#सिमडेगा #दुर्घटना : बानो सर्किल के हेलगढा गांव में प्रमुख सुधीर डांग के नौकर की कुएं में गिरकर मौत, पुलिस जांच जारी
- हेलगढा गांव में कुएं में गिरने से दाऊद मुंडा की मौत।
- मृतक पिछले जून माह से बानो प्रमुख सुधीर डांग के यहां कर रहा था काम।
- घर न लौटने पर परिजनों ने खोजबीन की, कुएं के पास मिला तौलिया और चप्पल।
- सुबह झागर की मदद से पानी से निकाला गया शव।
- थाना प्रभारी अमरनाथ सोनी ने शव पोस्टमार्टम हेतु भेजा।
- मृतक मूल रूप से खूंटी जिला के मुरुह प्रखण्ड का रहने वाला था।
बानो सर्किल के महाबुवांग थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम हेलगढा में बीती रात एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। यहां बानो प्रमुख सुधीर डांग के नौकर के तौर पर काम कर रहे दाऊद मुंडा की कुएं में गिरने से मौत हो गई। परिजनों और ग्रामीणों ने जब देर रात खोजबीन की तो कुएं के पास उसका तौलिया, चप्पल, गुलेल और छड़ी रखी हुई मिली, जिससे आशंका गहराई।
देर रात से सुबह तक चला खोज अभियान
परिवार के लोग रात में ही दाऊद मुंडा की तलाश में जुटे थे, लेकिन अंधेरा अधिक होने के कारण कुएं के अंदर खोजबीन संभव नहीं हो पाई। सुबह झागर की मदद से पानी के अंदर तलाश की गई और मृतक का शव बरामद किया गया। शव मिलने के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया।
पुलिस और जनप्रतिनिधियों की तत्परता
घटना की सूचना मिलते ही महाबुवांग थाना प्रभारी अमरनाथ सोनी और झामुमो पंचायत अध्यक्ष संदीप समद मौके पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी ली। थाना प्रभारी ने आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी कर शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए सिमडेगा भेज दिया।
मृतक का संबंध खूंटी से
जानकारी के अनुसार मृतक दाऊद मुंडा खूंटी जिले के मुरुह प्रखण्ड का निवासी था और पिछले जून महीने से सुधीर डांग के यहां काम कर रहा था। गांव में उसकी मौत की खबर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
न्यूज़ देखो: सुरक्षा लापरवाही पर उठते सवाल
हेलगढा गांव की यह घटना सुरक्षा इंतजामों की कमी की ओर इशारा करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में खुले कुओं पर कोई पुख्ता ढक्कन या सुरक्षा घेरा नहीं होने से ऐसे हादसे बार-बार सामने आते हैं। प्रशासन और स्थानीय प्रतिनिधियों को अब इस पर गंभीर पहल करनी चाहिए ताकि मासूम जिंदगियां असमय न जाएं।
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अब गांवों में जरूरी है सुरक्षा जागरूकता
यह दुखद घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा को लेकर कितनी लापरवाही है। खुले कुएं, बिना रोशनी और बिना घेराबंदी वाले स्थान जानलेवा साबित हो सकते हैं। अब समय है कि हम सब मिलकर सुरक्षा और सतर्कता को प्राथमिकता दें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक साझा करें ताकि ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में ठोस कदम उठ सकें।