
#गिरिडीह #बेहराडीहबिजलीसमस्या – राजेश सिन्हा के प्रयास और बिजली विभाग की तत्परता से ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत
- 10 दिन से अंधेरे में डूबे बेहराडीह गांव में लगा नया ट्रांसफार्मर
- गिरिडीह माले नेता राजेश सिन्हा ने एसी से संपर्क कर कराया समाधान
- माले के जिला सचिव अशोक पासवान ने भी जताया सहयोग और सुधार की मांग
- स्थानीय ग्रामीणों ने गिरिडीह जाकर स्वयं ट्रांसफार्मर मंगवाया
- बगल के गांव में भी जल्द लगेगा नया ट्रांसफार्मर, ग्रामीणों में खुशी
बिजली संकट से उबरा बेहराडीह, ट्रांसफार्मर बदलते ही लौटी रौशनी
गिरिडीह जिला के देवरी थाना अंतर्गत बेहराडीह गांव में बीते 10 दिनों से बिजली संकट गहराया हुआ था। गांव का ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर थे। परेशान ग्रामीणों ने भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा से संपर्क किया, जिनका पैतृक ससुराल भी इसी गांव में है।
राजेश सिन्हा ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गिरिडीह बिजली विभाग के एसी शकील जी से बात कर त्वरित कार्रवाई की मांग की। उन्होंने विभाग से अनुरोध कर बेहराडीह के लिए नया ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराया, जिसे ग्रामीणों ने गिरिडीह जाकर स्वयं मंगवाया और गांव में लगाया गया।
माले के नेताओं ने निभाई जिम्मेदारी
राजेश सिन्हा ने कहा –
“जहां कहीं भी जनता को समस्या हो, भाकपा माले हर समय साथ खड़ी है। जनता की आवाज हमारी जिम्मेदारी है।”
इस दौरान माले के जिला सचिव अशोक पासवान भी बिजली विभाग पहुंचे और ग्रामीणों के साथ खड़े होकर समस्या के समाधान में सहयोग किया। उन्होंने अपने क्षेत्र की समस्याओं पर भी चर्चा की और कहा कि –
“11 हजार वोल्ट के तार जो ग्रामीण क्षेत्रों से गुजर रहे हैं, उनमें सुधार की आवश्यकता है।”
मुखिया और ग्रामीणों का भी रहा सहयोग
बेहराडीह के मुखिया, रमेश सिन्हा और टिंकू सिन्हा समेत कई ग्रामीण गिरिडीह जाकर ट्रांसफार्मर लाने में जुटे। उन्होंने बताया कि अब शाम से ही गांव में बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी, जिससे गांव में खुशी का माहौल है।
राजेश सिन्हा ने यह भी बताया कि बगल के गांव में पहले से ही एक 16 KVA ट्रांसफार्मर मौजूद है, और आवश्यकता के अनुसार वहां भी जल्द नया ट्रांसफार्मर लगवाया जाएगा।
न्यूज़ देखो: जन संघर्ष से ही आता है बदलाव
‘न्यूज़ देखो’ मानता है कि जब जनता की आवाज़ को नेतृत्व मिलता है, तब बदलाव संभव होता है।
बेहराडीह में बिजली लौटने के पीछे सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था नहीं, बल्कि जनसंवेदनशील नेतृत्व और सक्रिय भागीदारी की जीत है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
हर गांव में पहुंचे मूलभूत सुविधाएं, यही है जनप्रतिनिधियों की असली भूमिका
बिजली जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित गांवों की समस्याओं को प्राथमिकता देना जरूरी है।
राजनीति का अर्थ सिर्फ भाषण नहीं, समाधान है।
बेहराडीह की पहल से साबित हुआ कि जब जनप्रतिनिधि आगे आते हैं, तो सिस्टम भी सक्रिय हो जाता है।