
#गढ़वा – बिरसा मुंडा सिर्फ आदिवासी नेता नहीं, पूरे देश के प्रेरणास्त्रोत: पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर
- गढ़वा समाहरणालय परिसर में मनाई गई बिरसा मुंडा की 124वीं पुण्यतिथि
- पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन
- उलगुलान आंदोलन को बताया चेतना और क्रांति का प्रतीक
- सरकार की ओर से बिरसा के विचारों को लागू करने की अपील
- झामुमो कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने ली विचार आत्मसात करने की शपथ
गढ़वा में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई धरती आबा की पुण्यतिथि
गढ़वा जिला समाहरणालय परिसर स्थित बिरसा मुंडा पार्क में सोमवार को आदिवासी जननायक धरती आबा बिरसा मुंडा की 124वीं पुण्यतिथि श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई।
कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को बिरसा मुंडा के योगदान और बलिदान की स्मृति दिलाते हुए उन्हें देश का प्रेरणास्त्रोत बताया।
मिथिलेश ठाकुर ने कहा: “बिरसा मुंडा का आंदोलन केवल विद्रोह नहीं, एक चेतना और क्रांति थी। उन्होंने जल, जंगल और जमीन के लिए जो संघर्ष किया, वह हर पीढ़ी के लिए मिसाल है।”
उलगुलान: सिर्फ इतिहास नहीं, आज भी है प्रेरणा
पूर्व मंत्री ठाकुर ने बिरसा मुंडा द्वारा चलाए गए ‘उलगुलान आंदोलन’ को आदिवासी चेतना का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा ने यह साबित किया कि संघर्ष उम्र नहीं, बल्कि संकल्प से होता है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी हुकूमत ने बिरसा मुंडा के सिर पर 500 रुपये का इनाम रखा था, और उन्हें जेल में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत दी गई।
पूर्व मंत्री ने कहा: “उनका विचार और संघर्ष आज भी जीवित है और झारखंड की आत्मा में बसता है।”
आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए चल रहा संघर्ष
पूर्व मंत्री ठाकुर ने कहा कि बिरसा मुंडा के विचारों पर चलकर ही आदिवासी समाज को अधिकार और सम्मान मिल सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वनाधिकार कानून को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए, और शिक्षा-रोजगार पर विशेष ध्यान दिया जाए।
व्यापक सहभागिता और विचार आत्मसात करने का संकल्प
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में झारखंड मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए, जिन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।
उपस्थित प्रमुख नेताओं में शामिल थे:
जिला अध्यक्ष श्री शम्भू राम, जिला सचिव शरीफ अंसारी, केन्द्रीय समिति सदस्य तनवीर आलम खान एवं श्री मनोज ठाकुर, जिला कोषाध्यक्ष चन्दन जायसवाल, श्रीमती रेखा चौबे, श्रीमती अराधना सिंह, श्री परेश तिवारी, कंचन साहू, संजय चौधरी, केश्वर भुईयां, रसीद अंसारी, राजेश गुप्ता, सुनिल गौतम, नीलू खान, भोलू, साबीर, बब्लू दुबे, लक्ष्मी विश्वकर्मा, सरफराज खान समेत सैकड़ों कार्यकर्ता व स्थानीय लोग।
कार्यक्रम के समापन पर पूर्व मंत्री ठाकुर ने कहा: “बिरसा मुंडा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना आवश्यक है ताकि नई पीढ़ी उनके विचारों से परिचित हो सके।”

न्यूज़ देखो: धरती आबा के विचारों से प्रेरित झारखंड का संकल्प
बिरसा मुंडा का जीवन हमें बताता है कि एक सच्चा जननायक केवल विरोध नहीं करता, बल्कि समाज को एक नई दिशा देता है। गढ़वा में मनाई गई पुण्यतिथि केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, उनके विचारों को जीवंत रखने की शपथ थी।
न्यूज़ देखो ऐसे आयोजनों की अहमियत को समझते हुए न सिर्फ इन्हें दिखाता है, बल्कि उनके सामाजिक संदेश को भी आगे बढ़ाता है।
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आइए मिलकर आगे बढ़ाएं धरती आबा का सपना
बिरसा मुंडा ने जिन सपनों के लिए संघर्ष किया, उन सपनों को पूरा करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उनकी पुण्यतिथि पर हम सभी को चाहिए कि उनके विचारों को जीवन में आत्मसात करें, समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाएं।
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