
#गुमला #मारपीट_घटना : चरकु टोली में पीड़ित परिवार से मिलीं प्रदेश अध्यक्ष गीता श्री उरांव—प्रशासन से तेज कार्रवाई की अपील
- 21 नवंबर को हुई मारपीट की घटना के पीड़ित तेजुआ उरांव से परिषद अध्यक्षा ने मुलाकात की।
- ग्रामवासियों और परिजनों से अलग-अलग बातचीत कर घटना का विस्तृत विवरण लिया।
- थाना प्रभारी और SDPO सुरेश प्रसाद से फोन पर संपर्क कर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
- पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिलाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन।
- ग्रामीणों के बीच दौरे के बाद न्याय की उम्मीद हुई मजबूत।
सिसई, गुमला के चरकु टोली गांव में हुए तेजुआ उरांव मारपीट प्रकरण को लेकर शनिवार को अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गीता श्री उरांव ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने 21 नवंबर को बालू डंपिंग को लेकर हुई इस मारपीट घटना की जानकारी ग्रामीणों से विस्तार पूर्वक ली और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। दौरे के दौरान उन्होंने स्थानीय प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए पीड़ित को न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
घटना की पूरी जानकारी ली, ग्रामीणों से अलग-अलग बातचीत
चरकु टोली पहुंचते ही गीता श्री उरांव ने सबसे पहले तेजुआ उरांव के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने मारपीट की घटना के क्रम, शामिल व्यक्तियों और वर्तमान स्थिति को समझने के लिए परिजनों व ग्रामीणों से अलग-अलग बातचीत की। ग्रामीणों ने बताया कि बालू डंपिंग को लेकर अचानक विवाद गहरा गया, जिसके बाद तेजुआ उरांव पर हमला किया गया। इस दौरान गांव में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया था।
उनकी मौजूदगी से ग्रामीणों के बीच भरोसा और उम्मीद का वातावरण बना। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में आदिवासी समाज पर अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन से फोन पर तत्काल कार्रवाई की मांग
घटना की गंभीरता को समझते हुए गीता श्री उरांव ने चरकु टोली से ही सीधे थाना प्रभारी और गुमला SDPO सुरेश प्रसाद से फोन पर बातचीत की। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि मामले की जांच में तेजी लाई जाए और दोषियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रशासनिक लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इस मामले की निगरानी परिषद द्वारा लगातार की जाएगी।
“इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। आदिवासी समाज के किसी भी व्यक्ति पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन को इस घटना को गंभीरता से लेना होगा और तेजुआ उरांव को न्याय दिलाना होगा।”
ग्रामीणों और पीड़ित परिवार में बढ़ी उम्मीद
परिषद अध्यक्षा के दौरे, प्रशासन से सीधे संवाद और कार्रवाई के स्पष्ट भरोसे के बाद पीड़ित परिवार और स्थानीय ग्रामीणों में न्याय की उम्मीद जागी है। ग्रामीणों ने बताया कि इतने बड़े स्तर पर पहले कभी कोई प्रतिनिधि इस मामले को देखने नहीं आया था, जिससे अब उन्हें विश्वास हो रहा है कि दोषियों पर कार्रवाई निश्चित होगी।
परिषद रखेगा मामले पर लगातार नजर
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकरण की प्रगति पर नियमित रूप से नजर रखी जाएगी। परिषद का मानना है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय से ही समाज में सुरक्षा और भरोसा कायम रह सकता है।
न्यूज़ देखो: आदिवासी समाज की आवाज मजबूती से उठी
चरकु टोली की घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक सक्रियता पर सवाल खड़े किए हैं। गीता श्री उरांव का दौरा न सिर्फ एक पीड़ित परिवार को सहारा देता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि आदिवासी समाज की समस्याएं अब नजरअंदाज नहीं की जा सकतीं। स्थानीय प्रतिनिधियों की त्वरित पहल से न्याय-प्रणाली पर लोगों का भरोसा बढ़ता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
न्याय और अधिकारों की रक्षा हर नागरिक का कर्तव्य
समाज तब मजबूत बनता है जब हर नागरिक अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करे। ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा और समानता सुनिश्चित करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। आप भी अपनी राय, सुझाव और अनुभव हमारे साथ साझा करें ताकि ऐसी घटनाओं पर जागरूकता बढ़े। लेख को शेयर करें, कमेंट करें और न्याय की इस मुहिम को आगे बढ़ाएं।





