#चेचरिया #श्रद्धांजलिसभा : विद्यालय परिवार ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि
- राजकीय मध्य विद्यालय चेचरिया में आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा।
- प्रधानाध्यापक विजय कुमार यादव ने शिबू सोरेन को दलित, आदिवासी, पिछड़ों का विश्व गुरु बताया।
- स्कूली बच्चों और शिक्षकों ने संघर्षपूर्ण जीवन पर प्रस्तुतियाँ दीं।
- कार्यक्रम में वि.प्र.स. अध्यक्ष रामसुंदर विश्वकर्मा सहित कई लोग मौजूद।
- बेहतर प्रस्तुति देने वाले बच्चों को स्वतंत्रता दिवस पर पुरस्कृत किया जाएगा।
14 अगस्त 2025 को राजकीय मध्य विद्यालय चेचरिया के प्रांगण में झारखंड आंदोलन के पुरोधा और आदिवासी समाज के शीर्ष नेता दिसोम गुरू शिबू सोरेन की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में विद्यालय परिवार, स्थानीय प्रतिनिधि, शिक्षक और अभिभावक शामिल हुए। बच्चों और शिक्षकों ने उनके संघर्षपूर्ण जीवन, सामाजिक योगदान और नेतृत्व की कहानियाँ साझा कीं। इस अवसर पर भावुक माहौल में शिबू सोरेन को “दलित, आदिवासी, पिछड़ों का विश्व गुरु” कहकर नमन किया गया।
विजय कुमार यादव का संबोधन— “सभी वंचितों के थे पथप्रदर्शक”
विद्यालय के प्रधानाध्यापक विजय कुमार यादव ने श्रद्धांजलि सभा में कहा कि शिबू सोरेन न केवल झारखंड आंदोलन के आधार स्तंभ थे, बल्कि दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्षरत रहे। वे ऐसे नेता थे जिन्होंने जमीन से उठकर समाज के हर तबके को जोड़ने का प्रयास किया।
विजय कुमार यादव ने कहा: “दिसोम गुरू जी वंचितों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले सच्चे विश्व गुरु थे, जिनकी सोच और संघर्ष हमें प्रेरित करते रहेंगे।”
बच्चों और शिक्षकों ने साझा की प्रेरक कहानियाँ
कार्यक्रम में स्कूली बच्चों और शिक्षकों ने मंच से शिबू सोरेन के जीवन के प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपने संघर्ष से झारखंड राज्य के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और गरीबों, किसानों व मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ी। बच्चों की प्रस्तुति ने सभा में मौजूद लोगों को भावुक कर दिया।
सम्मान और पुरस्कार की घोषणा
सभा के अंत में विद्यालय प्रबंधन की ओर से घोषणा की गई कि शिबू सोरेन की जीवनी पर बेहतर प्रस्तुति देने वाले बच्चों को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। इस घोषणा से बच्चों में उत्साह और ऊर्जा दिखाई दी।
गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस अवसर पर वि.प्र.स. अध्यक्ष रामसुंदर विश्वकर्मा, शिक्षक सुरेंद्र विश्वकर्मा, बाबूलाल विश्वकर्मा, चिंता राम, ममता देवी, निर्मला देवी सहित कई अभिभावक और ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने एक सुर में कहा कि शिबू सोरेन का जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
न्यूज़ देखो: संघर्ष और समर्पण की अमर विरासत
दिसोम गुरू शिबू सोरेन का जीवन झारखंड की पहचान और वंचित समाज की आवाज का प्रतीक है। चेचरिया विद्यालय में आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा न केवल उन्हें याद करने का अवसर थी, बल्कि उनके विचारों और आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का माध्यम भी बनी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें, समाज में सकारात्मक बदलाव लाएँ
शिबू सोरेन का जीवन हमें सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व सेवा, समर्पण और संघर्ष से बनता है। हम सभी को उनके विचारों से प्रेरणा लेकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए। इस खबर को साझा करें और अपने विचार कमेंट के माध्यम से ज़रूर बताएं, ताकि और लोग भी इस प्रेरणादायी जीवन से जुड़ सकें।