
#कोलेबिरा #जनजातीयगौरवपखवाड़ा : बिरसा मुंडा जयंती पर छात्रों ने सांस्कृतिक विरासत, संघर्ष और आदिवासी आंदोलन की विरासत को स्वाभिमान के साथ याद किया।
- पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय कोलेबिरा में जनजातीय गौरव पखवाड़ा का आयोजन।
- 15 नवंबर 2025 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर विशेष कार्यक्रम।
- छात्रों ने उलगुलान आंदोलन और बिरसा मुंडा के योगदान पर प्रस्तुतियाँ दीं।
- प्राचार्य महोदय ने सांस्कृतिक धरोहर संजोने का संदेश दिया।
- कार्यक्रम का संचालन सीसीए इंचार्ज आशुतोष पांडे ने किया।
- ज्योति टूटी द्वारा बच्चों को सिमडेगा–गुमला के सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण कराया गया।
पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, कोलेबिरा में 15 नवंबर 2025 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव पखवाड़ा का आयोजन अत्यंत गरिमा और उल्लास के साथ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य महोदय द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि देने से हुई। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने भी फूल अर्पित कर इस महान जननायक के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया। विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों ने बिरसा मुंडा के जीवन, उनके संघर्ष, आदिवासी समाज के उत्थान में उनकी भूमिका तथा उलगुलान आंदोलन के महत्व पर रोचक व प्रेरक प्रस्तुतियाँ दीं। शिक्षकों ने उनके जीवन-दर्शन, सामाजिक चेतना और नेतृत्व की शक्ति पर विस्तृत चर्चा की, जिससे छात्र अपने इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को और गहराई से समझ सके।
विद्यार्थियों ने सीखा आदिवासी इतिहास और बिरसा मुंडा की प्रेरक विरासत
कार्यक्रम में बच्चों ने महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के जीवन प्रसंगों से जुड़ी कविताएँ, भाषण और विचार प्रस्तुत किए। शिक्षकों ने बताया कि किस प्रकार उनके नेतृत्व और संघर्ष ने आदिवासी समाज में नई चेतना, एकता और अधिकारों के लिए संघर्ष की भावना जागृत की। ‘‘धरती आबा’’ के नाम से विख्यात बिरसा मुंडा की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का यह प्रयास बच्चों में उत्साह और जागरूकता बढ़ाता दिखा।
प्राचार्य महोदय का स्पष्ट संदेश—अपनी सांस्कृतिक धरोहर पहचानें
अपने उद्बोधन में प्राचार्य महोदय ने उपस्थित छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को जनजातीय गौरव पखवाड़ा की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि बिरसा मुंडा की जयंती हम सबके लिए प्रेरणा का दिवस है। उन्होंने कहा कि उनके त्याग, नेतृत्व और साहस ने समाज में नई दिशा दी। विद्यार्थियों को अपनी जड़ों, परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को सुरक्षित रखने की सीख दी।
सीसीए इंचार्ज के नेतृत्व में अनुशासित आयोजन
पूरे कार्यक्रम का संचालन सीसीए इंचार्ज श्री आशुतोष कुमार पांडे के मार्गदर्शन में हुआ। उनके नेतृत्व में कार्यक्रम अत्यंत अनुशासित, सौहार्दपूर्ण और प्रभावशाली रूप से संपन्न हुआ। विद्यालय परिवार ने भी आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
विद्यार्थियों का सांस्कृतिक भ्रमण—इतिहास और परंपरा से सीधा परिचय
जनजातीय गौरव पखवाड़ा के अंतर्गत शिक्षिका ज्योति टूटी द्वारा बच्चों को सिमडेगा और गुमला जिलों के प्रमुख ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण कराया गया। विद्यार्थियों ने स्थानीय कला, संस्कृति, परंपरा, रहन-सहन और जनजातीय समाज की जीवनशैली को करीब से समझा। उन्होंने इस अनुभव को बेहद प्रेरक और ज्ञानवर्धक बताया।
सभी की सक्रिय सहभागिता से कार्यक्रम सफल
विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं, कर्मचारियों और सभी छात्र-छात्राओं की उपस्थित ने आयोजन को भव्य और सार्थक बनाया। पूरे परिसर में सांस्कृतिक गर्व, इतिहास के प्रति सम्मान और प्रेरक ऊर्जा का वातावरण दिखाई दिया।

न्यूज़ देखो: अपनी जड़ों से जुड़ना ही असली शिक्षा
जनजातीय गौरव पखवाड़ा केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को समझने और अगली पीढ़ी को उसके इतिहास से अवगत कराने का महत्वपूर्ण प्रयास है। स्कूलों में ऐसे आयोजनों से बच्चों में आत्मगौरव बढ़ता है और समाज में सांस्कृतिक चेतना मजबूत होती है।
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संस्कृति की पहचान ही समाज की शक्ति
आइए, अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को संजोने की जिम्मेदारी निभाएँ। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें, ताकि जागरूकता हर घर तक पहुँचे।





