Garhwa

बरसात के पहले ही दिन दर्दनाक हादसा: गढ़वा के ईंट भट्ठा पर वज्रपात से महिला मजदूर की मौत, बच्ची समेत दो घायल

#विशुनपुरा #वज्रपात_हादसा – गढ़वा के अहमर गांव में ईंट भट्ठा पर आम चुनते वक्त गिरी आकाशीय बिजली, प्रवासी मजदूर मंजू देवी की मौत, मासूम बेटी घायल
  • अहमर गांव स्थित 501 चिमनी ईंट भट्ठा पर गिरा वज्रपात
  • लातेहार की मंजू देवी की मौके पर मौत, 5 वर्षीय बेटी घायल
  • उत्तर प्रदेश के चोपन निवासी अजय कुमार भी गंभीर रूप से जख्मी
  • बारिश में आम चुनने के दौरान हुआ हादसा, मजदूर थे काम पर
  • स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम की मांग की

वज्रपात ने ली मजदूर महिला की जान, दो की हालत स्थिर

विशुनपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत अहमर खास के पंचफेड़ी टोला पर सोमवार की दोपहर एक हृदय विदारक हादसा हो गया। अहमर गांव स्थित 501 चिमनी ईंट भट्ठा में तेज आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला मजदूर की मौत हो गई। जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतका की पहचान लातेहार थाना क्षेत्र के सोहर गांव निवासी मनकुंअर की 20 वर्षीय पत्नी मंजू देवी के रूप में हुई है। वहीं इस हादसे में मंजू देवी की पांच वर्षीय पुत्री श्रुति कुमारी और उत्तर प्रदेश के चोपन थाना क्षेत्र के चोपन निवासी 20 वर्षीय अजय कुमार घायल हुए हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार की दोपहर मौसम अचानक बदल गया और तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। उसी दौरान मजदूरों का एक समूह अहमर 501 चिमनी ईंट भट्ठा के पास गिरे आम चुन रहा था। आम चुनने के दौरान अचानक तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में मंजू देवी, उनकी पुत्री और अजय कुमार आ गए।

हादसे के बाद मौके पर मौजूद अन्य मजदूरों ने तुरंत घायलों को गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मंजू देवी को मृत घोषित कर दिया। वहीं घायल अजय कुमार और श्रुति कुमारी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, दोनों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। खबर लिखे जाने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका था।

घटना के बाद मृतका के परिजनों में कोहराम मच गया है। मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने वाली मंजू देवी की असामयिक मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में खुले में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को पहले से सतर्क रहना चाहिए।

“बरसात के मौसम में खुले में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रशासन को पहले से तैयारी करनी चाहिए।”

न्यूज़ देखो: मजदूरों की जान की सुरक्षा पर हो प्राथमिकता

प्राकृतिक आपदाएं रोकी नहीं जा सकतीं, लेकिन सावधानी और सजगता से जानें बचाई जा सकती हैं।
न्यूज़ देखो की नज़र में, प्रशासन को चाहिए कि बरसात के मौसम में खुले स्थानों पर काम करने वालों के लिए एडवाइजरी और सुरक्षा इंतजाम तय करे।
मंजू देवी की जान भले न बच सकी हो, लेकिन आने वाले हादसों से अन्य मजदूरों की जान बच सकती है – यदि चेत गए तो।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सुरक्षा साधनों की कमी न बने जानलेवा

जो लोग ईंट भट्टों और खेतों में कड़ी मेहनत कर समाज को सहारा देते हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी साझा जिम्मेदारी है।
इसीलिए जरूरत है कि हम ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लें और प्रशासन को जवाबदेह बनाएं।

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Radhika Netralay Garhwa
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