
#सिमडेगा #तुलसी_पूजन : महावीर चौक में श्रद्धा और सामूहिक सहभागिता के साथ पारंपरिक तुलसी पूजन संपन्न।
सिमडेगा के महावीर चौक में श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ तुलसी पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस धार्मिक आयोजन में स्थानीय महिलाओं और बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विधिवत पूजन, आरती और मंत्रोच्चार के साथ पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूबा रहा। कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजना और नई पीढ़ी को धार्मिक मूल्यों से जोड़ना रहा।
- महावीर चौक, सिमडेगा में पारंपरिक तुलसी पूजन कार्यक्रम आयोजित।
- स्थानीय महिलाओं और बच्चों की सक्रिय और उत्साहपूर्ण भागीदारी।
- विधिवत पूजन, सामूहिक आरती और मंत्रोच्चार से भक्तिमय माहौल।
- निराला देवी, नेहा देवी, शांति देवी, सुमन देवी सहित महिलाओं की विशेष उपस्थिति।
- बच्चों ने भी श्रद्धा से पूजन में भाग लिया, प्रसाद वितरण के साथ समापन।
सिमडेगा शहर के महावीर चौक में आयोजित तुलसी पूजन कार्यक्रम धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक चेतना का जीवंत उदाहरण बना। कार्यक्रम पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुरूप संपन्न हुआ, जिसमें स्थानीय समुदाय की सहभागिता देखने लायक रही। महिलाओं के साथ बच्चों की मौजूदगी ने आयोजन को और भी विशेष बना दिया। पूरे कार्यक्रम के दौरान भक्ति और अनुशासन का वातावरण बना रहा।
पारंपरिक विधि से हुआ पूजन और आरती
कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत पूजन-अर्चन से की गई। इसके बाद सामूहिक रूप से तुलसी माता की आरती उतारी गई। मंत्रोच्चार और भक्ति गीतों के साथ महावीर चौक का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया।
इस अवसर पर निराला देवी, नेहा देवी, शांति देवी, सुमन देवी, राधिका और शिवानी की विशेष उपस्थिति रही। सभी महिलाओं ने श्रद्धा भाव से तुलसी माता का पूजन कर परिवार और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।
बच्चों की सक्रिय भागीदारी से बढ़ा उत्साह
तुलसी पूजन कार्यक्रम में बच्चों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। अतुलित, दिव्यांश, आदित्य और वैभव ने पूरे मनोयोग और श्रद्धा के साथ पूजन एवं आरती में भाग लिया। बच्चों में धार्मिक संस्कारों के प्रति उत्साह और जिज्ञासा स्पष्ट रूप से देखने को मिली।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों को भारतीय संस्कृति, परंपराओं और नैतिक मूल्यों से परिचित होने का अवसर मिलता है।
प्रसाद वितरण और सामूहिक सहभागिता
पूजन और आरती के उपरांत उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। आयोजन के दौरान आपसी सहयोग, अनुशासन और सामूहिक सहभागिता की भावना साफ दिखाई दी। स्थानीय निवासियों ने पूरे कार्यक्रम को शांतिपूर्ण और अनुकरणीय बताया।
आयोजन के उद्देश्य पर जोर
आयोजन से जुड़े लोगों ने बताया कि तुलसी पूजन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखना है। साथ ही नई पीढ़ी को धार्मिक, नैतिक और सामाजिक मूल्यों से जोड़ना भी इस तरह के आयोजनों का अहम उद्देश्य है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐसे धार्मिक कार्यक्रम समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और आपसी सद्भाव को मजबूत करते हैं।
न्यूज़ देखो: आस्था और संस्कार का संगम
महावीर चौक में आयोजित तुलसी पूजन कार्यक्रम यह दर्शाता है कि स्थानीय स्तर पर होने वाले धार्मिक आयोजन समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं। महिलाओं और बच्चों की सहभागिता से यह साफ होता है कि परंपराएं आज भी जीवित हैं और पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ रही हैं। ऐसे आयोजन सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
परंपराओं से जुड़े रहना ही सामाजिक मजबूती
धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन केवल आस्था तक सीमित नहीं रहते, बल्कि समाज को एक सूत्र में पिरोते हैं। जब बच्चे और महिलाएं समान रूप से इसमें भाग लेते हैं, तो संस्कार स्वतः आगे बढ़ते हैं।





