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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को पारसनाथ दिगंबर जैन मध्य विद्यालय में दी गई श्रद्धांजलि

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#गिरिडीह #श्रद्धांजलि गुरुजी को मौन प्रार्थना के साथ भावभीनी विदाई
  • शिबू सोरेन के निधन पर विद्यालय में शोकसभा आयोजित।
  • 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
  • प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन ने भावुक शोक संदेश दिया।
  • शिक्षकों और छात्रों ने संकल्प लिया आदर्शों को अपनाने का
  • विद्यालय में दो दिनों का अवकाश घोषित।

झारखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी समाज की आवाज दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पूरे प्रदेश में गहरा शोक व्याप्त है। इसी कड़ी में पारसनाथ दिगंबर जैन मध्य विद्यालय, इसरी बाजार में एक शोकसभा का आयोजन किया गया, जहां शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्रों ने मिलकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

विद्यालय में श्रद्धांजलि सभा और मौन प्रार्थना

विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुनील कुमार जैन की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी शिक्षकों और छात्रों ने 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

सुनील कुमार जैन ने कहा: “शिबू सोरेन जी का पूरा जीवन आदिवासी समाज के अधिकार और सम्मान के लिए समर्पित रहा। उन्होंने झारखंड अलग राज्य की स्थापना में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। उनके निधन से राज्य ने एक सच्चे जननायक को खो दिया है।”

शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति

इस मौके पर नेम कुमार जैन, अंकित जैन, अशोक कुमार सिन्हा, राजेश कुमार ठाकुर, विनोद कुमार, शक्ति प्रसाद महतो, जितेंद्र कुमार और शिक्षिकाएं ममता कुमारी, मनोरमा कुमारी सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं। उपस्थित सभी ने परिवार को इस दुख की घड़ी में संबल देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

गुरुजी के संघर्ष को याद किया गया

शोकसभा में वक्ताओं ने कहा कि शिबू सोरेन का जीवन एक प्रेरणा है। उन्होंने आदिवासी हक, सामाजिक न्याय और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए लंबा संघर्ष किया। वे सिर्फ एक नेता नहीं बल्कि एक आंदोलन थे, जिन्होंने झारखंड को पहचान दिलाई।

विद्यालय में घोषित अवकाश

शोकसभा के उपरांत विद्यालय प्रबंधन ने दो दिनों के अवकाश की घोषणा की, ताकि सभी विद्यार्थी और शिक्षक इस क्षति पर गहरी संवेदना व्यक्त कर सकें।

न्यूज़ देखो: शिक्षा जगत ने जताया गहरा शोक

यह आयोजन बताता है कि शिबू सोरेन केवल राजनीति तक सीमित नहीं थे, बल्कि शिक्षा जगत और नई पीढ़ी पर भी उनका गहरा प्रभाव था। उनकी सोच और संघर्ष की गूंज आने वाले समय में भी बच्चों को प्रेरित करती रहेगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

प्रेरणा से भरे उनके आदर्श, निभाएं हमारी जिम्मेदारी

शिबू सोरेन का जीवन हमें सिखाता है कि संघर्ष और समर्पण से किसी भी बदलाव को साकार किया जा सकता है। अब समय है कि हम सभी उनके आदर्शों को अपनाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों व परिवार के साथ शेयर करें ताकि यह प्रेरणादायक संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।

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