
#बरवाडीह #वृक्षारोपण : झारखंड जलछाजन योजना के तहत भारतीय लोक कल्याण संस्थान ने कुचिला पंचायत में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश।
- झारखंड राज्य स्थापना दिवस और रजत जयंती समारोह के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन।
- भारतीय लोक कल्याण संस्थान द्वारा झारखंड जलछाजन योजना के अंतर्गत किया गया पौधारोपण।
- कार्यक्रम बरवाडीह प्रखंड के कुचिला पंचायत स्थित महताब अंसारी के तालाब परिसर में संपन्न हुआ।
- कार्यक्रम में मुखिया सतरोहन सिंह, WDT सोशल एक्सपर्ट अनिल प्रसाद, इंजीनियर अजीत कुमार, अकाउंटेंट गौतम कुमार सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।
- पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने का लिया गया संकल्प।
झारखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती अवसर पर गुरुवार को बरवाडीह प्रखंड के पंचायत कुचिला ग्राम में झारखंड जलछाजन योजना के तहत भारतीय लोक कल्याण संस्थान द्वारा वृक्षारोपण कार्य किया गया। इस अवसर पर महताब अंसारी के तालाब परिसर में ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मिलकर पौधारोपण किया और झारखंड की हरियाली को सहेजने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह समारोह एक सामाजिक जागरूकता अभियान का रूप ले लिया।
झारखंड जलछाजन योजना के अंतर्गत हरियाली को बढ़ावा
भारतीय लोक कल्याण संस्थान के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य झारखंड में हरियाली बढ़ाना और जल संरक्षण को मजबूत बनाना है। संस्था द्वारा पिछले कुछ वर्षों से ग्रामीण इलाकों में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई सराहनीय पहलें की जा रही हैं। इस बार रजत जयंती के मौके पर वृक्षारोपण कर झारखंड को हरित राज्य के रूप में स्थापित करने का संदेश दिया गया।
गणमान्य लोगों की उपस्थिति और सहभागिता
इस अवसर पर कुचिला पंचायत के मुखिया सतरोंहन सिंह, WDT सोशल एक्सपर्ट अनिल प्रसाद, इंजीनियर अजीत कुमार, अकाउंटेंट गौतम कुमार, कृषि स्थाई समिति के अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद कुचिला, मंगरा सचिव बाबूचंद सिंह, कल्याणपुर के अध्यक्ष अशोक सिंह सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।
सभी ने एक साथ पौधे लगाकर स्थानीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दोहराया।
मुखिया सतरोंहन सिंह ने कहा: “वृक्ष ही जीवन हैं। आज इस रजत जयंती पर हम सबने यह संकल्प लिया है कि हर घर के सामने कम से कम एक पौधा अवश्य लगाया जाएगा।”
WDT सोशल एक्सपर्ट अनिल प्रसाद ने कहा: “झारखंड जलछाजन योजना सिर्फ जल संरक्षण का नहीं बल्कि जीवन संरक्षण का भी अभियान है। ऐसे कार्यक्रम ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ाने का काम करते हैं।”
पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक
झारखंड जैसे प्राकृतिक संपदा से भरपूर राज्य में वृक्षारोपण सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि भविष्य की सुरक्षा का प्रतीक है। बरवाडीह क्षेत्र के ग्रामीणों ने इस अवसर पर कहा कि वृक्ष लगाना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि उनकी देखभाल भी उतनी ही आवश्यक है। कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को पौधों की देखरेख, सिंचाई और सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया गया।
ग्रामीणों की सराहना और अपील
ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि हर वर्ष इस तरह का वृक्षारोपण अभियान जारी रहना चाहिए ताकि गांव-गांव में हरियाली का विस्तार हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड की असली पहचान उसकी प्रकृति और हरियाली से है, जिसे बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।

न्यूज़ देखो: हरियाली से झारखंड की पहचान
यह पहल इस बात का प्रमाण है कि जब समाज, संस्थान और प्रशासन एक साथ कदम बढ़ाते हैं, तो बदलाव संभव है। झारखंड जलछाजन योजना के अंतर्गत यह आयोजन न केवल राज्य की रजत जयंती का सम्मान है, बल्कि प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का भी प्रतीक है। यह कार्यक्रम बताता है कि पर्यावरण संरक्षण सिर्फ सरकारी योजना नहीं, बल्कि हर नागरिक का दायित्व है।
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हरियाली से ही झारखंड का भविष्य सुरक्षित
झारखंड की धरती को हरियाली से ढकने का सपना तभी पूरा होगा जब हम सब मिलकर इसमें योगदान दें। एक पौधा लगाना सिर्फ पेड़ उगाना नहीं, बल्कि जीवन को सुरक्षित करना है। इस राज्य स्थापना दिवस पर आइए, संकल्प लें कि अपने गांव, मोहल्ले और घर के आसपास हरियाली बढ़ाएं।
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