Giridih

सच्चाई और न्याय की जीत: बेटे के हत्यारों को मिली उम्रकैद, पिता की लड़ाई लाई रंग

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#गिरिडीह #हत्यामामला – राजेन्द्र गोप की जिद और संघर्ष से बेटे रमेश को मिला इंसाफ, कोर्ट ने सुनाया उम्रकैद का फैसला

  • बगोदर थाना क्षेत्र के चौधरीबांध गांव में 2022 में हुई थी रमेश यादव की हत्या
  • 9 आरोपियों ने तलवार और कुल्हाड़ी से किया था अपहरण और फिर हत्या
  • सोशल मीडिया से मिली बेटे की हत्या की सूचना
  • राजेन्द्र गोप ने थाने में मामला दर्ज कर लड़ी लंबी कानूनी लड़ाई
  • एडीजे-3 गिरिडीह ने सभी आरोपियों को सुनाई उम्रकैद और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा

बेटे की हत्या से बर्बाद हुआ परिवार, पर टूटा नहीं हौसला

गिरिडीह जिला के बगोदर थाना क्षेत्र अंतर्गत चौधरीबांध गांव के निवासी राजेन्द्र गोप के 19 वर्षीय बेटे रमेश यादव की 01 जुलाई 2022 की शाम को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। रमेश अपने घर पर बैठा था, तभी 9 लोग घर में जबरन घुसे और गाली-गलौज करते हुए रमेश को जबरदस्ती बाहर खींच कर ले गए।

“संजय यादव ने तलवार और चाकू दिखाकर रमेश को पकड़ लिया और जितेन्द्र रजक उसे बाइक पर बैठाकर ले गया।”
– राजेन्द्र गोप का कोर्ट में बयान

शव मिला रेलवे लाइन के किनारे, सोशल मीडिया से हुई पहचान

लगातार खोजबीन के बाद 03 जुलाई 2022 को सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि एक अज्ञात शव चेगेरो गांव के पास रेलवे लाइन किनारे मिला है। जब पुलिस ने शव को बरामद कर फोटो दिखाया, तो राजेन्द्र गोप ने शव की पहचान अपने बेटे के रूप में की।

कोर्ट ने दिया न्याय, सुनाई उम्रकैद की सजा

इस जघन्य हत्याकांड में नामजद 9 आरोपियों में शामिल थे:

  1. जितेन्द्र रजक पिता बोधी रजक
  2. संजय यादव पिता दुलारचंद यादव
  3. विजय रजक पिता मोहन रजक
  4. जितेन्द्र साव पिता स्व. संतोष साव
  5. बिक्रम रजक पिता सुगन रजक
  6. संजय यादव पिता महेन्द्र यादव
  7. मनोज कुमार साहु पिता जागेश्वर साहु
  8. संतोष साव पिता टहलु साव
  9. विनोद रजक पिता स्व. भिखो बैठा

गिरिडीह न्यायालय के एडीजे-3 आशीष महापात्रा की अदालत ने इन सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा और 10,000 रुपये का जुर्माना सुनाया।

पिता की अडिग लड़ाई बनी मिसाल

राजेन्द्र गोप ने न्याय के लिए थानों, अदालतों और अफसरों के चक्कर लगाए, लेकिन हार नहीं मानी। उन्होंने अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया, और आखिरकार उन्हें सच्चाई की जीत मिली।

“मैंने बेटे को खोया, लेकिन इंसाफ पाने तक चैन से नहीं बैठा। आज मेरी आत्मा को शांति मिली।”
– राजेन्द्र गोप

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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