
#गुमला #शहादत_दिवस : जिला प्रशासन और जनता ने जारी गांव एवं गुमला स्टेडियम में परमवीर अल्बर्ट एक्का को नमन किया
- शहीद अल्बर्ट एक्का की प्रतिमा पर जिला अधिकारियों द्वारा माल्यार्पण किया गया।
- कार्यक्रम जारी गांव और अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में सादगीपूर्ण वातावरण में आयोजित।
- उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित, उप विकास आयुक्त दिलेश्वर महतो सहित कई अधिकारी उपस्थित।
- 1971 भारत-पाक युद्ध में अल्बर्ट एक्का की असाधारण वीरता को याद किया गया।
- जिला प्रशासन ने पूरे सम्मान के साथ शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
गुमला में बुधवार को परमवीर चक्र विजेता शहीद अल्बर्ट एक्का के शहादत दिवस पर एक सादगीपूर्ण और भावनात्मक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन उनके पैतृक गांव जारी में किया गया, जहां ग्रामीणों, प्रशासनिक अधिकारियों तथा कई गणमान्य व्यक्तियों ने एक साथ मिलकर इस अदम्य वीर सपूत को श्रद्धांजलि दी।
इसके साथ ही गुमला के अल्बर्ट एक्का स्टेडियम के समीप स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा पर भी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
जारी गांव और स्टेडियम परिसर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम
शहीद की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे जिला प्रशासन के अधिकारियों में उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित, उप विकास आयुक्त दिलेश्वर महतो, अपर समाहर्ता, LRDC, DTO, DPRO, SDPO, BDO, CO सहित कई अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
कार्यक्रम का वातावरण अनुशासनपूर्ण, सादगीपूर्ण और राष्ट्रभावना से ओतप्रोत था। सभी ने कैंडल जलाकर, पुष्प अर्पित कर और मौन रखकर शहीद के प्रति अपने सम्मान को व्यक्त किया।
“अल्बर्ट एक्का का बलिदान हमारे लिए प्रेरणा”—उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित
श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने कहा कि शहीद अल्बर्ट एक्का का बलिदान केवल गुमला या झारखंड के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है।
उन्होंने कहा कि—
“अल्बर्ट एक्का का बलिदान झारखंड और गुमला ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हम सभी को शहीदों के आदर्शों और देशभक्ति की भावना से प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित में कार्य करना चाहिए।”
उनके इस वक्तव्य ने कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों, युवाओं और अधिकारियों को गहराई से प्रभावित किया।
1971 के युद्ध में दिखाई थी असाधारण वीरता
कार्यक्रम के दौरान अल्बर्ट एक्का के शौर्यगाथा को याद किया गया।
यह बताया गया कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने दुश्मनों की कड़ी मोर्चेबंदी को ध्वस्त करते हुए अभूतपूर्व वीरता का प्रदर्शन किया।
3 दिसंबर 1971 को लड़ते-लड़ते उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी, लेकिन उनकी वीरता के कारण भारत को निर्णायक बढ़त मिली और युद्ध की दिशा बदल गई।
उनके इसी पराक्रम के लिए उन्हें देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
जिला प्रशासन और जिलेवासियों की ओर से श्रद्धांजलि
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने शहीद को नमन करते हुए उनके सपनों और आदर्शों को आगे ले जाने का संकल्प लिया।
जिला प्रशासन ने कहा कि शहीदों की स्मृतियों और उनकी वीरता को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए ऐसे कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं।

न्यूज़ देखो: वीर सपूतों की याद राष्ट्र की धरोहर
गुमला में मनाया गया यह कार्यक्रम इस बात का प्रतीक है कि राष्ट्र अपने वीरों को कभी नहीं भूलता। अल्बर्ट एक्का जैसे शहीदों की वीरता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनती है। राष्ट्रीय गौरव की इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए समाज और प्रशासन दोनों की संयुक्त भूमिका जरूरी है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
वीरों को याद रखना ही सच्ची श्रद्धांजलि
अपने क्षेत्र के शहीदों की गाथा को नई पीढ़ी तक पहुँचाएं।
देशभक्ति केवल भावना नहीं, बल्कि कर्तव्य है—इसे निभाने का संकल्प लें।
राष्ट्रीय एकता और सद्भाव के संदेश को आगे बढ़ाएं।
अगर आप भी शहीद अल्बर्ट एक्का की वीरता को सलाम करते हैं, तो इस खबर को साझा करें और अपनी श्रद्धांजलि कमेंट में अर्पित करें।





