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सिमडेगा में पुलिस संस्मरण दिवस पर शहीद पुलिसकर्मियों को दी गई श्रद्धांजलि

#सिमडेगा #पुलिससंस्मरणदिवस : वीर शहीदों को किया गया नमन, उनके बलिदान और कर्तव्यनिष्ठा को किया गया याद

आज दिनांक 21 अक्टूबर 2025 को सिमडेगा पुलिस केंद्र में पुलिस संस्मरण दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें शहीद पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह दिवस हर वर्ष उन वीर जवानों की स्मृति में मनाया जाता है जिन्होंने देश और समाज की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।

शहीदों के प्रति नमन और कृतज्ञता

कार्यक्रम के मुख्य अवसर पर पुलिस अधीक्षक सिमडेगा ने शहीद पुलिसकर्मी स्वर्गीय पुलिस अवर निरीक्षक विद्यापति सिंह, स्वर्गीय आरक्षी तुलाराम बिरूली, और स्वर्गीय आरक्षी सनील शाही के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी केवल कानून के रक्षक नहीं बल्कि समाज के प्रहरी हैं जो अपने कर्तव्य के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

पुलिस अधीक्षक सिमडेगा ने कहा: “हमारे शहीद पुलिसकर्मी न केवल वर्दीधारी कर्मचारी थे, बल्कि वे कर्तव्य, साहस और समर्पण की जीवंत प्रतिमूर्ति थे। देश सेवा उनके लिए एक आस्था थी जिसके लिए उन्होंने जीवन न्योछावर कर दिया।”

परिवारों के प्रति संवेदना और सम्मान

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने शहीदों के परिवारजनों के प्रति भी अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सिमडेगा पुलिस सदैव अपने शहीदों के परिवारों के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि आज जब हम शहीदों को नमन कर रहे हैं, तब उनके परिवारों की सहनशीलता और साहस हमारी प्रेरणा है। उनके चेहरों पर गर्व की जो चमक है, वही हमारे पुलिस बल की शक्ति का प्रतीक है।

पुलिस परिवार में जीवित रहेगी शौर्य गाथा

कार्यक्रम में मौजूद वरीय पुलिस उपाधीक्षक, सार्जेन्ट मेजर और अन्य पुलिसकर्मियों ने भी शहीदों के प्रति नमन किया। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर उन वीरों को याद किया जिन्होंने कर्तव्य पथ पर प्राणों की आहुति दी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि उनके नाम, उनका बलिदान और उनकी शौर्यगाथा हमेशा पुलिस परिवार की धड़कनों में जीवित रहेगी

न्यूज़ देखो: शहीदों की विरासत ही पुलिस बल की असली पहचान

सिमडेगा पुलिस का यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम केवल औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि उन मूल्यों का प्रतीक है जो एक सच्चे प्रहरी को परिभाषित करते हैं — समर्पण, अनुशासन और त्याग। ऐसे कार्यक्रम नयी पीढ़ी के पुलिसकर्मियों को प्रेरित करते हैं कि वे अपने पूर्वजों की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाएँ।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शहादत का अर्थ है अमरता

आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि वर्दी केवल परिधान नहीं, बल्कि कर्तव्य की पहचान है। हमारे शहीदों ने अपने जीवन से यह सिद्ध किया कि राष्ट्र सेवा सर्वोच्च है। आइए, हम सब मिलकर उनके आदर्शों को अपनाएँ, समाज में शांति और न्याय की स्थापना के लिए सक्रिय भूमिका निभाएँ, और इस खबर को साझा कर अपने शहीदों की अमर गाथा को आगे पहुँचाएँ।

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