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खूंटी में आदिवासी नेता सुमित तिग्गा की गोली मारकर हत्या, पुलिस की चुप्पी पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

#खूंटी #आदिवासीनेताहत्या : कर्रा थाना क्षेत्र के गुयु गांव में अज्ञात अपराधियों ने कांग्रेस नेता की गोली मारकर हत्या, इलाके में तनाव।
  • आदिवासी कांग्रेस के पूर्व प्रखंड महासचिव सुमित तिग्गा की गोली मारकर हत्या।
  • कर्रा थाना क्षेत्र के गुयु गांव में रविवार देर शाम वारदात।
  • घर के बाहर अलाव तापते वक्त पीछे से मारी गई गोली।
  • इलाज के दौरान रांची में मौत, गांव में आक्रोश और तनाव।
  • पुलिस अधिकारियों की चुप्पी पर उठे गंभीर सवाल।

खूंटी जिले के कर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत गुयु गांव में रविवार की देर शाम एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जहां अज्ञात अपराधियों ने आदिवासी कांग्रेस के पूर्व प्रखंड महासचिव सुमित तिग्गा की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना से पूरे इलाके में दहशत और आक्रोश का माहौल है। सुमित तिग्गा क्षेत्र में एक सक्रिय आदिवासी नेता के रूप में जाने जाते थे और सामाजिक व राजनीतिक गतिविधियों में उनकी अहम भूमिका रही है।

घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। परिजन उन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए रांची स्थित एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस हत्या के बाद न केवल गांव बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी तनाव की स्थिति बनी हुई है।

घर के बाहर अलाव तापते वक्त मारी गई गोली

स्थानीय लोगों के अनुसार, रविवार की शाम करीब साढ़े छह बजे सुमित तिग्गा अपने घर पर मौजूद थे। इसी दौरान उनके दो परिचित मित्र उन्हें घर से बुलाकर गांव की ओर ले गए। बाद में वे दोस्तों के साथ अलाव ताप रहे थे। इसी बीच लगभग आठ बजे अज्ञात अपराधी ने पीछे से उन पर गोली चला दी।

गोली लगते ही सुमित तिग्गा गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिर पड़े। घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गया। गोली चलने की आवाज सुनते ही आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और परिजनों को सूचना दी गई।

रांची में इलाज के दौरान मौत

घटना के तुरंत बाद परिजन और ग्रामीण सुमित तिग्गा को इलाज के लिए आनन-फानन में रांची ले गए। हालांकि, अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर के बाद गुयु गांव सहित पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल फैल गया।

ग्रामीणों का कहना है कि सुमित तिग्गा का किसी से व्यक्तिगत विवाद नहीं था और वे हमेशा सामाजिक कार्यों में आगे रहते थे। ऐसे में उनकी हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

राजनीतिक और सामाजिक पहचान

सुमित तिग्गा आदिवासी कांग्रेस के पूर्व प्रखंड महासचिव रह चुके थे। वे संगठनात्मक गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय थे। क्षेत्र में उनकी अच्छी पहचान थी और लोग उन्हें एक जमीनी नेता के रूप में जानते थे। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की आवाज को दबाने की कोशिश है।

पुलिस जांच में जुटी, लेकिन बयान से परहेज

घटना की सूचना मिलते ही कर्रा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस द्वारा अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी किए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन अब तक किसी भी संदिग्ध की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है।

इस पूरे मामले में पुलिस की चुप्पी लोगों के गुस्से को और भड़का रही है। बताया जा रहा है कि एसपी मनीष टोप्पो, एएसपी क्रिस्टोफर केरकेट्टा और सर्किल इंस्पेक्टर अशोक सिंह ने मीडियाकर्मियों के फोन रिसीव नहीं किए। इससे यह संदेश जा रहा है कि पुलिस इस गंभीर हत्याकांड पर खुलकर कुछ कहने से बच रही है।

ग्रामीणों और नेताओं में आक्रोश

हत्या के बाद स्थानीय ग्रामीणों और आदिवासी संगठनों में भारी आक्रोश है। लोगों ने दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।

इस मामले को लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने खूंटी पुलिस से मांग की है कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।

राकेश सिन्हा ने कहा कि असामाजिक तत्वों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

इलाके में तनाव का माहौल

हत्या के बाद से गुयु गांव और आसपास के इलाकों में तनाव बना हुआ है। एहतियातन पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। ग्रामीणों में भय का माहौल है, वहीं लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि जब एक सक्रिय राजनीतिक नेता सुरक्षित नहीं है, तो आम लोगों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी।

न्यूज़ देखो: कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल

एक जनप्रिय आदिवासी नेता की इस तरह हत्या होना जिले की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस की चुप्पी और अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होना जनता के विश्वास को कमजोर कर रहा है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

न्याय की मांग और जनसरोकार

यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। प्रशासन को चाहिए कि निष्पक्ष और त्वरित जांच कर दोषियों को सजा दिलाए। आप भी इस खबर को साझा करें और न्याय की मांग को मजबूत बनाएं।

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