और जलस्तर में अचानक वृद्धि जैसी घटनाएं जानलेवा साबित हो सकती हैं। गाइड और स्थानीय कर्मियों के निर्देशों का पालन करना जरूरी है।
पर्यटन अधिकारी विवेक तिवारी ने कहा: “हम चाहते हैं कि लोग प्रकृति का आनंद लें, लेकिन सुरक्षा से समझौता नहीं करें। जलप्रपात और उफनते स्रोतों से दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है।”
न्यूज़ देखो: भ्रम टूटने से बढ़ेगा बरवाडीह पर्यटन का आकर्षण
बरवाडीह और आसपास के पर्यटन स्थलों में मॉनसून के दौरान भी पर्यटन जारी रहेगा — यह सूचना सिर्फ भ्रम को तोड़ती नहीं, बल्कि पर्यटन कारोबार को नया जीवन भी देती है। वर्षों से बरसात के मौसम में पूरे क्षेत्र को वीरान मान लिया जाता था, लेकिन अब स्थानीय लोग, गाइड्स और छोटे कारोबारियों को नए अवसर मिलेंगे।
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झारखंड के प्राकृतिक स्थलों को जानना और साझा करना सांस्कृतिक जागरूकता और स्थानीय अर्थव्यवस्था दोनों को सशक्त करता है। बरवाडीह का सौंदर्य हर मौसम में खास है — इस लेख को शेयर करें, अपने दोस्तों और परिवार को मॉनसून ट्रिप के लिए प्रेरित करें।