
#गिरिडीह #गीता_जयंती : दो दिवसीय गीता जयंती महोत्सव में अखंड पाठ, ज्ञान यज्ञ और भंडारे के साथ आध्यात्मिक वातावरण की विशेष व्यवस्था।
- 1–2 दिसंबर 2025 को श्री कबीर ज्ञान मंदिर में गीता जयंती का भव्य आयोजन।
- पहले दिन 18 अध्यायों का अखंड पाठ, लगभग 1001 श्रद्धालुओं की सहभागिता।
- मंदिर परिसर रोशनी और पुष्प सज्जा से सुसज्जित, भक्तिमय माहौल तैयार।
- दूसरे दिन गीता ज्ञान यज्ञ सतगुरू मां ज्ञान के सान्निध्य में संपन्न होगा।
- समापन पर सभी भक्तों के लिए भंडारे की विशेष व्यवस्था।
गिरिडीह स्थित श्री कबीर ज्ञान मंदिर में इस वर्ष गीता जयंती को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियाँ चल रही हैं। आज से शुरू होने वाला दो दिवसीय यह कार्यक्रम पूरी तरह आध्यात्मिक माहौल में आयोजित होगा। मंदिर प्रबंधन और सेवादारों ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या पहले से कई गुना अधिक रहने की उम्मीद है, जिसके अनुसार व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। मंदिर परिसर को आकर्षक रोशनी, विद्युत सजावट और फूलों की माला से अत्यंत भव्य रूप दिया गया है।
पहले दिन गीता के 18 अध्यायों का अखंड पाठ
1 दिसंबर को गीता जयंती उत्सव की शुरुआत श्रीमद् भगवद् गीता के 18 अध्यायों के अखंड पाठ से होगी। कार्यक्रम सुबह से शाम तक चलेगा, जिसमें लगभग 1001 श्रद्धालु क्रमवार रूप से पाठ में शामिल होंगे। स्थानीय भक्तों के साथ-साथ आसपास के प्रखंडों एवं जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग आने वाले हैं। मंदिर प्रबंधन ने बताया कि अखंड पाठ के दौरान वातावरण में शांति, ध्यान और मनोवैज्ञानिक ऊर्जा का संचार होने वाला है, जिसे महसूस करने के लिए लोग विशेष रूप से आते हैं।
दूसरे दिन गीता ज्ञान यज्ञ और आध्यात्मिक अनुष्ठान
2 दिसंबर को कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें गीता ज्ञान यज्ञ का विशेष आयोजन किया जाएगा। यज्ञ का नेतृत्व सतगुरू मां ज्ञान करेंगी। मंत्रोच्चारण के साथ भक्तों को धर्म, योग, कर्म और आध्यात्मिक जीवन की महत्ता पर प्रवचन भी दिया जाएगा। यज्ञ के दौरान पूरे परिसर में आध्यात्मिक ऊर्जा का विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा।
यज्ञ के बाद परंपरा के अनुसार मंदिर द्वारा सर्वजन हिताय भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों भक्तों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। भंडारे की तैयारी में स्वयंसेवक, जीविका समूह की महिलाएँ और स्थानीय श्रद्धालुगण सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।
सतगुरू मां ज्ञान का संदेश—“गीता संपूर्ण मानवता की धरोहर”
आयोजन की तैयारियों के बीच सतगुरू मां ज्ञान ने गीता के वैश्विक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा:
“गीता केवल हिंदू धर्म का ग्रंथ नहीं है, यह मानव समाज के लिए जीवन–मार्गदर्शक है। यह हमें पंथवाद की सीमाओं से ऊपर उठकर मन, कर्म और बुद्धि को शुद्ध रखने का संदेश देती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक समाज में गीता के उपदेश पहले से अधिक प्रासंगिक हो गए हैं, क्योंकि यह मनुष्य को संतुलन, संयम, सत्य और कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
तैयारियाँ पूरी, सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान
मंदिर कमेटी ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए अतिरिक्त बैठने की व्यवस्था की जा रही है।
- सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्वयंसेवक तैनात रहेंगे।
- पार्किंग स्थल का विस्तार किया गया है।
- चिकित्सा सहायता के लिए प्राथमिक उपचार केंद्र लगाया जाएगा।
- बुजुर्ग और महिलाओं के लिए विशेष सहायता डेस्क भी बनाया गया है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग को भी सूचना दे दी गई है ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके।
शहर में गीता जयंती को लेकर उत्साह
गिरिडीह शहर में गीता जयंती के प्रति लोगों में खास उत्साह है। बाज़ारों में आध्यात्मिक पुस्तकों, पूजा सामग्री, दीयों और फूलों की खरीदारी बढ़ी है। कई स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी दो दिवसीय उत्सव में सहयोग का आश्वासन दिया है। लोगों का मानना है कि इस तरह के आध्यात्मिक आयोजनों से समाज में सद्भाव, शांति और सकारात्मकता का वातावरण बनता है।
न्यूज़ देखो: आध्यात्मिक ऊर्जा का भव्य संगम
श्री कबीर ज्ञान मंदिर में होने वाला यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि समाज में ज्ञान, सद्भाव और आत्मिक उन्नति का संदेश भी देता है। गीता का उपदेश जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करता है। दो दिवसीय गीता जयंती पर्व गिरिडीह में आस्था और अध्यात्म का अनोखा संगम बनकर उभरेगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
धर्म, ज्ञान और सद्भाव का संदेश आप तक
आप भी इस कार्यक्रम से जुड़े, गीता के उपदेशों को जीवन में अपनाएँ और अपना अनुभव साझा करें। खबर को शेयर करें और बताएं कि गीता का कौन-सा संदेश आपके जीवन को सबसे अधिक प्रेरित करता है।





