
#जारी #श्रद्धांजलि : परमवीर चक्र विजेता अलबर्ट एक्का के शहादत दिवस पर जारी और चैनपुर में प्रशासन व नागरिक करेंगे श्रद्धांजलि अर्पित।
- अलबर्ट एक्का, पूर्वोत्तर भारत के एकमात्र परमवीर चक्र विजेता।
- 3 दिसंबर को उनके 54वें शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम।
- पैतृक गांव जारी में मुख्य आयोजन, चैनपुर स्मारक पर भी पुष्पांजलि।
- कार्यक्रम में पूर्व सैनिक संघ, जनप्रतिनिधि और प्रशासन की उपस्थिति।
- 1971 युद्ध में दुश्मन बंकर में घुसकर अद्भुत वीरता का प्रदर्शन।
- स्मारक स्थल का रंग-रोगन और साज-सज्जा कार्यक्रम पूर्व सैनिकों द्वारा पूरा।
जारी, गुमला : देश के अमर शहीद और पूर्वोत्तर भारत के एकमात्र परमवीर चक्र विजेता लांस नायक अलबर्ट एक्का को उनके 54वें शहादत दिवस के अवसर पर कल, 3 दिसंबर को श्रद्धांजलि दी जाएगी। हर वर्ष की भांति इस बार भी यह दिन पूरे सम्मान, गरिमा और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया जाएगा।
मुख्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम उनके पैतृक गांव जारी में आयोजित होगा, जहाँ बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी, पूर्व सैनिक, जनप्रतिनिधि और स्थानीय ग्रामीण उनकी स्मृति को नमन करेंगे। वहीं चैनपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित स्मारक पर भी उनकी प्रतिमा और समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर राष्ट्रनायक को याद किया जाएगा।
अलबर्ट एक्का की अडिग वीरता की गाथा
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में लांस नायक अलबर्ट एक्का द्वारा दिखाए गए अद्वितीय साहस की कथा भी सुनाई जाएगी। युद्ध के दौरान उन्होंने दुश्मन के मशीनगन बंकर में घुसकर नियंत्रण हासिल किया और कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। भीषण गोलीबारी में 20 से अधिक गोलियां लगने के बावजूद उनका जज़्बा कम नहीं हुआ और उन्होंने अंतिम सांस तक लड़ते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
3 दिसंबर, 1971 को वीरगति को प्राप्त हुए अलबर्ट एक्का को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया, जो भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है।
श्रद्धांजलि स्थल की साज-सज्जा पूरी
श्रद्धांजलि कार्यक्रम के पूर्व, चैनपुर स्थित स्मारक परिसर का भूतपूर्व सैनिकों द्वारा रंग-रोगन और समुचित साज-सज्जा कर लिया गया है। पूरे क्षेत्र में देशभक्ति का वातावरण बनाया गया है, ताकि आने वाले सभी लोग राष्ट्रनायक को उचित सम्मान दे सकें।

न्यूज़ देखो: शहीदों की स्मृति हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान की नींव
अलबर्ट एक्का जैसे वीर सैनिक हमें याद दिलाते हैं कि देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे सच्चे नायक हैं। उनकी शहादत सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। ऐसे मौकों पर समाज की भागीदारी राष्ट्रीय एकता और गर्व को और मजबूत करती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शहीदों को याद करना राष्ट्रीय कर्तव्य
हम सभी का दायित्व है कि ऐसे बलिदान को सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि पूरे वर्ष याद रखें। युवा पीढ़ी को उनकी वीरता से प्रेरणा मिले, इसके लिए इन कार्यक्रमों में अधिक से अधिक सहभागिता करें। इस खबर को साझा कर राष्ट्रनायक अलबर्ट एक्का को श्रद्धांजलि देने में अपना योगदान दें।





