
#पलामू #स्वतंत्रतासेनानी : वीर सपूतों को नमन, सही पहचान दिलाने की पहल
- स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार ने शीलापट्ट पर माल्यार्पण किया।
- नामों में त्रुटि सुधारने की मांग दोहराई गई।
- दिल्ली के पत्रकार प्रभात मिश्रा सुमन के प्रयास से परिजन एक मंच पर आए।
- विवेक वर्मा, सुधीर सहाय, विनीत कुमार वर्मा सहित कई परिजन मौजूद रहे।
- पलामू वासियों से अपील – शीलापट्ट स्थल पर जाकर समर्थन दें।
हाथ थामे तिरंगे संग चलने वाले वीर सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए पलामू में स्वतंत्रता दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
“लाठी खाई, गोली खाई, पर कदम नहीं रुके… गुलामी की जंजीरें टूटीं” – इन पंक्तियों के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई और उपस्थित लोगों ने वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी।
त्रुटियों से भरा शीलापट्ट, वर्षों से उपेक्षित
पलामू जिला मुख्यालय स्थित ब्लॉक परिसर में लगा स्वतंत्रता सेनानियों का शीलापट्ट आज भी कई नामों की त्रुटियों से भरा है। यह स्थिति तब है जबकि परिजनों और जागरूक नागरिकों ने कई बार प्रशासन को इस संबंध में जानकारी दी। दुर्भाग्य है कि अब तक इन त्रुटियों को सुधारा नहीं जा सका।
परिजनों का एकजुट होना
दिल्ली के पत्रकार प्रभात मिश्रा सुमन के प्रयासों से ज्यादातर स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन एक मंच पर आए। इस मौके पर यदुवंश सहाय जी के पोते सुधीर सहाय, उमेश्वरी चरण जी के पोते विनीत कुमार वर्मा, और नंदकिशोर प्रसाद वर्मा व गणेश प्रसाद वर्मा के पोते विवेक वर्मा सहित कई लोग मौजूद रहे।
माल्यार्पण और तिरंगे से सजी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के दौरान शीलापट्ट पर माल्यार्पण किया गया और उसे तिरंगे से सजाकर वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहां मौजूद हर व्यक्ति के चेहरे पर गर्व और भावुकता साफ झलक रही थी।
विवेक वर्मा ने कहा: “यह सिर्फ श्रद्धांजलि का कार्यक्रम नहीं, बल्कि अपने पूर्वजों को उनकी सही पहचान दिलाने का संकल्प है।”
आमजन से अपील
कार्यक्रम में सभी पलामू वासियों से अपील की गई कि वे शीलापट्ट स्थल पर अवश्य जाएं, वहां वीर सपूतों के नाम पढ़ें और इस मुहिम का हिस्सा बनें ताकि अंकित त्रुटियों को जल्द सुधारा जा सके।


न्यूज़ देखो: शहीदों की सही पहचान भी देशभक्ति का हिस्सा
वीर सपूतों के नाम सिर्फ पत्थर पर नहीं, दिलों में भी दर्ज होने चाहिए। पलामू का यह प्रयास बताता है कि स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सही रूप में संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बलिदान की विरासत को सहेजना हम सबका कर्तव्य
आजादी सिर्फ तिरंगे के नीचे खड़े होने का नाम नहीं, बल्कि उन लोगों के सम्मान को बनाए रखने का भी नाम है जिन्होंने इसे हासिल किया। इस खबर को साझा कर इस मुहिम का हिस्सा बनें और स्वतंत्रता सेनानियों के नामों को सही पहचान दिलाने में सहयोग दें।